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Incest स्वाति की शादी : मेरी सुहागरात
#6
कार में विवेक के गोद में बैठ दीपा उसके मुंह में जीभ घुसाई तो देवर जी मेरे जीभ को चूसने लगे साथ ही मेरे बैकलेस ब्लाऊज की डोरी खोल चुके थे तो ब्लाऊज आगे की ओर लटक चुका था लेकिन फिलहाल तो उसके छाती से मेरी बाईं चूची ही दब रही थी और उसके मुंह में जीभ डाल ऐसा लगा मानो वो ड्रिंक्स किए हो फिर भी पल भर तक फ्रेंच किस्स का मजा ली फिर उसके गोद से उतर अपनी बलाऊज को बाहों से निकाल दी तो विवेक मेरे साड़ी को सीने से नीचे कर चूचियों के नग्न हिस्से को चूमने लगा साथ ही मेरे नग्न पीठ सहला रहा था, मेरा हाथ उसके पैंट के बटन पर था तो मेरी चूचियों को चूमता हुआ वो मेरी सपाट पेट तक को चूमने लगा और मेरी चूत में अब खुजली होने लगी तो विवेक झट से अपना पैंट खोल चढ्ढी उतार दिया और कार के अंदर बाहर से ही थोड़ी बहुत रोशनी आ रही थी, उसका गोरा लम्बा लंड पकड़ सहलाने लगी तो वो मेरी ब्रा की हूक खोल चूचियों को नंगा कर दिया। विवेक मुझसे उम्र में दो साल छोटा होगा तो उसके गोरे बदन और स्मार्ट फिगर ने मुझे उसकी ओर आकर्षित कर रखा था साथ ही दोनों के बीच कई बार संभोग क्रिया भी पहले हो चुका था, फिलहाल विवेक अपना चेहरा चूची पर लगाया और मुंह खोल मेरी चूची को अंदर लिए चूसने लगा तो उसके लंड को पकड़ मैं हिलाने लगी, दोनों सेक्स की दुनिया में खो चुके थे। दीपा के खूबसूरत जिस्म का उपरी हिस्सा नग्न था तो वो मेरी चूची चूसते हुए मेरे पीठ को सहला रहा था और अब कामुकता वश मैं उसके चेहरे को पीछे की फिर चूची मुंह से बाहर कर विवेक मेरे दूसरे स्तन को मुंह में लिए चूसने लगा ” ओह उह विवेक प्लीज़ चोद ना क्या चूची चूसने में लगे हुए हो, कितने दिनो के बाद तो तेरी बाहों में हूं ” लेकिन देवर मेरी चूची चूसता रहा और उसका लंड अब टाईट हो चुका था, बड़ी कार थी तो पिछले सीट पर आराम से टांग फैलाए चुदवा सकती थी और जैसे ही उसने मेरी चूची को छोड़ा, मैं उसके गोद से उतर गई और अपने कमर से लिपटे साड़ी को खोल अब पेटीकोट खोलने लगी तो विवेक अपना शर्ट उतार नंगा हो गया और सारा कपड़ा अगले सीट पर रख अब मैं कार के खिड़की से सर लगाए सीट पर लेटी तो विवेक मेरी जांघों के बीच चेहरा किए बुर को चूमने लगा और मैं उसके ओंठ का प्यार चूत पर पाते ही आहें भरने लगी ” ओह उह उई मां कितनी गुदगुदी बुर के अंदर हो रही है ” तो मेरी फांकों के बीच जीभ रगड़ता हुआ विवेक मेरी चूत चाटने लगा और मैं मस्ती में लेटे हुए सिसक रही थी ” उई सी इस आह ओह तुम तो बुर से पानी निकाल कर ही रहोगे ” तो भी कुत्ते की तरह विवेक मेरी चूत को चाटता रहा, हर लड़की और औरत चाहती है कि उसके योनि को मर्द चूमे / चाटे तो अब विवेक जीभ निकाल मेरी चूत में दो उंगली एक साथ घुसाए रगड़ने लगा साथ ही मेरे गोल मुलायम चूची को पकड़ मसल रहा था और मैं ” ओह उह आह अब नहीं मेरा रस निकलेगा आह चाट साले रण्डी की औलाद ” तो विवेक मुस्कुराता हुआ ” तेरी सासू मां तेरे तरह दस घाट का पानी नहीं पी रही है
( मैं गुस्से में ) सो क्या तुमसे इजाजत लेकर चुद्वाएंगी ” और मेरी चूत से रस निकलने लगा तो देवर जी जीभ बुर में डाल चाटने लगे और दीपा चुदाई को तड़प रही थी, अब मेरे बदन में मानो आग लगी हुई थी तो विवेक बुर चाट चेहरा उपर किया ” भाभी जान मेरा लंड मुंह में या फिर चूत में डालूं
( मैं झेंप के चेहरा को हथेली से ढक ली ) आपकी भाभी अपना तन आपको सौंप चुकी है, जिधर डालना हो डालिए ”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: स्वाति की शादी : मेरी सुहागरात - by neerathemall - 11-08-2022, 05:28 PM



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