11-08-2022, 05:21 PM
( वो लन्ड को अंदर कर मेरी चूची पकड़े दबाया ) क्यों तुम्हें भी रेणु के सामने पटककर चोद दूं ” मैं उसके लन्ड के उभार को पकड़ दबाई ” क्यों नहीं बहन हो या भांजी तुझे क्या फर्क पड़ता, चल मैं भी पीछे से आती हूं
( समर बरामदे पर आकर मुझे बाहों में लिए गाल चूम लिया और चूतड को थपथपाया ) कल दिन में नदी के किनारे, अभी रेणु को ” फिर वो रूम घुसे तो मैं बरामदे की कुर्सी पर बैठी, रेणु नंगे थी और समर को देख बोली ” ओह कितनी देर लगा दिए, अब मेरे पर चढ़कर ही चोदो
( समर उनके जांघो को फैलाया और बैठे बैठे लन्ड को बुर में पेला ) उह साला तेरा लन्ड तो बहुत मोटा है, कितनी औरतों को पेला है
( समर पूरा लन्ड घुसाकर उसके ऊपर सवार हुआ और चोदने लगा ) क्या रेणु अभी चूतड उछाल उछाल कर चुद्वाओ फिर बताऊंगा ” तो रेणु अपने गोल गद्देदार गांड़ को उछालना शुरू की और मामा तो रेणु दीदी को चोदता हुआ उनके चेहरे को चूम रहा था, मां उनसे १४ साल बड़ी थी फिर भी बुर की खुजली के सामने ना रिश्ता देखी और ना ही उम्र का लिहाज तो दोनो चूदाई में मस्त थे और मैं अपने चूत में उंगली करते हुए रस चुवा दी, उधर समर पिछले दस मिनट से मां को चोदता हुआ हांफने लगा ” बेबी अब और नही बस रस गिरने पर है ” ये सुनते ही रेणु अपने चूतड को तेजी से उछालने लगी और आठ दस धक्का देकर समर रेणु के बदन पर लेट गया, रेणु उसके बाल सहलाने लगी ” तू तो लंबी पारी खेलने वाला खिलाड़ी है, इतनी देर तक चूदाई बहुत अरसों बाद हुई
( समर ) ठीक है अब आप कपड़ा पहनकर निकलिए कहीं जिया जान गई तो ” फिर मैं उठकर अपने रूम गई और चादर ओढ़कर सो गई, रात के १२:१५ बजे थे तो कल दिन में मामा से मुझे चुदवाना था, कुछ देर बाद मां आई फिर मेरे बगल में सो गई।
( समर बरामदे पर आकर मुझे बाहों में लिए गाल चूम लिया और चूतड को थपथपाया ) कल दिन में नदी के किनारे, अभी रेणु को ” फिर वो रूम घुसे तो मैं बरामदे की कुर्सी पर बैठी, रेणु नंगे थी और समर को देख बोली ” ओह कितनी देर लगा दिए, अब मेरे पर चढ़कर ही चोदो
( समर उनके जांघो को फैलाया और बैठे बैठे लन्ड को बुर में पेला ) उह साला तेरा लन्ड तो बहुत मोटा है, कितनी औरतों को पेला है
( समर पूरा लन्ड घुसाकर उसके ऊपर सवार हुआ और चोदने लगा ) क्या रेणु अभी चूतड उछाल उछाल कर चुद्वाओ फिर बताऊंगा ” तो रेणु अपने गोल गद्देदार गांड़ को उछालना शुरू की और मामा तो रेणु दीदी को चोदता हुआ उनके चेहरे को चूम रहा था, मां उनसे १४ साल बड़ी थी फिर भी बुर की खुजली के सामने ना रिश्ता देखी और ना ही उम्र का लिहाज तो दोनो चूदाई में मस्त थे और मैं अपने चूत में उंगली करते हुए रस चुवा दी, उधर समर पिछले दस मिनट से मां को चोदता हुआ हांफने लगा ” बेबी अब और नही बस रस गिरने पर है ” ये सुनते ही रेणु अपने चूतड को तेजी से उछालने लगी और आठ दस धक्का देकर समर रेणु के बदन पर लेट गया, रेणु उसके बाल सहलाने लगी ” तू तो लंबी पारी खेलने वाला खिलाड़ी है, इतनी देर तक चूदाई बहुत अरसों बाद हुई
( समर ) ठीक है अब आप कपड़ा पहनकर निकलिए कहीं जिया जान गई तो ” फिर मैं उठकर अपने रूम गई और चादर ओढ़कर सो गई, रात के १२:१५ बजे थे तो कल दिन में मामा से मुझे चुदवाना था, कुछ देर बाद मां आई फिर मेरे बगल में सो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.