11-08-2022, 04:35 PM
सने मेरे कपडे उतारने लगा तो मैं मना कर दी। बोली तुम मेरा भाई है नहीं की मेरा पति। मैं ये करने कैसे दे सकती हूँ। उसने कहा कुछ नहीं होगा ऐसा आजकल होता है। कोई बड़ी बात नहीं है भाई भी अपने बहन की चुदाई कर सकता है।
मैं समझ गयी आज ये मुझे पेल कर ही छोड़ेगा। वो अपने कपड़े उतार दिया। मैं उसके मोटे लंड को देखकर पागल हो गयी और पाने की इच्छा जागृत हो गयी। मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और तुरंत ही उसका मोटा लंड अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। अब मैं धीरे धीरे करके अपने कपडे उतार दि और लेट गयी.
यानी की मैं अपने सगे भाई से सेक्स के लिए तैयार थी। मैं टांगो को अलग अलग कर दी वो मेरी चूत को पहले निहारा उसके बाद चाटने लगा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा और वो चाटने लगा मेरे मुँह से सेक्सी आवाज निकलने लगी। मैं पागल होने लगी। मुझे ऐसा ला रहा था की जैसे मैं जन्नत में आ गयी हूँ। मेरे तन बदन में सिहरन होने लगी थी गला सूखने लगा था।
करीब वो दस मिनट तक पागल कर दिया। कभी गांड चाटता तो कभी चूत और अपने दोनों हाथो से मेरी निप्पल को दो दो उँगलियों से मसलता जिससे मैं और भी ज्यादा पागल होने लगी थी।
तभी वो अपना लंड मेरी चूत पर लगाया। मेरी चूत पहले से ही गीली थी। उसने चूत के छेड़ पर लंड लगाया करीब नौ इंच का लंड एक झटका दिया तो आधा गया। मैं दर्द से कराहने लगी। मैं बोली बाहर निकालो मेरी चूत फट गयी पर वो मेरी एक नहीं माना। मेरी चूचियों को मसला मेरे होठ को चूसा और फिर से जोर से धक्का दिया और इस बार उसका मोटा नौ इंच का लंड मेरी चूत के अंदर दाखिल हो गया।
अब वो जोर जोर से धक्के देने लगा और मैं भी गांड उठा उठा कर हौले हौले से धक्के देने लगी। ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जन्नत में थी। हौले हौले से गांड को गोल गोल घूमना और उसके लंड को अंदर करना और फिर वो बिच बिच में जोर जोर से धक्के देना।
मैं समझ गयी आज ये मुझे पेल कर ही छोड़ेगा। वो अपने कपड़े उतार दिया। मैं उसके मोटे लंड को देखकर पागल हो गयी और पाने की इच्छा जागृत हो गयी। मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और तुरंत ही उसका मोटा लंड अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। अब मैं धीरे धीरे करके अपने कपडे उतार दि और लेट गयी.
यानी की मैं अपने सगे भाई से सेक्स के लिए तैयार थी। मैं टांगो को अलग अलग कर दी वो मेरी चूत को पहले निहारा उसके बाद चाटने लगा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा और वो चाटने लगा मेरे मुँह से सेक्सी आवाज निकलने लगी। मैं पागल होने लगी। मुझे ऐसा ला रहा था की जैसे मैं जन्नत में आ गयी हूँ। मेरे तन बदन में सिहरन होने लगी थी गला सूखने लगा था।
करीब वो दस मिनट तक पागल कर दिया। कभी गांड चाटता तो कभी चूत और अपने दोनों हाथो से मेरी निप्पल को दो दो उँगलियों से मसलता जिससे मैं और भी ज्यादा पागल होने लगी थी।
तभी वो अपना लंड मेरी चूत पर लगाया। मेरी चूत पहले से ही गीली थी। उसने चूत के छेड़ पर लंड लगाया करीब नौ इंच का लंड एक झटका दिया तो आधा गया। मैं दर्द से कराहने लगी। मैं बोली बाहर निकालो मेरी चूत फट गयी पर वो मेरी एक नहीं माना। मेरी चूचियों को मसला मेरे होठ को चूसा और फिर से जोर से धक्का दिया और इस बार उसका मोटा नौ इंच का लंड मेरी चूत के अंदर दाखिल हो गया।
अब वो जोर जोर से धक्के देने लगा और मैं भी गांड उठा उठा कर हौले हौले से धक्के देने लगी। ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जन्नत में थी। हौले हौले से गांड को गोल गोल घूमना और उसके लंड को अंदर करना और फिर वो बिच बिच में जोर जोर से धक्के देना।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.