11-08-2022, 04:34 PM
थोड़ा थोड़ा तो समझने लगी थी क्यों की वो बार बार मेरे प्राइवेट पार्ट के तरफ घूर रहा था और अपना दांत पीस रहा था मैं समझ गयी कुछ और चाहिए इसे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)