11-08-2022, 05:15 PM
भाई और बहन का नैसर्गिक प्यार
जिया अपने नानी घर आई हुई थी तो साथ में मेरी मां रेणु भी थी जोकि ४० वर्ष की उम्र में भी काफी सज संवर कर रहती थी, शरीर तो थोड़ा मांस्ल हो चुका था और कद ५ फिट ३ इंच की होगी और एक रात उन्हें नींद की दवाई दूध में मिलाकर दे दी तो मामा और भांजी ने उनके नग्न बुर को देखा, फिर भी समर उन्हे चोदने को तैयार नही हुए लेकिन आज रात तो मेरी छुट्टी थी साथ ही रेणु दीदी को चोदने के लिए मामा आतुर थे, उन्होंने औरतों को कामुक करने हेतु एक दवाई ले रखी थी जिसको मैं दूध के ग्लास में मिलाकर पिला देती फिर क्या होता, पढ़िए! रात को हमलोग साथ में खाना खाए फिर मां अपने आदत के अनुरूप एक ग्लास दूध मांगी तो मैं किचन में दूध ग्लास में देकर वो दवाई भी मिला दी और खुद खाना खाकर मां के पास सोने चली गई, वैसे वो बरामदे पर नानी से बाते कर रही थी तो मामा को इस दवाई का असर मालूम था, इससे नींद नही बल्कि जिस्म को सेक्स की तड़प महसूस होती तो यहां समर मामा के सिवाय कोई मर्द उनकी आग बुझाने के लिए नही था। मां बेड पर आई तो वो ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ में थी तो पेटीकोट पहनी ही होगी और मैं नाईटी पहन लेट गई तो मां बोली ” जिया अभी दूध पीने के बाद मुझे अजब सी अनुभूति हो रही है
( मैं अनजान बनते हुए बोली ) आराम से सो जाओ दूध तो मैं भी पी चुकी हूं मैं तो ठीक हूं ” और दोनो करवट लेकर सो गए, मुझे मालूम था की इनको नींद नही आयेगी फिर ये मामा के रूम भी जा सकती है, शायद इनके जिस्म की भूख इनको मर्द यानी मामा तक ले जाए, इसलिए मामा अपने रूम का दरवाजा खुला छोड़े थे। मैं जानबूझकर जागी हुई थी ताकि मां की हरकत पर ध्यान दे सकूं, आधा घंटा बिता होगा की वो बेड पर से उठी वो भी बड़बड़ाते हुए ” पता नही दूध पीते ही तन में क्या हो गया ” वो रूम से निकली तो मैं सोची की थोड़े देर तक इंतजार किया जाए और फिर मां रूम में आकर टॉर्च ली फिर रूम से बाहर चली गई, शायद बाथरूम गई हो तो क्यों ना मैं भी जाकर पिसाब कर लूं लेकिन सोची थोड़ा इंतजार किया जाए और मैं कुछ देर में मां के नही आने पर रूम से निकली तो बरामदे पर एक बल्ब जल रहा था और मैं देखी की समर मामा के कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ है,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.