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Incest तेरी दीदी बेशर्म
#23
पा अभी इटावा ( ससुराल ) में है तो मेरे तन की आग हमेशा ही प्रज्वलित होती रहती है और वो भी तब अधिक जब कोई मेरे लिए तड़पता है और मेरा देवर विवेक मेरे साथ पहले भी सेक्स का आनन्द ले चुका है तो दोनों एक दूसरे के साथ मौका मिलते ही मजे लेने लगते है तो मेरी सासु मां और ससुर जी थोड़े खुशमिजाज किस्म के है और वो मुझ पर कुछ खास बंधन नहीं लगाते तो आज दिन में ही देवर ने मुझे वाशरूम में चोदा और फिर चूत की सुरसुरी मुझे परेशान करने लगी तो शाम को मैंने विवेक से कहा ” विवेक मार्केट से आते वक़्त मेरे लिए कुछ सामान लेते आना ” फिर मेरे मुंह से कोल्ड बियर, गर्भनिरोधक गोलियां और हेयर रिमूवर क्रीम सुन वो समझ गया की आज रात फिर से भाभी के साथ मजे लेने हैं तो शाम को किचन का काम निपटा ली फिर छत पर टहलने चली गई। इटावा शहर में ससुर जी ने मकान बनाया था तो उपरी मंजिल पर किराएदार रहते थे लेकिन फिलहाल वो लोग अपने घर गए हुए थे तो उसके उपर की मंजिल पर सिर्फ एक सामान रखने का रूम बना हुआ था बाकी खुला छत तो आज रात मुझे छत पर ही देवर के साथ चुदाई का आनंद लेना था। रात के ०९:१५ बजे होंगे की ससुर और सासू जी को खाना खिलाया फिर अपने रूम चली गई तो कुछ देर बाद विवेक मेरे पास आया और बोला ” भाभी बियर लेकर छत पर चलें वहीं ठंडी हवा लेते हुए बियर पिया जाए ” मैं सर हिलाकर हामी भरी तो वो छत पर एक पतला सा बिस्तर साथ ही चादर, तकिया लेकर गया और मैं पीछे से दो बोतल ठंडी बियर लेकर पहुंची तो विवेक छत पर बेड लगाया फिर मुझे देख बोला ” बैठिए भाभी लेकिन इतनी गर्मी में आप क्या साड़ी पहन रखी है

( मैं मुंह फेर बोली ) तो क्या छत पर नग्न होकर घूमूं ” और विवेक दोनों बोतल को खोला फिर दोनों बियर पीने लगे तो विवेक मेरी ओर खिसका फिर मेरे कंधे पर हाथ रख बोला ” बियर पीने में मजा नहीं आ रहा है
( मैं ) तो क्या करूं ” वो मेरे हाथ से बियर की बोतल लेकर रखा फिर मुझे बेड पर लिटाया और मेरे साड़ी उतारने लगा, अब मैं सिर्फ़ ब्लाऊज और पेटीकोट में लेटी हुई थी तो उफान लेती चूचियों को सहलाता हुआ मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया और कुछ देर में ही दीपा नग्न अवस्था में बेड पर लेटी हुई थी लेकिन विवेक क्या चाहता था, ये मुझे समझ नहीं आया। विवेक बियर की बोतल लिया फिर मेरे चूची से लेकर पेट तक बियर गिराने लगा और मैं ” अरे पागल ये क्या कर रहे हो
( वो मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगा ) भाभी आज बियर से आपके तन को भिगो कर चाटूंगा ” मैं झेंप गई और अपनी हथेली चेहरे पर रख शरमाने लगी तो मेरे चेहरे से लेकर कमर तक बियर गिराकर विवेक ने मेरे तन को भिगो दिया फिर वो एक चूची को दबा रहा था तो दूसरे हाथ में बियर की बोतल लेकर पी रहा था, दीपा की दोनों जांघें एक दूसरे पर थी जिसे मैं आपस में रगड़ते हुए चूत के फांकों को गर्म कर रही थी।
विवेक बियर की बोतल रखा और अब मेरे चेहरे को जीभ से चाटने लगा लेकिन एक हाथ से मेरी चूची इस कदर दबा रहा था मानो वो आंटा गूंथ रहा हो तो मैं उसके लंबे जीभ से चेहरा चटवाई फिर वो मेरे रसीले ओंठ को चाटने लगा तो मैं मुंह खोली लेकिन विवेक अपना जीभ घुसाने की जगह मेरे बियर की बोतल लेकर मुझे पिलाने लगा तो मैं लेटे हुए में बियर पी रही थी और वो शेष बचे बियर को मेरे कमर से जांघों तक गिराकर मुझे भिगो दिया, अब मेरी जांघें फैल चुकी थी तो वो चूत पर भी बियर चुवाया और अब मेरे स्तन पर मुंह लगाकर चूची चूसने लगा, मैं अब कामुकता वश सिसकने लगी ” ओह विवेक पूरे जिस्म पर बियर, तन भिगो दिया ‘ लेकिन वो चूची चूसने में मस्त था तो उसके पीठ पर मैं हाथ फेरने लगी और वो मेरी दूसरी चूची को मुंह में भर चुभला रहा था। दीपा की चूत में खुजली होने लगी तो देवर चूची चूसने में लीन थे तभी मैं उनके चेहरे को पीछे धकेल चूची को मुंह से निकाल दी फिर भी विवेक मेरे भींगे बदन को चाटते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा तो कमर पर उसके ओंठ का प्यार पाकर चूतड हवा में उठाने लगी और दोनों जांघें इस क़दर फैलाई मानो उसका लंड नहीं उसे ही पूरी तरीके से घुसा लूंगी और विवेक झट से अपना कपड़ा उतार नंगा हुआ फिर मेरी चूत पर मुंह लगाए चूमने लगा और कोमल जननांग पर मर्द के ओंठ का एहसास मुझे पागल कर रहा था तो उसके बाल पकड़ उसके चेहरे को चूत की ओर घुसा रही थी और देवर जी मेरे चूत को फैलाकर जीभ घुसाए चाटने लगे तो पूरा तन बियर की वजह से चिपचिपा लग रहा था, जी कर रहा था कि जाकर नहा लूं लेकिन फिलहाल तो कुत्ता बुर चाटते हुए मेरे कमर को कसकर पकड़ रखा था ” उह ओह विवेक अब नहीं प्लीज़ चोद चोद ना मुझे ” लेकिन उसकी जीभ मेरी चूत में तेजी से नाच रही थी फिर विवेक जीभ निकाल लिया और अपनी दो उंगलियों को चूत में घुसेड़ रगड़ने लगा तो मैं अब चुदासी चूत से परेशान थी, उसे अब मूसल लंड चाहिए था तो विवेक उंगली करता हुआ मेरी चूत को रसीला बनाने में लगा हुआ था ” उह ओह आउच विवेक अब बुर से रस निकलने वाली है ” और वो उंगली निकाल चूत की फांकों को ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा फिर चूत से रस निकल पड़ी जिसे वो चूसकर चेहरा हराया….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: तेरी दीदी बेशर्म - by neerathemall - 11-08-2022, 05:00 PM



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