11-08-2022, 02:24 PM
लो दोस्तो,
आप सबों को राहुल का नमस्कार, दीपा दीदी के घर यानी दिल्ली में मै फिलहाल था और वो मुझसे मजा लेने को आतुर थी, लेकिन मै तो दिन में उनकी सहेली राखी को जमकर चोदा और फिर थककर शाम को उसके घर चला गया, रात तो बस आराम ही करनी है, क्योंकि दीदी तो जीजा के साथ रात बिताएगी । शाम को जीजा भी काम से वापस आए और फिर तीनो साथ में बैठकर काफी पीने लगे। मेरी नजर बार बार दीदी के स्तन पट जाती थी, वो नाईट गाऊन में सेक्सी दिख रही थी और मेरी नजर उनके स्तन पर जाकर रुक जाती शायद बूब्स की ऊंचाई कोई दो पर्वत शिखर की तरह लग रही थी। कुछ देर बाद जीजा अपने रूम चले गए तो दीदी उठकर किचन चली गई, मै बालकनी में कुछ देर बैठ कर फिर बेडरूम चला गया, कुछ देर तक बिस्तर पर आराम करता रहा और फिर बाथरूम घुस गया, स्नान करता हुआ अपने थकान को दूर करने की कोशिश करने लगा और फिर तैयार होकर कपड़ा पहना और मार्केट की ओर निकल पड़ा। एक वाईन शॉप से एक बोतल बियार खरीदा और पास के एक ढाबे में बैठकर पी लिया, अब थोड़ा नशा और थोड़ी थकावट दूर हुई तो मै अब दीदी की घर की ओर चल पड़ा, दीदी के घर का दरवाजा खुला ही था तो मै अंदर घुसा और सीधे बाथरूम चला गया, फ्रेश होकर अपने रूम में जाकर कपड़ा बदला और फिर बिस्तर पर लेट गया। बियर का नशा और स्नान के कारण थकावट कम लग रही थी, लेकिन क्या दीदी को रात में चोद पाऊंगा? ये कहना मेरे लिए कठिन था । रात के ९:३० में हम तीनो साथ में खाना खाए और फिर दीदी वाशबेसिन में मेरे साथ हाथ धोते हुए बोली….. “एक घंटे में तेरे पास आऊंगी
(राहुल) लेकिन जीजा तो
(दीपा) चुपचाप अपने रूम जाओ। ”
मै अपने बेडरूम जाकर बिस्तर पर लेट गया, हाथ में मोबाइल थामे आज का खबर पढ़ रहा था और साथ में दीदी का इंतजार भी करने लगा। कमरे के लाल रंग के नाईट बल्ब में मै बिस्तर पर लेटा हुआ दीवाल घड़ी देखा तो आधे घंटे से ऊपर का समय बीत चुका था। अब मोबाइल को टेबल पर रखा और चित होकर लेट गया, आंखे बंद थी तो सोच में दीपा घूम रही थी। कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे के खुलने की आवाज आई तो मै अपना आंख खोला, तो सामने दीपा दीदी थी, ब्लू रंग के नाईटी में मस्त माल दिख रही थी, वो दरवाजा को खुला ही छोड़ दी और बिस्तर की ओर आने लगी। वो बिस्तर पर चढ़ने के पहले थोड़ा रुकी तो मै बोला….. “दीपा दरवाजा तो बंद कर दो, लेकिन वो मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने नाईटी के डोरी पर लगाई और डोरी को खोलकर फ्रंट फेश नाईटी को अपने बदन से उतार दी….. “राहुल यहां मै बंद नहीं खोलने के लिए आई हूं जानू, देख ना मेरी बूब्स, जिसे तू घुर रहा था, देख मेरे मोटे मोटे जांघ और जो देखना है सब दिखाऊंगी लेकिन आज की रात तुझसे जमकर चुदूंगी । ” और वो बिस्तर पर आकर मेरे समीप बैठ गई, मै उसके हीरे की तरह चमकते बदन को सहलाने लगा और बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही थामकर दबाने लगा, तो वो मेरे और करीब खिंसकी, मेरे बदन को बाहों में लेकर वो मेरे गोद में बैठ गई। दीपा मेरे गोद में बैठे दोनों पैर को दो दिशा में रखी थी और साथ ही मेरे कमर को पैर से लपेट रखी थी, काम की मूरत दिखने वाली दीपा मेरे गले के पीछे हाथ लगाकर ओंठ पर ओंठ राखी और चूमने लगी जबकि मेरा हाथ उसके नग्न पीठ पर घूमने लगा, एक मस्त एहसास मुझे मिल रहा था तो दीपा मेरे चेहरे और ओंठ को चूमते हुए मेरे छाती से अपने चूची को रगड़ रही थी । तभी दीपा मेरे जीभ को मुंह में लेकर चूसने लगी तो मै उसके पीठ पर हाथ फेरता हुआ उसके ब्रा की डोरी को खोल दिया, जैसे ही वो मेरा जीभ अपने मुंह से निकाली, मै उसके ब्रा को स्तन से अलग किया और बूब्स को दबाते हुए बोला….. “दरवाजा तो बंद कर देती कहीं जीजा जग गया न तो
(दीपा) वो सुबह ६-७ बजे के पहले उठ ही नहीं सकता है
(राहुल) सो क्या दीपा, तुझे चोदकर सो रहा है क्या ?
