11-08-2022, 05:08 PM
घर के सभी लोग साथ में खाना खा रहे थे तो दिसम्बर के कड़ाके की ठंड में मैं कम्बल ओढ़कर लेटा हुआ आराम कर रहा था। दीपा के गोरे बदन के साथ उनके बड़े बड़े बूब्स, भारी भरकम चूतड़ के साथ बुर का क्या हाल फौजी जीजा ने किया होगा ये तो देखकर ही समझ में आएगा बाकिं मेरी दीदी चुदककड़ किस्म की औरत है तो आर्मी केंट में गैर मर्दों के संग वो शारीरिक संबंध नहीं बनाई हो इसकी गारंटी मैं नहीं दे सकता, फिर दीवार घड़ी में देखा तो रात के १०:१५ हो चुके थे और शायद डायनिंग हॉल में कोई भी नहीं था तो घर में पूर्णतः सन्नाटा, सोचा एक बार टहल कर घर का माहौल देखा जाए तो रूम से बाहर निकला और फिर मॉम के रूम की ओर गया तो दरवाजा बंद था और फिर दीदी के रूम की ओर गया लेकिन वो भी दरवाजा बंद कर चुकी थी। राहुल किचन जाकर प्लेट में खाना निकाल रूम लेता आया और फिर अपने रूम का दरवाजा बंद करके मैं वाशरूम घुसा तो दीदी के रूम की ओर का दरवाजा वाशरूम की ओर से सिर्फ सटा हुआ था, मैं दबे पांव उसके रूम में दाखिल हुआ तो दीदी रजाई तन पर डाले सो रही थी लेकिन मेरे तन की भूख बढ़ चुकी थी, मैं दीदी के पैर के पास बैठा तो दीपा अपनी बेटी को सीने से लगाए आराम से सो रही थी तभी मैं धीरे से अपना हाथ रजाई में घुसा दिया और उनके कमर से पैर तक को सहलाने लगा, मेरा हाथ उनके नाईटी को कमर की ओर करने के प्रयास में लगा हुआ था और जैसे ही मेरा हाथ उनके नाईटी के अंदर चला गया, मैं हाथ उनके जांघों के बीच लगाकर पैंटी पर हाथ फेरने लगा और गद्देदार चूत की फांकें पैंटी पर से ही गर्म लग रही थी और उसको सहलाता हुआ मजा ले रहा था कि उसकी आंखें खुल गई और वो उठकर पहले तो अपनी बेटी को थोड़ा अलग की फिर मैं अपनी भांजी को एक कम्बल ओढ़ाकर दीपा के रजाई को हटाया तो वो भी बेझिझक मेरे से लिपट गई, दोनों बेड के बीचोबीच होकर बाहों में एक दूसरे को पकड़े चुम्बन देने लगे और दीपा की रसीली ओंठ मेरे गर्दन पर थी तो मेरा हाथ उसके पीठ सहलाने में लगा हुआ था और तभी दीदी मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे ओंठ पर ओंठ रखकर चूमने लगी तो मेरा हाथ उनके बूब्स की गोलाई को सहलाने लगा। दीपा ब्लू रंग की नाईटी पहन रखी थी तो उसकी डोरी कमर पर बंधी हुई थी और तभी दीपा मेरे मुंह में अपना जीभ घुसाने लगी तो मैं उनके जीभ मुंह में लिए चूसने लगा तो वो मेरे पैजामा की डोरी को पकड़ खोल दी और उसकी जीभ चूसता हुआ मैं अपना पैजामा खोल दिया तो दीदी कि नाईटी भी दो हिस्सों में होकर उसकी मोटी बाहों पर थी और उसके दोनों स्तन दूध से लबालब लग रहे थे, कुछ देर के बाद उनकी जीभ निकालकर उनको बेड पर लिटाया फिर उनके उफान लेती चूचियां को पकड़ दबाने लगा, दो साल में ही दीपा की चूचियां बहुत बड़ी हो चुकी थी तो उनके तन से नाईटी उतारकर उन्हें नग्न कर दिया लेकिन पैंटी उनकी चूत को ढक रखी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.