11-08-2022, 02:26 PM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -24
लिली के साथ मजे.
आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 से उद्धृत :
"मिली मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।
फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।"
अब आगे:-
फिर सब लड़कियों के लिली के पास हुई और उसे घेर लिया और मेरे सामने उसे हाथो और बाजुओं से छिपा लिया और मुझे सिर्फ लड़कियों के हाथ और बाजू ही नजर आ रहे थे और लिली उनमे चुप गयी थी । फिर लड़कियों ने एक-एक कर के अपनी एक-एक बाजू या हाथ को-को हटाया तो लिली मेरे सामने खड़ी अपने स्तनों को सहला रही थी।
फिर लिली ने अपने स्तनो को अपनी उंगलियों में पकड़ कर दबाया और उन्हें ऊपर से धीरे-धीरे दबाते हुए अपने हाथ निप्पल के पास ले गयी और निप्पल को सहलाने लगी। वह अपना समय ले रही थी और इससे मेरी हालत खराब हो रही थी। अब उसके हाथ उसके स्पॉट पेट पैर से होते हुए नीचे की चले गए. फिर उसके हाथ उसकी योनि क्षेत्र में चले गए और उसकी उंगलिया उसकी योनी के कोमल मांस में छुप गयी और उस संक्षिप्त क्षण के लिए उसके पेट की मांसपेशियाँ सख्त हो गईं,
उसने अपने एक हाथ को अपने शरीर पर फिराया। यह हाथ उसके स्तनों को दबाने के लिए कुछ समय के लिए रुक कर फिर उसके पेट के साथ वापस उसकी चूत पर आ गया। उसकी लंबी उंगली नीचे की ओर झुकी और उसके भगशेफ तक पहुँचने के लिए योनि के मैजेंटा होठों को थोड़ा-सा विभाजित किया!
फिर लिली लहराते हुए घूमी और उसने चम्मच से अपने पास रखे हनीपोट में से शहद निकाला और उसे अपने स्तनों के निपल्स पर रगड़ा और उसकी अच्छी तरह गोल छाती पर उसके निप्पल लाल चेर्री की तरह चमक उठे। वह फिर मेरे पास चली आयी और एक स्तन को मेरे होठों तक धकेल दिया और कहा, "इसमें से शहद चाटो!" मैंने लालच से अपना मुँह खोला जीभ निकाली और स्तन पर फिरा कर उसे चाटा और ओंठ ब्नद कर एक निप्पल को चूसा और फिर दूसरा। लेकिन यह उसे काफी नहीं लग रहा था। मुझे उन निपल्स को अपने दांतों के बीच ले जाना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्यों मैंने ऐसा नहीं किया।
मेरी धोती के अंदर मेरा लंड ऊपर उठा और उसकी योनी की ओर इशारा किया, मैं अब बुरी तरह से उसे चोदना चाहता था!
मैंने अपनी बाहें खोली और कहा मेरी प्यारी लिली क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ और वह मेरी बाहों में दौड़ पड़ी और मैंने अपनी बाँहों को लिली के चारों डाल दिया और उसे अपनी ओर खींचकर उसे मेरे दिल से दबा दिया, हमारे होंठ जुड़ गए और हम एक लंबे समय तक चुंबन करते रहे।
"मेरी प्यारी लिली, मेरी परी; मेरी प्यारी मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करता हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।" मैं उसे प्यार करते हुए बोल रहा था। वह अब मेरे सीने पर अपने स्तन गूंथ रही थी और उसकी चूत और कुल्हे ऊपर-नीचे उछल रहे थे ।
लिलीने मेरी बाहो में आ कर आराम करने की जगह खुद को मुझे समर्पित कर दिया और दुलार के साथ मेरे चुंबन का जबाब चुंबन देकर दुलार का जबाब दुलार के साथ। उसके गोरे बदन का रंग गुलाबी हो गया और उसकी आँखें चमक उठीं। और वह भी "ओह मेरे दीपक मेरे मास्टर मेरे प्यारे दीपक मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करती हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ। ओह! माई दीपक माई लव,", "आई लव यू। मैं तुम्हारी हूँ।" बोलती हुई मुझे चुम्बन करने लगी
आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हो है कि इस तरह के दुलार का मुझ पर क्या असर हुआ। मुझे लगा की मैं बिजली की चिंगारी से टकरा गया और वह एक क्षण ऐसा था मानो मुझे लकवा मार गया हो और मैं अपना होश लगभग खो चुका था। फिर जब उसे मुझे एक बार फिर चुंबन किया तो मुझे जैडसे होश आया और मैंने खुद को संभाला।
