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अंतरंग हमसफ़र
#84
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग 37

वीसा साक्षात्कार




आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।

घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।

अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।

उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।

मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।

मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा। एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी। फिर मैंने लंड की साफ़ किया और कुछ खा पि कर ऊर्जा प्राप्त करअगले सत्र की तयारी की और मैं तरोताजा महसूस कर रहा था।

फिर मैंने हुमा को घोडी बना कर पीछे से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल कर लड़कियों को पुरुष का स्खलन कैसे होता है दिखाया।फिर मिली ने ऊँगली और मेरे लंड के जादू का अनुभव किया । फिर मिली ने मुझे सपना की पहली चुदाई के लिए अपने कमरे में बुलाया। उसके बाद मैंने सपना की पहली चुदाई करके उसका कौमार्य भंग किया । उसके बाद जब सब सोने चले गए तो सपना चुपके से मेरेकमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी और हमने एक बार फिर चुदाई की


मेरे अंतरंग हमसफ़र , चतुर्थ अध्याय भाग 36 से उद्धृत :


'ओह, कुमार! मैं खुद को रोक नहीं सकती वो लगभग बेहोशी में बड़बड़ाई, फिर अचानक उसकी सांस तेज चलने लगी, उसकी आँखें आधी बंद हो गईं और उसके अंदर एक कम्पन उठा जिससे वो कांपने लगी। वो स्वयं ही अपने चार्म पर पहुंची और जब मैंने उसके नितम्बो को कोमलता से थपथपाया। फिर उसने अपनी नम आँखें मेरी ओर उठाईं, और फुसफुसाते हुए मुझे उत्साह से चूमने लगी 'ओह, कुमार वह बहुत अच्छा था! अब मैं चुप रहूँगी, एक अच्छी लड़की बनूँगी औरआपकी बात मानूंगी!' और फिर से उसने स्वेच्छा से मेरे साथ चिपक गयी । मैंने अपने हाथों को उसके नीचे से उसके स्तनों पर स्थाले गया और उसके स्तनों को प्यार से सहलाया क्योंकि वे मेरे सेने पर टिके हुए थे, और फिर हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए।

कुछ देर बाद वह मेरे कान में फुसफुसायी, कुमार आपका आज क्या कार्यक्रम है? मुझे लगता है आज आपको एमी के पास जाना चाहिए!

क्या उसने तुमसे कुछ कहा है?

'नहीं,! 'सपना ने उत्तर दिया, 'लेकिन मुझे यकीन है कि वह चाहती है कि आप... उसे चोदें, प्रिय! पहले लिली औअर फिर मिली और फिर मुझे आपकी बाँहों में देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गयी है -तुम्हें उसके सवाल सुनने चाहिए थे जब हम मेरे कमरे में थे.


अब आगे

मैंने कहा सपना तुम एमी के सवालों की चिंता मत करो. उसके हर सवाल का जवाब मैं हूँ. और फिर हमने काफी देर तक प्रेमपूर्ण चुंबन किये जिन्होंने उस आनंद की गवाही दी जिसे हमने पारस्परिक रूप से चखा था। 'अब मेरी जान, शुभ रात्रि!' उसने आखिरकार कुछ देर बाद कहा तो मैंने सपना को कोमलता से अपनी ओर खींचा। 'शुभ रात्रि, मेरे प्रिय, प्रिय कुमार!' वह बुदबुदाती हुई बोली और हमारे होठ फिर आपस में जुड़ गए और हमने एक-दूसरे को आलिंगन किया और मैंने उसे कहा -'ओह! सपना तुमने मुझे कितना मजा दिया है!' और उसने मुझे जोश से चूमा, फिर उठकर मेरे द्वार पर गई, और बोली कुमार आज अच्छे से सो जाओ आपको आराम की जरूरत है और यह मत भूलो कि कल तुम्हें एमी का कौमार्य भंग करना है!' मैं हँसा, उसे एक अंतिम चुंबन दिया और इस तरह हम अलग हो गए।

