11-08-2022, 02:32 PM
हमदोनो वापस कमरे मे आये और दिपा बेड़ पर कुत्तिआ कि तरह हो गयी, उनके चुत्तर के पास घुत्तने के बल बैठा और अपना लंड़ पकड़ कर बुर मे घुसाने लगा, मेरा 1/2 से ज्यादा लंड़ बुर मे था और मे कमर थामकर बुर मे जोर का झट्का दिया और मेरा मुसललंड़ दिदी कि बुर मे था, वो चिंख पड़ी….. “अरे बाप रे मेरी बुर फाड़ने पर क्यो लगे हो, इतना मोटा लंड़ तो तेरे जिजा का भी नही है. ” लेकिन मेरा लंड़ पुरे गति से उसकी बुर चोद रहा था, गिले बुर मे लंड़ गपागप दौड़ लगा रहा था और वो रांड़ अपने चुत्तर को जोर-2 से हिल्लाने लगी, दिदी को चोदने का आनंद ही अलग था ! मेरा लंड़ बुर को पुरे गति के साथ चोद रहा था तो दिपा अपने गांड़ को हिला रही थी, मेरा लंड़ पुरी तरह से गरम हो चुका था और दिपा कि बुर भी मेरे लंड़ के रगड़्न से गर्म हो चुकी थी, वो कुत्तिआ की तरह होकर चुदने मे मस्गूल थी, मुझे देखकर बोली…… ” अबे साले कुत्ते तेरा लंड़ तो झड़ेगा ही, थोड़ा जल्दी गिरा दो ना
(राहुल) सो क्या चुदक्कर बुर फटने लगी क्या. ” और मेरा लंड़ 15 मिनट के बाद विर्य गिरा दिया और दिदी पल भर बाद लंड़ बाहर कर दी और लंड़ चुसकर विर्य का स्वाद लेने लगी !
(राहुल) सो क्या चुदक्कर बुर फटने लगी क्या. ” और मेरा लंड़ 15 मिनट के बाद विर्य गिरा दिया और दिदी पल भर बाद लंड़ बाहर कर दी और लंड़ चुसकर विर्य का स्वाद लेने लगी !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
