11-08-2022, 06:57 PM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 34
सपना का कौमार्य भंग
मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 33 से उद्धृत :
दुसरे कमरे में एक लड़की साडी लपेटे सर पर हल्का-सा घूंघट करके खड़ी थी मैं लपक कर उसके पास गया और अपने दोनों हाथ उनकी कमर पर रख दिए. मेरी भूखी नज़रें उस पर जमी हुई थीं। लगता था कि मैं उसे अपनी आँखों से ही खा जाना चाहता हो। वह उसे लम्पटता से घूरते हुए मिली से बोला, "मिली मेरी किस्मत खुल गई. ऐसा जबरदस्त कुंवारा माल तुमने अब तक कईं छुपा रखा था अब मैं इस चकाचक माल की दावत उड़ाऊंगा।"
मैंने उस लड़की के होंठों पर और गालो पर ऊँगली फिराते हुए कहा, "ओह, कितने नर्म हैं, फूल जैसे! और गाल भी इतने चिकने!" उसने मेरी आँखों को उसके मलाईदार पके दिखने वाले स्तनो के मांस पर महसूस किया। वह अपने निपल्स को सख्त होते हुए महसूस कर रही थी।
मेरा हाथ उनके पूरे चेहरे का जुगराफिया जानने की कोशिश कर रहा था। पूरे चेहरे का जायजा लेने के बाद मैंने उसका घूंघट उठा दिया तो देखा ये तो सपना है । मैंने उसे अपनी अंगूठी तोहफे के तौर पर दी और फिर मेरा हाथ उसके गले और कंधे पर फिसलता हुआ उनके सीने पर पहुँच गया। मैंने आगे झुक कर अपने होंठ उसके गाल से चिपका दिए और अपनी जीभ से पूरे गाल को चाटने लगा। साथ ही मेरी मुट्ठी सपना के उरोज पर भिंच गई. सपना डर रही थी कि मैं उसके स्तन को बेदर्दी से दबाऊंगा पर मेरी मुट्ठी का दबाव न बहुत ज्यादा था और न बहुत कम।
अब आगे :
मैंने धीरे से सपना के होंठो को चूमा, मेरे चूमते ही सपना सिहरने लगी फिर मैंने धीरे से उसे अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी। सपना सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी चूचीयाँ मेरे सीने से दब गयी थी।
मैंने उसे होठों पर कोमलता से चूमा और मेरी जीभ उसके मुंह में घुस गई, मेरी जीभ ने उसे जितना सोचा था उससे कहीं अधिक उत्तेजित किया था-और मेरी जीभ ने उसे और अधिक उत्तेजित कर दिया। सपना अपने आप को इस कामुकता में खोना चाहती थी जो उसके शरीर के हर रोमकूप में फैल रहा था। वह मेरे साथ नग्न रहना चाहती थी और मुझसे अविश्वसनीय चीजें करना चाहती थी। वह मेरे साथ और मेरे साथ वह सब करना चाहती थी जो उसने कभी किसी पुरुष के साथ करने का सपना देखा था।
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो सपना ने कहा कि मास्टर धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब सपना उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैंने उसकी साडी उसके स्तनों के ऊपर से हटा दी उसने चोली नहीं पहनी हुई थी। उसके मांसल बूब्स दबाने से वह सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी। उफ़फ्फ़! अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी में था। मैंने साडी खींची तो उसने चूतड़ ऊपर उठा दिए और फिर साडी भी मैंने निकाल दी मैंने आगे बढ़कर अपने एक हाथ को सपना के नंगे बदन पर फेरना शुरू किया।
मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ पर थे। मैने सपना को इसी स्थिति में प्यार से भींच लिया और उसने भी दोनों बाहें मेरी पीठ पर लेजाकार मुझे ज़ोरों से कस लिया। ऐसा करने से उसकी उत्तेजना थोड़ी कम हुई और उसने अधखुली आँखो से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा।
बूब्स के उभार से होते हुए उसका हाथ सपना की पतली कमर और नाभि पर होते हुए उसकी चूत तक गया। फिर आगे झुककर मैंने सपना के निपल्स को चूसना शुरू कर दिया।
एक निपल के बाद फिर मैं दूसरे निपल को चूस रहा था और उसके बूब्स को दबा भी रहा था। मैंने जल्दी ही उसके दोनों बूब्स को गीला कर दिया था। इस बीच एक हाथ से सपना की चूत को अपनी उंगलियो से रगड़ता भी जा रहा था। फिर मैंने अपना मूह सपना के होंठो की तरफ किया।
अब होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था। अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली का काम कर रही थी। फिर वह उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली मास्टर मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। मैंने सोचा कि अब देर करना उचित नहीं है और उसके गले कंधो और डटनो और फिर पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन।
