11-08-2022, 05:07 PM
मैं ) नहीं, बस प्लेटफॉर्म तक साथ गया तो ट्रेन लगभग एक घंटे बिलंब थी
( दीदी ) जीजा की ट्रेन थोड़ी देर पहले खुल चुकी है, वो मुझे फोन किए थे ” तो मैं दीपा को उसके काले रंग की नाईटी में घुर रहा था और वो अपनी बेटी को बेड पर लिटाकर मेरे करीब खिसकी और मेरे जांघ पर हाथ फेरने लगी तो मैं दीदी के बूब्स को नाईटी पर से ही पकड़कर दबाने लगा ” कितना बड़ा हो गया है
( वो बेशरम की तरह बोली ) तो क्या हमेशा एक सा रहेगा ” और दीदी तभी मेरे लंड के उभार को पैजामा के उपर से पकड़कर दबाने लगी तो दीदी की मुलायम चूची दबा दबाकर मैं मस्त हो रहा था, मेरा दूसरा हाथ उनके चेहरे से गर्दन तक को सहलाने लगे तो वो बोली ” देर रात वाशरूम के रास्ते यहां आ जाना, ढेर सारी बातें करेंगे ” फिर मैं दीपा के चेहरे को चूमने लगा तो दीदी पहले तो थोड़ा शरमाई फिर वो मेरे से लिपटकर मुझे चूमने लगी और दोनों एक दूसरे के ओंठ चूम चूमकर गर्म होने लगे, दोनों काम की ज्वाला में तड़प रहे थे कि किसी के आने की आहट सुनाई दी तो दीदी मुझसे दूर होकर बैठी और दोनों सिर्फ बातें करने लगे, मॉम आकर पूछी ” तू कब लौटा
( मैं ) १५-२० मिनट पहले, चलूं थोड़ा आराम करने
( मॉम ) खाना खाकर सो जा
( मैं ) अभी भूख नहीं है, तुम लोग खा लेना मैं बाद में खाऊंगा ” और फिर अपने रूम जाकर आराम करने लगा
( दीदी ) जीजा की ट्रेन थोड़ी देर पहले खुल चुकी है, वो मुझे फोन किए थे ” तो मैं दीपा को उसके काले रंग की नाईटी में घुर रहा था और वो अपनी बेटी को बेड पर लिटाकर मेरे करीब खिसकी और मेरे जांघ पर हाथ फेरने लगी तो मैं दीदी के बूब्स को नाईटी पर से ही पकड़कर दबाने लगा ” कितना बड़ा हो गया है
( वो बेशरम की तरह बोली ) तो क्या हमेशा एक सा रहेगा ” और दीदी तभी मेरे लंड के उभार को पैजामा के उपर से पकड़कर दबाने लगी तो दीदी की मुलायम चूची दबा दबाकर मैं मस्त हो रहा था, मेरा दूसरा हाथ उनके चेहरे से गर्दन तक को सहलाने लगे तो वो बोली ” देर रात वाशरूम के रास्ते यहां आ जाना, ढेर सारी बातें करेंगे ” फिर मैं दीपा के चेहरे को चूमने लगा तो दीदी पहले तो थोड़ा शरमाई फिर वो मेरे से लिपटकर मुझे चूमने लगी और दोनों एक दूसरे के ओंठ चूम चूमकर गर्म होने लगे, दोनों काम की ज्वाला में तड़प रहे थे कि किसी के आने की आहट सुनाई दी तो दीदी मुझसे दूर होकर बैठी और दोनों सिर्फ बातें करने लगे, मॉम आकर पूछी ” तू कब लौटा
( मैं ) १५-२० मिनट पहले, चलूं थोड़ा आराम करने
( मॉम ) खाना खाकर सो जा
( मैं ) अभी भूख नहीं है, तुम लोग खा लेना मैं बाद में खाऊंगा ” और फिर अपने रूम जाकर आराम करने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.