11-08-2022, 04:05 PM
( मैं उसके गाल चूमने लगी ) ओह झूठे तुम मुझे अपने जाल में फांस लिया ” और फिर दोनों एक दूसरे को चूमते हुए बदन को सहलाने लगे तो विवेक २२-२३ साल का जवान लड़का मेरी चूची को अब पकड़ दबाने लगा और मैं भी सोची की गैर मर्दों के साथ मजा लेने का मौका मिला है तो एंजॉय कर लिया जाए, अब मेरा हाथ विवेक के पैजामा की डोरी को खोल दिया तो मैं तो पहले से ही नंगी थी, देवर मेरी चूची चूसने लगा तो मैं उसके लंबे मोटे लंड को पकड़ दबाने लगी, यकीनन मेरे भाई से इसका लंड बड़ा और कड़ा था तो चूची चूसकर वो अब दूसरी चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं उसके लंड को आगे पीछे करने लगी और नवंबर की ठंड में भी बदन में गर्मी थी ” उह ओह आह ” तो विवेक मेरी गान्ड के दरार में उंगली रगड़ता हुआ मस्त था। मैं उसको पीछे धकेलकर बोली ” विवेक मुझे डर लग रहा है, घर में पापा मम्मी भी हैं
( वो मेरे पैर के सामने बैठकर बोला ) बगल मंदिर में भजन करने गए हैं दोनों ” फिर विवेक मेरे दोनों पैर को फैलाकर बुर को चूमने लगा ” उह भैया की क्या तकदीर है, इतनी खूबसूरत और सेक्सी बीबी जो मिली है
( दीपा ) आप शादी क्यों नहीं कर लेते ” लेकिन देवर मेरे एक पैर को पकड़ हवा में उठाए बुर को चूमने लगा तो मैं बुर के मुहाने को उंगली से फैलाकर जीभ घुसाने को बोली तो विवेक मेरी चूत चाटने लगा और मेरे बदन में सिहरन हो रही थी ” उह ओह उई मां इतनी खुजली आह ” और वो बुर के दोनों फांक मुंह में लेकर लेमनचुस की तरह चूसने लगा तो पल भर बाद मेरी चूत पानिया गई और वो बुर का रस पीकर उठा फिर मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया तो मैं जमीन पर बैठकर उसके लंड का चमड़ा छीलकर सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ने लगी और मुंह खोले पूरा लंड गटक गई, किसी रण्डी को मैं मुखमैथुन में हरा दूं ऐसी काम कला से निपुण हूं तो उसके कमर में हाथ डाले मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी और आज की शाम मेरे जीवन में एक नया अध्याय जोड़ चुका था तो वो सिसकने लगा ” आह ओह भाभी पल भर चूस ना फिर मेरा लंड तेरी मुंह में ही वीर्य स्खलित करेगा ” मुझे लंड चूसने में मजा तो आने लगा लेकिन असमंजस में थी कि देवर के लंड का वीर्य चखा जाए या नहीं, इतने में मेरे बाल को कसकर पकड़े विवेक मुंह में ही लंड पेलने लगा और पल भर बाद मेरे मुंह में वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी तो वीर्य पीकर मैं मस्त हो उठी, फिर दोनों फ्रेश होकर बाहर आए
( वो मेरे पैर के सामने बैठकर बोला ) बगल मंदिर में भजन करने गए हैं दोनों ” फिर विवेक मेरे दोनों पैर को फैलाकर बुर को चूमने लगा ” उह भैया की क्या तकदीर है, इतनी खूबसूरत और सेक्सी बीबी जो मिली है
( दीपा ) आप शादी क्यों नहीं कर लेते ” लेकिन देवर मेरे एक पैर को पकड़ हवा में उठाए बुर को चूमने लगा तो मैं बुर के मुहाने को उंगली से फैलाकर जीभ घुसाने को बोली तो विवेक मेरी चूत चाटने लगा और मेरे बदन में सिहरन हो रही थी ” उह ओह उई मां इतनी खुजली आह ” और वो बुर के दोनों फांक मुंह में लेकर लेमनचुस की तरह चूसने लगा तो पल भर बाद मेरी चूत पानिया गई और वो बुर का रस पीकर उठा फिर मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया तो मैं जमीन पर बैठकर उसके लंड का चमड़ा छीलकर सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ने लगी और मुंह खोले पूरा लंड गटक गई, किसी रण्डी को मैं मुखमैथुन में हरा दूं ऐसी काम कला से निपुण हूं तो उसके कमर में हाथ डाले मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी और आज की शाम मेरे जीवन में एक नया अध्याय जोड़ चुका था तो वो सिसकने लगा ” आह ओह भाभी पल भर चूस ना फिर मेरा लंड तेरी मुंह में ही वीर्य स्खलित करेगा ” मुझे लंड चूसने में मजा तो आने लगा लेकिन असमंजस में थी कि देवर के लंड का वीर्य चखा जाए या नहीं, इतने में मेरे बाल को कसकर पकड़े विवेक मुंह में ही लंड पेलने लगा और पल भर बाद मेरे मुंह में वीर्य की पिचकारी छूट पड़ी तो वीर्य पीकर मैं मस्त हो उठी, फिर दोनों फ्रेश होकर बाहर आए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.