उस रात मेरे हाथ हर जगह थे, मैं उसे धीरे से छूने और उसे और अधिक उत्तेजित करने लगा और फिर मेरे होंठ और यहाँ तक कि मेरी जीभ भी वहीं चली गई।
वह मह्सूस कर सकती थी कि मैं अब और धैर्य नहीं रखूंगा। जब मैंने उसके बड़े, गोल स्तनों को अच्छी तरह से देखा सहलाया और मैंने उसके सख्त, गुलाबी निपल्स को देख अपने होंठ चाटते हुए देखा। उसे लगा मैं उसे खा जाऊंगा।
मैंने एक हाथ उसके जाँघे के बीच के क्षेत्र के त्रिकोण पर खिसका दिया। मेरी उंगलियाँ हिली और उसने तुरंत प्रतिक्रिया दी, अपना सिर पीछे फेंक दिया और हांफने लगी। मैंने अपना सिर झुका लिया और सपना के मुंह को अपने मुंह से ढक लिया। उसका शरीर तनावग्रस्त हो गया और उसके कूल्हे हिल गए।
फिर मैं सपना की टाँगो की तरफ आया और उसके दोनों पैर चौड़े कर उसकी चूत को खोला। फिर अपने होंठ उसकी चूत के होंठो पर रख दिए और अपने होंठो में सपना की चूत के होंठो को भर-भर कर चूसा। मैने अपनी झीभ उसकी चूत पर चलानी शुरू करदी और एक हाथ आगे लाकर अंगूठे से उसके भज्नासे (क्लाइटॉरिस) तो सहलाना शुरू कर दिया।
अपनी ज़ुबान को सपना की चूत की दरार में चला कर मज़े लिए. अपनी ज़ुबान को सपना की चूत के छेद में डाल कर अंदर बाहर करते हुए थोड़ी देर चोदता रहा। उसका शरीर ज़ोर से एक बार कांपा और उसके बाद काँपता चला गया। मेरा मुँह उसकी चूत पर चिपका हुआ था। फिर वह मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई 2-3 झटकों के साथ उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे मैं चाट गया। सपना ने अपनी टाँगें ज़ोर से भींच लीं और मैं उसकी बगल में लेट गया। सपनां मुझसे लिपट गयी ओर मेरी छाती से शुरू होकर मेरे मुँह तक किस करती चली गयी।और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी।
सिसकती हुई सपना को देख कर मेरा लंड और भी ज़्यादा फड़फड़ाने लगा। मेरे से और इंतेजार नहीं हुआ और वह चढ़ गया सपंना के उपर।
मेरा लंड सपना की ष्हुत से छू गया और लंड से चूत को और छाती से छाती। मिल गयी मैंने अपनी छाती पर उसके मुलायम से बूब्स को दबा दिया ।
फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर वह चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई।
फिर मैने उसकी टाँगें उठा कर ऊपेर कर दी और उनके बीच में आ गया। मैने कहा के सपना अब तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा पहले पहल थोड़ा दर्द होगा जो तुम्हे सहना होगा और उसके बाद ही तुम्हे स्वर्ग का आनंद भी मिलेगा और मैं पूरी कोशिश करूँगा के दर्द कम से कम हो पर होगा ज़रूर, मेरी बात समझ रही हो ना।
फिर मैंने सपना से कहा कि एक बार दर्द होगा, आप बर्दाश्त कर लो फिर तो सारी जिंदगी मस्ती से चुदना। अपना ने अधखुली आँखों से मेरी तरफ देखते हुए सहमति में अपनी पलके बंद खोल कर अपनी सहमति दी मैने उसकी टाँगें चौड़ी करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया और उस पर रगड़ने लगा। फिर मैंने उसे चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा। फिर थोड़ा-सा दबाव डाला और मेरे लंड का सुपरा उसकी चूत के मुँह पर अटक गया। मैने अपना एक हाथ पूरा खोल कर उसके पेट के नीचे ऐसे रखा के मेरा अंगूठा उसके भग्नासे को दबा रहा था।
मेरा लंड जो कि अब पूरा लंबा मोटा और कड़क हो गया था, फंनफना कर सपना की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था। फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि सपना की चीख निकल पड़ी, मास्टर आईईईईईईईई! दर्द उउउउइईईईईई! दर्द हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी सपना चीखने छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।
धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। फिर में उसे चोदता रहा।
फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर सपना ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी। फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।
