11-08-2022, 02:24 PM
मै और दीदी दोनों बाथरूम जाकर फ्रेश हुए, वो एक पेंटी पहने हुए थी, फिर दोनों बिस्तर पर आए। उसको लिटाकर उसके दोनों पैर को दो दिशा में किया और उसके कमर के पास हाथ लगाकर पेंटी के हुक को खोला, जैसे ही पेंटी को कमर से खिसकाने लगा वैसे ही दीदी अपनी हथेली बुर पर रखकर ढक ली। मै दीपा के गोल मान्स्ल गान्ड के नीचे तकिया लगाया और अब दोनों जांघों के बीच बैठकर सर झुकाया, उसके जांघों और हथेली को चूमने लगा तो वो सिसकते हुए जांघो को हवा में करने लगी और मुझे बुर दर्शन हुआ। अब मै दीपा की चूत को चूमने लगा जिससे कोई इत्र की खुसबु आ रही थी, लेकिन दीपा उंगली से बुर को फल्का दी तो मेरा जीभ बुर में घुसकर चाटने लगा। मै दीदी की बुर में जीभ घुसाए बुर चोद रहा था तो दीपा अपने गान्ड को हवा में करने लगी ताकि मेरा जीभ बुर की गहराई तक आसानी से जाए । कुछ देर तक कुत्ते की तरह बुर को लपालप चाटता रहा और फिर दोनों फांक को मुंह में लेकर चूसने लगा तो वो “अबे साले कुत्ते बुर चाटता ही रहेगा या चोदेगा भी । ” मै अब बुर को मुंह से निकाला और उसको बिस्तर पर कुत्तिया बना डाला, दीपा अपने बदन को कोहनी और घुटनों के बल कर राखी थी तो मै उसके गान्ड के पास बैठकर लंड को बुर में घुसाया, दीदी की बुर गरम थी तो मेरा लंड अभी पूरी तरह से अंदर नहीं गया था, तभी मै कमर थामकर तेज धक्का बुर में दे दिया तो वो चिंक्ख उठी…. “उई मां आह कितना मोटा लन्ड हो गया है तेरा, लगता है रोज अपने लंड को बुर का पानी पिलाते हो । ” मै बुर की गर्मी में ही लंड को तेजी से दौड़ा रहा था, पूरे गति से चुदाई करता रहा और कुछ देर बाद दीदी….. “आह और तेज चोदो ना मेरे बुर से पानी आने पर है. “तभी ४-५ जोर का झटका मारा और बुर रस से भर गई । मै लंड को बुर से निकाला और दीदी को चित लेटने को बोला, फिर उसके बुर पर मुंह लगाकर जीभ से रस चाटने लगा, वो बुर का द्वार खोल रखी थी और मै कुछ देर तक बुर को चाटा, उसके बाद मै उसके बुर में लंड पेला और धीरे धीरे पूरा लंड रसीले बुर में पेलकर चोदने लगा, दीदी की आंखे बंद थी तो वो अपने चुत्तार को बार -२ ऊपर की ओर कर रही थी, तभी मै उसके चिकने जिस्म पर लेटा और दे दनादन लंड पेलने लगा, दीदी के गाल और ओंठ की चूमता हुआ उसे चोद रहा था, तो दीपा मुझे जकड़ कर अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करने लगी। मुझे दीपा को चोदने में काफी मजा आ रहा था और उसकी गान्ड तेजी से उछल रही थी, मै दीपा को १० मिनट से चोद रहा था और अब उसके ओंठ को चूसने लगा, पल भर के लिए लंड को बुर में स्थिर छोड़ा, और फिर चुदाई तेजी से करने लगा, दोनों चुदाई के चरम पर थे तो दोनों का आौजार गरम हो चुका था, तभी मै दीदी के ओंठ को चूमा…… “आह ऊहह दीदी मेरे लंड की पानी आ रही है आह. ” मेरा लंड उसकी बुर में वीर्यपात करा कर शांत पड़ गया लेकिन दीपा मुझे बदन से दूर करके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी, लंड का पानी पीकर मेरे ओंठ चूमी….. “अब क्या बहन चोद और कुछ चाहिए । ” तो मै मुस्कुरा कर बाथरूम चला गया ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.