हम सब अगली सुबह नाश्ते पर मिले, लड़किया प्रसन्न दिख रही थीं; मिली और लिली के चेहरों पर प्रसन्नता का भाव था, जबकि एमी का चेहरा गुलाबी था और हुमा मेरी और ही देखे जा रही थी. रोज़ी शबनम, सपना और डेज़ी ने हमें नाश्ता परोसा ।नाश्ते के दौरान लिली ने घोषणा की एक खबर है जो की अच्छी और बुरी दोनों है ।दीपक का लन्दन जाने के लिए वीसा की अर्जी जमा कराने के लिए आज दोपहर 2 बजे का समय मिल गया है और मुझे वहां जाना होगा । हालाँकि मैं अब रोजी रूबी और मेरी इन सब महिला साथियो को छोड़ कर जाना नहीं चाहता था पर ये मेरे पिताजी का आदेश था और उन्होंने हो जल्दी वीसा साक्षात्कार की सारी व्यवस्था की थी इसलिए और कोई विकल्प नहीं था। मिली और लिली कुछ आवश्यक काम में व्यस्त थे। एमी ने स्वीकार किया कि वो आज खाली है लेकिन वो आज बाद में होनेवाले घटना कर्म के बारे में सोच कर थोड़ा घबराई हुई थी । मैं भी उत्सुक था ताकि मैं उसे समझ सकूं कि मैंने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए मैंने सुझाव दिया कि मुझे इस साक्षात्कार के लिए एमी को अपने साथ ले जाना चाहिए । ताकि हम आपस में एक दुसरे से बाते कर सके और एक दुसरे को जान सके। साथ में हुमा और रोजी का जाना भी निश्चित हुआ ताकि वो हमारे सहायता कर सके । किसी को कोई आपत्ति नहीं थी और एमी मेरे साथ पहले डेट पर जाने के लिए त्यार होने चली गयी । वह हमारी पहली डेट थी।

हमने कार ली और वीसा साक्षात कार के लिए चल दिए । एमी मेरे साथ कार में थी और मैं उसके कान में धीरे से फुसफुसाया। थैंक यू एमी! मेरे साथ आने के लिए!

मेरे होंठ उसके कान को छू रहे थे और मैंने अपनी बाँह पीछे से डालकर उसे हल्के से आलिंगन में लिया हुआ था। इस रोमांटिक हरकत से एमी के बदन में कंपकपी दौड़ गयी और वो बहुत शरमा गयी। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो एक कॉलेज की लड़की हो और मैं उसे उसकी पहली डेट पर ले जा रहा था ।

कार हुमा चला रही थी और रोजी उसके साथ आगे बैठी थी । हमारी टाँगें एक दूसरे से सटी हुई थीं । रास्ता काफी ख़राब था बीच बीच में सड़क टूटी हुई थी और झटके बहुत लग रहे थे और जब भी ऐसा कोई झटका लगता तो वो मेरी टाँगों को अपनी टांगो से छूने की कोशिश करती। उसका दिल जोरों से धड़क रहा था और मेरी भावनायें भी बिल्कुल वैसी ही थी जैसी अपनी गर्ल फ्रेंड को पहली डेट पर ले जाते समय होती हैं ।

वो मेरा हाथ पकड़े हुए थी और मैं उसकी पतली अंगुलियों से खेल रहा था। उसकी हथेली गरम महसूस हो रही थी और इससे मुझे और भी उत्तेजना आ रही थी। हम उस ऊबड़खाबड़ रोड में धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे थे। एक सुनसान जगह देखकर मैंने एमी की ड्रेस के टॉप के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी मुलायम चूचियों को सहलाने लगा।

मेरे दवरा प्यार से चूचियों को सहलाने से वो हलके से पहले चौंकी और फिर धीरे से मुस्कुरायी और धीरे से बोली प्लीज कुमार! रुको ये क्या कर रहे हो । कार में और लोग भी हैं. इतने में हम हाइवे पर आ गए और कार तेजी से भागने लगी ।

मैंने उसे धीरे से चूमा और बोला. इनकी चिंता मत करो ये हमारी सहायता के लिए हैं । कार की हर हलचल के साथ मैं धीरे से उसकी चूची को दबा रहा था और उसे इतना अच्छा लग रहा था कि उसने आँखें बंद कर ली और मेरी अँगुलियों को अपने टॉप के अंदर, अपने स्तनों के ऊपर घूमती हुई महसूस कर रही थी। मेरी अँगुलियाँ उसकी ब्रा के ऊपर से उसके निपल को ढूँढने की कोशिश कर रही थीं।

मैं - एमी तुमने अपने निपल्स कहाँ छुपा दिए? मैं उन्हें ढूँढ नहीं पा रहा।

उसने शरमाकर बनावटी गुस्से से मेरे हाथ पर प्यार से थप्पड़ मार दिया और मुझे किस करने लगी। अब उत्तेजना से मेरे कान गरम होने लगे थे। पर मैं कुछ और करता तब तक वीसा साक्षात्कार जहाँ होना था हम वहां पहुँच गए । मैं स्वागत कक्ष की तरफ गया और मालूम चला इसमें समय लगेगा तो साक्षात्कार कक्ष में सिर्फ प्रार्थी को ही प्रवेश की अनुमति थी मैंने रोजी, हुमा और एमी को रेस्टोरेंट में जाने को कहा और बोला मैं काम खत्म होने के बाद उनकी वहीँ मिलता हूँ और मैं वीसा साक्षात्कार कक्ष की तरफ़ बढ़ गया ।

मैं वहां बैठा अपनी बारी का इन्तजार कर रहा था और अपने कागज जांच रहा था तभी एक मीठी सी आवाज सुनाई दी. माफ़ कीजिये!

कहानी जारी रहेगी
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RE: अंतरंग हमसफ़र - by aamirhydkhan1 - 11-08-2022, 07:04 PM



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