13-08-2022, 08:37 PM
(This post was last modified: 18-08-2022, 11:39 AM by Manu gupta. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरी ये कहानी love, romance, emosition, incest relation, और किस्मत क्या क्या रंग दिखाती है उस पर आधारित है।
ये कहानी है मनीष के रिश्तों की. एक तरफ तो उसकी प्यारी मम्मी है जो न जाने क्यों मनीष को लड़कियों की तरह रहने को प्रेरित करती है, और दूसरी ओर है पापा, जिससे मनीष को प्यार है पर ये बात वो खुद नहीं समझ सका है. यहां एक ओर तो मनीष के दिल की उलझन है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे सवाल भी है जो उसके अस्तित्व से जुड़े है. जब मनीष का जीवन उसे दो-राहे पर ले जाएगा तब मनीष कौनसा रास्ता चुनेगा?
आप लोगो ने मेरी कहानी मेरा प्यार भरा परिवार को जो प्यार दिया है उसके लिए बहुत शुक्रिया।
इस कहानी का अंतिम चैप्टर लिखने का समय अब आ गया है। ये चैप्टर कहानी का अंजाम तय करेगा की कहानी का अंत है या शुरुआत।
कहानी के अंतिम चैप्टर को लिखने से पहले मै आप लोगों को कहानी के
आप लोग इस कहानी के सभी भाग "मेरा प्यार भरा परिवार" -- 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 जरूर पढ़ें जिससे आप कहानी को ठीक से समझ पायेगे.
मै मानसी अपने मम्मी की प्यारी और पापा की लाडली या परी भी समझ सकते है।
समय रात के 10:10 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, हम शताब्दी एक्स्प्रेस में बैठकर ग्वालियर अपने घर के लिए चल दिये मेरी मम्मी ने अपना सिर पापा के कंधे पर रख दिया। उन्हे इस तरह बैठे देखकर मुझे और सभी को मेरे पापा मम्मी दुनिया के बेस्ट कपल नजर आ रहे थे।
ये कहानी है मनीष के रिश्तों की. एक तरफ तो उसकी प्यारी मम्मी है जो न जाने क्यों मनीष को लड़कियों की तरह रहने को प्रेरित करती है, और दूसरी ओर है पापा, जिससे मनीष को प्यार है पर ये बात वो खुद नहीं समझ सका है. यहां एक ओर तो मनीष के दिल की उलझन है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे सवाल भी है जो उसके अस्तित्व से जुड़े है. जब मनीष का जीवन उसे दो-राहे पर ले जाएगा तब मनीष कौनसा रास्ता चुनेगा?
आप लोगो ने मेरी कहानी मेरा प्यार भरा परिवार को जो प्यार दिया है उसके लिए बहुत शुक्रिया।
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कहानी के अंतिम चैप्टर को लिखने से पहले मै आप लोगों को कहानी के
आप लोग इस कहानी के सभी भाग "मेरा प्यार भरा परिवार" -- 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 जरूर पढ़ें जिससे आप कहानी को ठीक से समझ पायेगे.
मै मानसी अपने मम्मी की प्यारी और पापा की लाडली या परी भी समझ सकते है।
समय रात के 10:10 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, हम शताब्दी एक्स्प्रेस में बैठकर ग्वालियर अपने घर के लिए चल दिये मेरी मम्मी ने अपना सिर पापा के कंधे पर रख दिया। उन्हे इस तरह बैठे देखकर मुझे और सभी को मेरे पापा मम्मी दुनिया के बेस्ट कपल नजर आ रहे थे।