मैंने फिर से उसके होंठो को दबाते हुए एक चुंबन किया जिसका उसने-उसने तहे दिल से जवाब दिया। उसने खुद को मेरे चारों ओर लपेट लिया और मुझे अपने ऊपर खींच लिया जिससे मैं उसके ऊपर आधा और आधा सोफे पर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत से कुछ ही दूर उसकी नाभि के मांस पर दब गया और मेरा चेहरा उसके स्तनों के बीच की खायी में उतर गया। माएने उसके स्तनों को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, उसके स्तन बहुत स्वादिष्ट थे! मेरा मुंह इससे पहले कभी भी इतना ग्रहणशील नहीं था। उसके निप्पलों का स्वाद मेरे अंदर तक ऐसे भर गया जैसे मैंने कोई दुर्लभ व्यंजन निगल लिया हो।
मैं उस समय समझ नहीं पाया कि मेरी अंगुलियों की संवेदी नसें भी पहले से दस गुना संवेदनशील हो गयी थी। मैं अब केवल उसकी त्वचा, उसके किसी भी हिस्से को छूना चाहता था, और इसलिए मेरे हाथ और मेरी उंगलिया उस समय लिली के सारे बदन जहाँ भी वह आजादी से जा सकती टी वहाँ पर फिर रही थी।
ओह मेरे प्यारे बोलते हुए उसने मेरी गर्दन में अपने बाहों को डाले रख मुझे बेतहाशा चुंबन करने लगी तो मैं बोलै लिली मुझे अब पता चला कि तुम मुझे कितना चाहती हो। ओह लिली तुम कितनी सुन्दर हो और मैंने बारी-बारी से उसके प्रत्येक स्तन को छुआ और पाया की उसके स्तन और निप्पल सूज गए हैं ।
अन्य सातो लड़किया हमारे इस प्यार भरे चुंबन को बड़े गौर से देख रही थी।
फिर उसके शरीर को महसूस करते हुए मेरा हाथ उसके नाजुक स्थान पर पहुँच गया और बड़ी उत्सुकता से साथ वहाँ खोज बीन करने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि लिली की योनि में थोड़ा-सा बदलाव आया है। उसकी योनि के होंठ पहले से मोटे हो गए थे; मैंने उस जगह की तलाश की जिसने लालच से मेरी बड़ी और कठोर मशीन को निगल लिया था, लेकिन मुझे एक बार फिर वहाँ पर केवल एक छोटा-सा छेद मिला जिसमें मेरी उंगली उसे दर्द दिए बिना प्रवेश नहीं कर सकती थी। उसकी चूत चुदाई के बाद से थोड़ा सूज गयी थी । मैंने अपनी उंगली को थोड़ा अंदर किया तो एक अवर्णनीय सनसनी ने उसके पूरे अस्तित्व पर आक्रमण किया। मैंने पहले धीरे से उसकी योनि को सहलाया फिर तेज, बाद में धीमे और फिर और तेज ऊँगली को आगे पीछे किया तो लिली ने शब्दों को दोहराया-"।आह! ओह्ह! ओह्ह की धीमे और फिर तेज कराहे कमरे में गूंजने लगी!"
अंत में एक नर्वस ऐंठन ने लिली को जकड़ लिया और मेरी ऊँगली और हाथ पूरा गीला हो गया। वह पूरा आंनद महसूस कर रही थी क्योंकि वह इस बार बेहोश नहीं हुई थी। और फिर उसने अपनी बिखरी हुई इंद्रियों को इकट्ठा किया और मैंने उसके प्यारे नंगे नितम्बो पर हल्के से थपथपाया और पूछा, "क्या तुम्हें कुछ अलग लग रहा है, लिली?"
लिली को लगा शायद मैं उसे भी हुमा की तरह कुछ सजा दूंगा तो वह बोली ओह्ह! कृपया, -ओह, कृपया मुझे हुमा की तरह सजा मत दीजिये उसने मुझसे भीख माँगी और अपना सिर मेरी तरफ घुमाया ताकि वह मेरे चेहरे की ओर देख सके। "आप जो चाहते हैं, मैं वह करूँगी, अगर आप चाहते हैं कि मुझे इस तरह चोट लगे तो आप वह भी कर सकते हैं।" वह थोड़ा घबरा कर बोली ।
सभी लड़किया लिली के इस प्रेम प्रलाप को सम्भोग का आनद लेते हुए बड़े गौर से देख रही थी।
लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।
वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"
"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"
कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग 25 में पढ़िए।
आपका दीपक
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -24
लिली के साथ मजे.
आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 से उद्धृत :
"मिली मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।
फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।"
अब आगे:-
फिर सब लड़कियों के लिली के पास हुई और उसे घेर लिया और मेरे सामने उसे हाथो और बाजुओं से छिपा लिया और मुझे सिर्फ लड़कियों के हाथ और बाजू ही नजर आ रहे थे और लिली उनमे चुप गयी थी । फिर लड़कियों ने एक-एक कर के अपनी एक-एक बाजू या हाथ को-को हटाया तो लिली मेरे सामने खड़ी अपने स्तनों को सहला रही थी।
फिर लिली ने अपने स्तनो को अपनी उंगलियों में पकड़ कर दबाया और उन्हें ऊपर से धीरे-धीरे दबाते हुए अपने हाथ निप्पल के पास ले गयी और निप्पल को सहलाने लगी। वह अपना समय ले रही थी और इससे मेरी हालत खराब हो रही थी। अब उसके हाथ उसके स्पॉट पेट पैर से होते हुए नीचे की चले गए. फिर उसके हाथ उसकी योनि क्षेत्र में चले गए और उसकी उंगलिया उसकी योनी के कोमल मांस में छुप गयी और उस संक्षिप्त क्षण के लिए उसके पेट की मांसपेशियाँ सख्त हो गईं,
उसने अपने एक हाथ को अपने शरीर पर फिराया। यह हाथ उसके स्तनों को दबाने के लिए कुछ समय के लिए रुक कर फिर उसके पेट के साथ वापस उसकी चूत पर आ गया। उसकी लंबी उंगली नीचे की ओर झुकी और उसके भगशेफ तक पहुँचने के लिए योनि के मैजेंटा होठों को थोड़ा-सा विभाजित किया!
फिर लिली लहराते हुए घूमी और उसने चम्मच से अपने पास रखे हनीपोट में से शहद निकाला और उसे अपने स्तनों के निपल्स पर रगड़ा और उसकी अच्छी तरह गोल छाती पर उसके निप्पल लाल चेर्री की तरह चमक उठे। वह फिर मेरे पास चली आयी और एक स्तन को मेरे होठों तक धकेल दिया और कहा, "इसमें से शहद चाटो!" मैंने लालच से अपना मुँह खोला जीभ निकाली और स्तन पर फिरा कर उसे चाटा और ओंठ ब्नद कर एक निप्पल को चूसा और फिर दूसरा। लेकिन यह उसे काफी नहीं लग रहा था। मुझे उन निपल्स को अपने दांतों के बीच ले जाना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्यों मैंने ऐसा नहीं किया।
मेरी धोती के अंदर मेरा लंड ऊपर उठा और उसकी योनी की ओर इशारा किया, मैं अब बुरी तरह से उसे चोदना चाहता था!
मैंने अपनी बाहें खोली और कहा मेरी प्यारी लिली क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ और वह मेरी बाहों में दौड़ पड़ी और मैंने अपनी बाँहों को लिली के चारों डाल दिया और उसे अपनी ओर खींचकर उसे मेरे दिल से दबा दिया, हमारे होंठ जुड़ गए और हम एक लंबे समय तक चुंबन करते रहे।
"मेरी प्यारी लिली, मेरी परी; मेरी प्यारी मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करता हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।" मैं उसे प्यार करते हुए बोल रहा था। वह अब मेरे सीने पर अपने स्तन गूंथ रही थी और उसकी चूत और कुल्हे ऊपर-नीचे उछल रहे थे ।
लिलीने मेरी बाहो में आ कर आराम करने की जगह खुद को मुझे समर्पित कर दिया और दुलार के साथ मेरे चुंबन का जबाब चुंबन देकर दुलार का जबाब दुलार के साथ। उसके गोरे बदन का रंग गुलाबी हो गया और उसकी आँखें चमक उठीं। और वह भी "ओह मेरे दीपक मेरे मास्टर मेरे प्यारे दीपक मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करती हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ। ओह! माई दीपक माई लव,", "आई लव यू। मैं तुम्हारी हूँ।" बोलती हुई मुझे चुम्बन करने लगी
आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हो है कि इस तरह के दुलार का मुझ पर क्या असर हुआ। मुझे लगा की मैं बिजली की चिंगारी से टकरा गया और वह एक क्षण ऐसा था मानो मुझे लकवा मार गया हो और मैं अपना होश लगभग खो चुका था। फिर जब उसे मुझे एक बार फिर चुंबन किया तो मुझे जैडसे होश आया और मैंने खुद को संभाला।
