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जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
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जिया के बुर में मूसल लंड दे दनादन चोद रहा था तो डॉगी स्टाईल में पहली बार चुदवा रही थी और नितिन मेरे कमर कसकर पकड़े हुए पूरा लंड चूत की गहराई तक पेलने में लगा हुआ था तो मैं पीछे मुड़कर देखी ” थोड़ी ढीली पकड़ रख अब चूतड हिलाने का जी कर रहा है

( मैं चूतड को हिलाने लगी ) तू एक नंबर की चुदासी रण्डी बनेगी
( मैं चूतड हिलाते हुए मुस्कराई ) वो तो हूं डियर आखिर जवानी में आग जो लगी है ” और नितिन मेरी चूत की चुदाई करता हुआ मेरे सीने से लगे बूब्स को पकड़ दबाने लगा और मैं अपने बेड पर नितिन से चुदवाती हुई मस्त थी, ना कोई शर्म और ना कोई झिझक तो वो मेरी चूत में लंड डाले अब स्थिर हो गया तो जिया अपने चूतड को स्प्रिंग की तरह हिलाते हुए खुद से चुदवा रही थी साथ ही सेक्सी आवाज भी निकाल रही थी ” ओह क्या मस्त लौड़ा है बिल्कुल लोहे कि रॉड की तरह मुझे तो बेहद पसंद है जान
( नितिन भी धक्का देने लगा ) चिंता मत कर जान तेरी शादी हो या मेरी हमदोनो एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाते रहेंगे ” अब घुटनों के बल हुए चुदवा कर थक चुकी थी लेकिन नितिन चोदे जा रहा था और मेरी चूत तो आग की भट्टी बन चुकी थी ” नितिन प्लीज़ थोड़े देर का ब्रेक ” वो भी लंड निकाल वाशरूम चला गया तो मैं बिस्तर पर लेट गई, रूम में कूलर ऑन रहते हुए भी मैं पसीना पसीना हो चुकी थी, बेड पर पड़े एक टॉवेल से अपने बदन को पोंछि फिर वाशरूम जाकर फ्रेश हुई तो नितिन लेट गया फिर दोनों नंगे हुए सिर्फ बातें कर रहे थे, जिया की चूत दो बार रसीली हो चुकी थी तो लग रहा था मानो जल्द ही फिर से रस छोड़ेगी तो जिया भैया से चिपककर उसके गाल चूमने लगी और नितिन मेरे गोल गद्देदार चूतड को सहलाता हुआ ओंठ चूमा ” चलो संभोग क्रिया का अंत कर ही दिया जाए ” और जिया टांग फैलाए लेटी रही तो सूखे गर्म चूत में नितिन ने थूका फिर लंड पेलने लगा, आधा लंड एक ही सांस में घुसाया फिर कमर पकड़े जोर से चोद डाला और मैं चिंहुक उठी ” ओह मां बिल्कुल गदहे का लौड़ा है ” और वो फिर से जोर का धक्का दिया तो पूरा लंड बुर में था, मेरे उपर सवार हुए चोदने लगा तो जिया उसके पीठ सहलाते हुए चुदवा रही थी। नितिन का कसरती बदन साथ ही मोटा लौड़ा हर किसी को पसंद आता तो मैं अब उसके कमर पकड़े चूतड उछालने लगी और वो मेरे पर लेटा हुआ चोद रहा था, पल भर में ही बुर से रस की फुहार निकल पड़ी तो मैं चूतड स्थिर किए चुदवा रही थी और नितिन चोदने में लीन था तो कमरे में फचाफाच की आवाज होने लगी, मेरे ओंठ चूम बोला ” सेक्सी बस दो मिनट की बात है, चूतड उछाल ना प्लीज ” मैं तो ढीली पड़ चुकी थी और नितिन शाम के वक़्त मेरे चूत से दो बार रस निकाल दिया था, फिर भी चूतड उछालने लगी तो वो मेरे ओंठ चूमता हुआ पूरे ताकत और गति के साथ चोदे जा रहा था और जिया नितिन चुदाई के आखिरी क्षण गुजार रहे थे ” उह ओह चोद चोद साले मादरचोद तुम्हें तो मां की चूत भी मिलेगी
( वो चोदता हुआ हांफने लगा ) ओके तो उस बुढ़िया की बुर में मेरा लंड, इतने खराब दिन मेरे नहीं आए हैं ” और दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए चुदाई का आनंद ले रही थे फिर नितिन बोल पड़ा ” बस हो गया, पीला अपने बुर को मेरे लौड़े का रस ” तो मेरी चूत में वीर्यपात हुआ और बुर में रस भरे पड़े थे, कुछ पल बाद नितिन मेरे बदन पर से उठा फिर वो फ्रेश होकर अपने रूम चला गया तो जिया भी फ्रेश होकर सो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा - by neerathemall - 11-08-2022, 03:16 PM



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