जारी रहेगी
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 34
सपना का कौमार्य भंग
मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 33 से उद्धृत :
दुसरे कमरे में एक लड़की साडी लपेटे सर पर हल्का-सा घूंघट करके खड़ी थी मैं लपक कर उसके पास गया और अपने दोनों हाथ उनकी कमर पर रख दिए. मेरी भूखी नज़रें उस पर जमी हुई थीं। लगता था कि मैं उसे अपनी आँखों से ही खा जाना चाहता हो। वह उसे लम्पटता से घूरते हुए मिली से बोला, "मिली मेरी किस्मत खुल गई. ऐसा जबरदस्त कुंवारा माल तुमने अब तक कईं छुपा रखा था अब मैं इस चकाचक माल की दावत उड़ाऊंगा।"
मैंने उस लड़की के होंठों पर और गालो पर ऊँगली फिराते हुए कहा, "ओह, कितने नर्म हैं, फूल जैसे! और गाल भी इतने चिकने!" उसने मेरी आँखों को उसके मलाईदार पके दिखने वाले स्तनो के मांस पर महसूस किया। वह अपने निपल्स को सख्त होते हुए महसूस कर रही थी।
मेरा हाथ उनके पूरे चेहरे का जुगराफिया जानने की कोशिश कर रहा था। पूरे चेहरे का जायजा लेने के बाद मैंने उसका घूंघट उठा दिया तो देखा ये तो सपना है । मैंने उसे अपनी अंगूठी तोहफे के तौर पर दी और फिर मेरा हाथ उसके गले और कंधे पर फिसलता हुआ उनके सीने पर पहुँच गया। मैंने आगे झुक कर अपने होंठ उसके गाल से चिपका दिए और अपनी जीभ से पूरे गाल को चाटने लगा। साथ ही मेरी मुट्ठी सपना के उरोज पर भिंच गई. सपना डर रही थी कि मैं उसके स्तन को बेदर्दी से दबाऊंगा पर मेरी मुट्ठी का दबाव न बहुत ज्यादा था और न बहुत कम।
अब आगे :
मैंने धीरे से सपना के होंठो को चूमा, मेरे चूमते ही सपना सिहरने लगी फिर मैंने धीरे से उसे अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी। सपना सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी चूचीयाँ मेरे सीने से दब गयी थी।
मैंने उसे होठों पर कोमलता से चूमा और मेरी जीभ उसके मुंह में घुस गई, मेरी जीभ ने उसे जितना सोचा था उससे कहीं अधिक उत्तेजित किया था-और मेरी जीभ ने उसे और अधिक उत्तेजित कर दिया। सपना अपने आप को इस कामुकता में खोना चाहती थी जो उसके शरीर के हर रोमकूप में फैल रहा था। वह मेरे साथ नग्न रहना चाहती थी और मुझसे अविश्वसनीय चीजें करना चाहती थी। वह मेरे साथ और मेरे साथ वह सब करना चाहती थी जो उसने कभी किसी पुरुष के साथ करने का सपना देखा था।
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो सपना ने कहा कि मास्टर धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब सपना उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैंने उसकी साडी उसके स्तनों के ऊपर से हटा दी उसने चोली नहीं पहनी हुई थी। उसके मांसल बूब्स दबाने से वह सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी। उफ़फ्फ़! अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी में था। मैंने साडी खींची तो उसने चूतड़ ऊपर उठा दिए और फिर साडी भी मैंने निकाल दी मैंने आगे बढ़कर अपने एक हाथ को सपना के नंगे बदन पर फेरना शुरू किया।
मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ पर थे। मैने सपना को इसी स्थिति में प्यार से भींच लिया और उसने भी दोनों बाहें मेरी पीठ पर लेजाकार मुझे ज़ोरों से कस लिया। ऐसा करने से उसकी उत्तेजना थोड़ी कम हुई और उसने अधखुली आँखो से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा।
बूब्स के उभार से होते हुए उसका हाथ सपना की पतली कमर और नाभि पर होते हुए उसकी चूत तक गया। फिर आगे झुककर मैंने सपना के निपल्स को चूसना शुरू कर दिया।
एक निपल के बाद फिर मैं दूसरे निपल को चूस रहा था और उसके बूब्स को दबा भी रहा था। मैंने जल्दी ही उसके दोनों बूब्स को गीला कर दिया था। इस बीच एक हाथ से सपना की चूत को अपनी उंगलियो से रगड़ता भी जा रहा था। फिर मैंने अपना मूह सपना के होंठो की तरफ किया।
अब होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था। अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली का काम कर रही थी। फिर वह उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली मास्टर मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। मैंने सोचा कि अब देर करना उचित नहीं है और उसके गले कंधो और डटनो और फिर पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन।