मैंने फिर से उसके होंठो को दबाते हुए एक चुंबन किया जिसका उसने-उसने तहे दिल से जवाब दिया। उसने खुद को मेरे चारों ओर लपेट लिया और मुझे अपने ऊपर खींच लिया जिससे मैं उसके ऊपर आधा और आधा सोफे पर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत से कुछ ही दूर उसकी नाभि के मांस पर दब गया और मेरा चेहरा उसके स्तनों के बीच की खायी में उतर गया। माएने उसके स्तनों को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, उसके स्तन बहुत स्वादिष्ट थे! मेरा मुंह इससे पहले कभी भी इतना ग्रहणशील नहीं था। उसके निप्पलों का स्वाद मेरे अंदर तक ऐसे भर गया जैसे मैंने कोई दुर्लभ व्यंजन निगल लिया हो।
मैं उस समय समझ नहीं पाया कि मेरी अंगुलियों की संवेदी नसें भी पहले से दस गुना संवेदनशील हो गयी थी। मैं अब केवल उसकी त्वचा, उसके किसी भी हिस्से को छूना चाहता था, और इसलिए मेरे हाथ और मेरी उंगलिया उस समय लिली के सारे बदन जहाँ भी वह आजादी से जा सकती टी वहाँ पर फिर रही थी।
ओह मेरे प्यारे बोलते हुए उसने मेरी गर्दन में अपने बाहों को डाले रख मुझे बेतहाशा चुंबन करने लगी तो मैं बोलै लिली मुझे अब पता चला कि तुम मुझे कितना चाहती हो। ओह लिली तुम कितनी सुन्दर हो और मैंने बारी-बारी से उसके प्रत्येक स्तन को छुआ और पाया की उसके स्तन और निप्पल सूज गए हैं ।
अन्य सातो लड़किया हमारे इस प्यार भरे चुंबन को बड़े गौर से देख रही थी।
फिर उसके शरीर को महसूस करते हुए मेरा हाथ उसके नाजुक स्थान पर पहुँच गया और बड़ी उत्सुकता से साथ वहाँ खोज बीन करने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि लिली की योनि में थोड़ा-सा बदलाव आया है। उसकी योनि के होंठ पहले से मोटे हो गए थे; मैंने उस जगह की तलाश की जिसने लालच से मेरी बड़ी और कठोर मशीन को निगल लिया था, लेकिन मुझे एक बार फिर वहाँ पर केवल एक छोटा-सा छेद मिला जिसमें मेरी उंगली उसे दर्द दिए बिना प्रवेश नहीं कर सकती थी। उसकी चूत चुदाई के बाद से थोड़ा सूज गयी थी । मैंने अपनी उंगली को थोड़ा अंदर किया तो एक अवर्णनीय सनसनी ने उसके पूरे अस्तित्व पर आक्रमण किया। मैंने पहले धीरे से उसकी योनि को सहलाया फिर तेज, बाद में धीमे और फिर और तेज ऊँगली को आगे पीछे किया तो लिली ने शब्दों को दोहराया-"।आह! ओह्ह! ओह्ह की धीमे और फिर तेज कराहे कमरे में गूंजने लगी!"
अंत में एक नर्वस ऐंठन ने लिली को जकड़ लिया और मेरी ऊँगली और हाथ पूरा गीला हो गया। वह पूरा आंनद महसूस कर रही थी क्योंकि वह इस बार बेहोश नहीं हुई थी। और फिर उसने अपनी बिखरी हुई इंद्रियों को इकट्ठा किया और मैंने उसके प्यारे नंगे नितम्बो पर हल्के से थपथपाया और पूछा, "क्या तुम्हें कुछ अलग लग रहा है, लिली?"
लिली को लगा शायद मैं उसे भी हुमा की तरह कुछ सजा दूंगा तो वह बोली ओह्ह! कृपया, -ओह, कृपया मुझे हुमा की तरह सजा मत दीजिये उसने मुझसे भीख माँगी और अपना सिर मेरी तरफ घुमाया ताकि वह मेरे चेहरे की ओर देख सके। "आप जो चाहते हैं, मैं वह करूँगी, अगर आप चाहते हैं कि मुझे इस तरह चोट लगे तो आप वह भी कर सकते हैं।" वह थोड़ा घबरा कर बोली ।
सभी लड़किया लिली के इस प्रेम प्रलाप को सम्भोग का आनद लेते हुए बड़े गौर से देख रही थी।
लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।
वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"
"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"
कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग 25 में पढ़िए।
आपका दीपक