11-08-2022, 04:57 PM
जिया की उमड़ती जवानी पर हर किसी की नजर थी, लेकिन आपलोग तो सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं, मेरी उम्र २३वर्ष तो अपने जिस्म की भूख मिटाने के लिए क्लासमेट से चुदी फिर भैया तक को अपने हवस का शिकार बनाई लेकिन चुत की गर्मी कभी ठंडी हुई है क्या, सो एक दिन कॉलेज से लौटने के क्रम में अकेली पड़ गई, मेरी सहेली की महावारी मुझे ऐसा मौका देगी मुझे नही पता था। कॉलेज से कुछ दूरी पैदल चली थी की तेज बारिश होने लगी साथ ही बिजली कड़क रही थी सो मैं सड़क किनारे के एक बस स्टैंड के शेड में चली गई और वहीं चुपचाप खड़ी हुए बारिश का मजा ले रही थी मेरे जिस्म के अंदर काफी हलचल तो बुर में खुजली, आखिर दस लंड खा जो चुकी थी, तभी एक जवान छोकरा बाईक से आया और बाईक खड़ी कर शेड में खड़ा हो गया। जिया तिरछी नजरों से उसे देखी लेकिन उस साले का ध्यान सिर्फ और सिर्फ बारिश पर ही था, में मौका गंवाना नहीं चाहती थी, सो उसके हट्ठे कट्ठे बदन को देखते हुए कल्पना में खो गई, इस साले के जांघो के बीच नजर गई तो समझ आया कि इस छोकरे का लौड़ा हेवी होगा, बस किसी तरह मुझे घूरे तो मैं उसे अपना जिस्म देकर चुदाई का मजा ले लूं, वैसे भी मां को मेरी परवाह तो थी लेकिन फिलहाल वक्त मेरे पास था, और तभी उसकी नजर मुझसे टकराई और दोनो में ऐसा नयन मटक्का हुआ की वो मेरे खूबसूरत जिस्म जोकि सलवार और सूट में थे को निहारने लगा, मैं उसके करीब खिसकी तो वो अनायास मेरी ओर खिसक मेरे कमर में हाथ दे दिया। जिया को अब भूख लगी थी तो प्लेट में खाना रखा हुआ था, मैं उसकी ओर देख बोली ” हेलो ये कमर सरकारी नहीं है ” वो डर से हाथ हटाया तो तेज बारिश में तन में आग लगी हुई थी साथ ही तेज हवा के कारण बारिश से भींग भी रही थी लेकिन मेरा प्रतिरोध बस एक दिखावा था, झट से उसकी ओर खिसकी फिर उससे चिपक कर अपने स्तनों को उसकी छाती से रगड़ने लगी फिर देर क्या था, वो लड़का मेरे गोल मुलायम चूतड को सहलाने लगा और बस स्टेंड पर ही दोनो एक दूसरे से चिपके हुए खड़े थे, मेरे गुदाज गांड़ पर उसकी हाथ फिसलने लगी तो वो मेरे लंबे जुल्फों को पकड़ मेरे चेहरे को सीधा किया फिर गुलाबी होंठ पर चुम्बन देने लगा। जिया की छलकती जवानी पर कितने मोहर लग चुके थे और मैं बेशर्म लड़की की तरह उसके चेहरे को चूमते हुए उसकी पीठ सहलाने लगी ” क्या नाम है जानू
( वो मेरे चूतड के गुदाज अंग को दबाने लगा ) नाम तो मोहित है और तू ” मैं उससे हट कर बोली ” जिया मेरा नाम है, तुम क्या करते हो
( वो हंसता हुआ बोला ) कुछ नहीं पापा के चीनी मिल पर जाता हूं और मस्ती करता हूं
( मैं खिलखिलाकर हंस दी ) चीनी मिल पर मस्ती
( वो मेरे चूतड के गुदाज अंग को दबाने लगा ) नाम तो मोहित है और तू ” मैं उससे हट कर बोली ” जिया मेरा नाम है, तुम क्या करते हो
( वो हंसता हुआ बोला ) कुछ नहीं पापा के चीनी मिल पर जाता हूं और मस्ती करता हूं
( मैं खिलखिलाकर हंस दी ) चीनी मिल पर मस्ती
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.