उस रात मेरे हाथ हर जगह थे, मैं उसे धीरे से छूने और उसे और अधिक उत्तेजित करने लगा और फिर मेरे होंठ और यहाँ तक कि मेरी जीभ भी वहीं चली गई।
वह मह्सूस कर सकती थी कि मैं अब और धैर्य नहीं रखूंगा। जब मैंने उसके बड़े, गोल स्तनों को अच्छी तरह से देखा सहलाया और मैंने उसके सख्त, गुलाबी निपल्स को देख अपने होंठ चाटते हुए देखा। उसे लगा मैं उसे खा जाऊंगा।
मैंने एक हाथ उसके जाँघे के बीच के क्षेत्र के त्रिकोण पर खिसका दिया। मेरी उंगलियाँ हिली और उसने तुरंत प्रतिक्रिया दी, अपना सिर पीछे फेंक दिया और हांफने लगी। मैंने अपना सिर झुका लिया और सपना के मुंह को अपने मुंह से ढक लिया। उसका शरीर तनावग्रस्त हो गया और उसके कूल्हे हिल गए।
फिर मैं सपना की टाँगो की तरफ आया और उसके दोनों पैर चौड़े कर उसकी चूत को खोला। फिर अपने होंठ उसकी चूत के होंठो पर रख दिए और अपने होंठो में सपना की चूत के होंठो को भर-भर कर चूसा। मैने अपनी झीभ उसकी चूत पर चलानी शुरू करदी और एक हाथ आगे लाकर अंगूठे से उसके भज्नासे (क्लाइटॉरिस) तो सहलाना शुरू कर दिया।
अपनी ज़ुबान को सपना की चूत की दरार में चला कर मज़े लिए. अपनी ज़ुबान को सपना की चूत के छेद में डाल कर अंदर बाहर करते हुए थोड़ी देर चोदता रहा। उसका शरीर ज़ोर से एक बार कांपा और उसके बाद काँपता चला गया। मेरा मुँह उसकी चूत पर चिपका हुआ था। फिर वह मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई 2-3 झटकों के साथ उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे मैं चाट गया। सपना ने अपनी टाँगें ज़ोर से भींच लीं और मैं उसकी बगल में लेट गया। सपनां मुझसे लिपट गयी ओर मेरी छाती से शुरू होकर मेरे मुँह तक किस करती चली गयी।और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी।
सिसकती हुई सपना को देख कर मेरा लंड और भी ज़्यादा फड़फड़ाने लगा। मेरे से और इंतेजार नहीं हुआ और वह चढ़ गया सपंना के उपर।
मेरा लंड सपना की ष्हुत से छू गया और लंड से चूत को और छाती से छाती। मिल गयी मैंने अपनी छाती पर उसके मुलायम से बूब्स को दबा दिया ।
फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर वह चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई।
फिर मैने उसकी टाँगें उठा कर ऊपेर कर दी और उनके बीच में आ गया। मैने कहा के सपना अब तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा पहले पहल थोड़ा दर्द होगा जो तुम्हे सहना होगा और उसके बाद ही तुम्हे स्वर्ग का आनंद भी मिलेगा और मैं पूरी कोशिश करूँगा के दर्द कम से कम हो पर होगा ज़रूर, मेरी बात समझ रही हो ना।
फिर मैंने सपना से कहा कि एक बार दर्द होगा, आप बर्दाश्त कर लो फिर तो सारी जिंदगी मस्ती से चुदना। अपना ने अधखुली आँखों से मेरी तरफ देखते हुए सहमति में अपनी पलके बंद खोल कर अपनी सहमति दी मैने उसकी टाँगें चौड़ी करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया और उस पर रगड़ने लगा। फिर मैंने उसे चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा। फिर थोड़ा-सा दबाव डाला और मेरे लंड का सुपरा उसकी चूत के मुँह पर अटक गया। मैने अपना एक हाथ पूरा खोल कर उसके पेट के नीचे ऐसे रखा के मेरा अंगूठा उसके भग्नासे को दबा रहा था।
मेरा लंड जो कि अब पूरा लंबा मोटा और कड़क हो गया था, फंनफना कर सपना की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था। फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि सपना की चीख निकल पड़ी, मास्टर आईईईईईईईई! दर्द उउउउइईईईईई! दर्द हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी सपना चीखने छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।
धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। फिर में उसे चोदता रहा।
फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर सपना ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी। फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।
जारी रहेगी