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Fantasy जिया की कामुकता
#15
( वो बेंच पर बैठा ) बैठ तो बताऊं ” मैं उससे सटकर बैठी ” वो क्या है की चीनी मिल में दर्जनों महिलाएं हैं, बेचारी गरीब हैं तो कभी कभार मेरे साथ टाइम पास कर पैसा बना लेती है ” मैं नासमझ की तरह उसके कंधे में हाथ डालकर गाल चूम ली ” ओह तो गरीब के साथ मस्ती करते हो और मेरे साथ क्या करोगे ” वो कुछ बोले बिना निर्जन सड़क की ओर देखा फिर झट से मेरी बाईं चूची को पकड़ दबाने लगा और मैं शर्म से सर झुकाए उसके पैंट पर से ही लन्ड के उभार को सहलाने लगी, सच में भग्नाशा में गुदगुदी मचलने लगी तो बारिश अपने चरम पर थी और मोहित प्यार से अब चूची दबाए जा रहा था। तभी वक्त दोपहर के १:३० बजे थे तो दो क्लास सस्पेंड हो रखी थी, सो मॉम से भी डर नही था और तभी मैं उसके हाथ अपनी चूची पर से हटाई और बोली ” क्या है फ्री में बहुत मस्ती कर लिए, अब खर्चा कर तो मजा मिलेगा

( वो उठकर पैंट के पॉकेट से पर्स निकाल मुझे दे दिया ) जितना निकालना है ले लो लेकिन मुझे एक घण्टे तक मत रोको
( मैं पर्स उसे बढ़ाते हुए बोली ) रण्डी नहीं हूं लेकिन सड़क किनारे भी तो ये काम नही कर सकती ” वो मेरे शॉर्ट स्कर्ट को जांघ की ओर करते हुए हाथ अंदर घुसाने लगा तो मैं हाथ पकड़ ली ” डियर कहीं चलो ना तो जन्नत की सैर करा दूंगी ” लेकिन बारिश तेज हो रही थी तो मोहित अपना हाथ मेरी स्कर्ट में घुसाकर पेंटी पर से ही बुर को सहलाने लगी, जब जिस्म में गर्मी लगी हो तो फिर क्या सड़क और क्या पलंग और मैं बोली ” मोहित जरा ध्यान से देखो तो एक गुमटी खुली पड़ी है वो भी सड़क के उल्टे दिशा में
( वो स्कर्ट के अंदर से हाथ निकाला ) लेकिन बेबी उसके अंदर मजा तो दोनो ले लेंगे लेकिन ” मैं तभी इशारे से उस गुमटी में घुसने को बोली और फिर मोहित उठकर उधर गया और गुमटी को ध्यान से देखा ” चल आ जा इसके अंदर ही तुझे पेलता हूं ”
जिया उठी और अपने कंधे में पर्स डाले गुमटी में घुस गई, गुमटी लकड़ी की थी तो काफी पुरानी लेकिन इसके अंदर कोई मजा करेगा ऐसा कोई शक भी नहीं कर सकता, फिर मोहित अंदर आया और उसके दोनो दरवाजे बाहर की ओर खुले थे लेकिन उसकी दिशा सड़क से विपरीत और सामने तो चौड़ा नाला था, अब मोहित मेरी ओर खिसका फिर दोनो हाथ बूब्स पर लगाके दबाने लगा ” उह ओह सी इस कितनी खुजली हो रही है जान ” और मैं उसके पैंट की जिप खोलने लगी लेकिन वो झट से अपना पैंट और अंडरवियर उतार दिया, साले का लौड़ा सात आठ इंच लम्बा होगा तो मैं उसको पकड़ कर झुकी फिर तो मैं झट से उसके सामने कुत्ति की तरह होकर लन्ड को चूमने लगी। मोहित के हाथ का एहसास मेरी चूतड पर था तो स्कर्ट मेरी कमर पर आ चुकी थी, सिर्फ एक पेंटी पहने इज्जत को ढके थी तो उसके लन्ड को चूमते हुए जीभ से चाटना शुरु की, वो बिना देर किए मेरे पेंटी की डोरी को खोला फिर दोनो जांघ फैलाकर बुर पर उंगली रगड़ने लगा, मेरे सीने से लगे स्तन को सहलाता हुआ गप से बुर में उंगली डाल दिया और मैं बेबस की तरह उसके लन्ड के सुपाड़ा को ओंठो के बीच में लेकर चूसने लगी, मोहित मेरे टॉप्स को गले तक किया तो मैं उसके सुपाड़ा मुंह से निकाल सीधी हुई ” पांच हजार में चोदने दूंगी
( वो पैंट से पर्स निकाल पैसा मुझे दिया और एक कंडोम भी निकाला ) अब ठीक है जानू, मेरा वश चले तो अपनी मॉम तक को चोद दूं ” और मैं किसी रण्डी की तरह अपने टॉप्स सहित ब्रा खोल नंगी हुई, उसके शर्ट और बनियान उतार उसके लन्ड को पकड़ ली ” अब जरा चूस लूं डियर ” तो मोहित मेरे चूतड सहलाने लगा, दूसरे हाथ से एक बूब्स दबा रहा था, चुदाई के पांच हजार, चूतड उछाल उछाल कर चुदूंगी और मैं सुपाड़ा सहित आधा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी तो मोहित मेरी बुर में उंगली करते हुए स्तन दबाने लगा साथ ही अपने चूतड को ऊपर नीचे करते हुए मेरी मुंह की चुदाई करने लगा। मुंह में लौड़ा तो बुर में उंगली, मेरे मुंह से लार टपक रहा था तो मैं मुख मैथुन करने में मस्त थी और तभी मेरी बुर से रस निकलने लगा और मोहित मेरे बाल पकड़कर लन्ड को मुंह से निकाला ” तेरी बुर का रस चाटूंगा साली
( मैं हंस दी ) ओह तो लन्ड का रस नही मिलेगा ” वो तुरंत ही मेरी चूतड की ओर गया फिर लपालप बुर में जीभ घुसाए चाटने लगा, उसकी हाथ एक बूब्स दबाने में थी तो दूसरी पीठ सहलाने लगी ” उई मां अब तो चोद दो ना मेरी बुर में आग लगी हुई है ” लेकिन वो मेरी बुर में जीभ घुसाए चाटे जा रहा था और पल भर बाद जीभ निकाल मेरे चूतड पर थपड़ मारा ” अबे साली रण्डी अब लौड़ा चूस फिर चोदूंगा ”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिया की कामुकता - by neerathemall - 11-08-2022, 04:58 PM



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