11-08-2022, 03:54 PM
हमारा सभ्यता, संस्कृति और परंपरा क्या पतन की ओर है! या इसे हमलोग कलयुग की पराकाष्ठा समझें जहां अपना भाई ही बहन के साथ सेक्स कर बैठता है तो बहनें भी यही सोच भाई के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना लेती है कि कल होकर शादी के बाद तो इसी सुख के लिए जीना है लेकिन वो तो पति परमेश्वर के साथ होगा तो वो सामाजिक है और परम्परा भी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.