आप सबों को राहुल का नमस्कार, दीपा दीदी के घर यानी दिल्ली में मै फिलहाल था और वो मुझसे मजा लेने को आतुर थी, लेकिन मै तो दिन में उनकी सहेली राखी को जमकर चोदा और फिर थककर शाम को उसके घर चला गया, रात तो बस आराम ही करनी है, क्योंकि दीदी तो जीजा के साथ रात बिताएगी । शाम को जीजा भी काम से वापस आए और फिर तीनो साथ में बैठकर काफी पीने लगे। मेरी नजर बार बार दीदी के स्तन पट जाती थी, वो नाईट गाऊन में सेक्सी दिख रही थी और मेरी नजर उनके स्तन पर जाकर रुक जाती शायद बूब्स की ऊंचाई कोई दो पर्वत शिखर की तरह लग रही थी। कुछ देर बाद जीजा अपने रूम चले गए तो दीदी उठकर किचन चली गई, मै बालकनी में कुछ देर बैठ कर फिर बेडरूम चला गया, कुछ देर तक बिस्तर पर आराम करता रहा और फिर बाथरूम घुस गया, स्नान करता हुआ अपने थकान को दूर करने की कोशिश करने लगा और फिर तैयार होकर कपड़ा पहना और मार्केट की ओर निकल पड़ा। एक वाईन शॉप से एक बोतल बियार खरीदा और पास के एक ढाबे में बैठकर पी लिया, अब थोड़ा नशा और थोड़ी थकावट दूर हुई तो मै अब दीदी की घर की ओर चल पड़ा, दीदी के घर का दरवाजा खुला ही था तो मै अंदर घुसा और सीधे बाथरूम चला गया, फ्रेश होकर अपने रूम में जाकर कपड़ा बदला और फिर बिस्तर पर लेट गया। बियर का नशा और स्नान के कारण थकावट कम लग रही थी, लेकिन क्या दीदी को रात में चोद पाऊंगा? ये कहना मेरे लिए कठिन था । रात के ९:३० में हम तीनो साथ में खाना खाए और फिर दीदी वाशबेसिन में मेरे साथ हाथ धोते हुए बोली….. “एक घंटे में तेरे पास आऊंगी
(राहुल) लेकिन जीजा तो
(दीपा) चुपचाप अपने रूम जाओ। ”
मै अपने बेडरूम जाकर बिस्तर पर लेट गया, हाथ में मोबाइल थामे आज का खबर पढ़ रहा था और साथ में दीदी का इंतजार भी करने लगा। कमरे के लाल रंग के नाईट बल्ब में मै बिस्तर पर लेटा हुआ दीवाल घड़ी देखा तो आधे घंटे से ऊपर का समय बीत चुका था। अब मोबाइल को टेबल पर रखा और चित होकर लेट गया, आंखे बंद थी तो सोच में दीपा घूम रही थी। कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे के खुलने की आवाज आई तो मै अपना आंख खोला, तो सामने दीपा दीदी थी, ब्लू रंग के नाईटी में मस्त माल दिख रही थी, वो दरवाजा को खुला ही छोड़ दी और बिस्तर की ओर आने लगी। वो बिस्तर पर चढ़ने के पहले थोड़ा रुकी तो मै बोला….. “दीपा दरवाजा तो बंद कर दो, लेकिन वो मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने नाईटी के डोरी पर लगाई और डोरी को खोलकर फ्रंट फेश नाईटी को अपने बदन से उतार दी….. “राहुल यहां मै बंद नहीं खोलने के लिए आई हूं जानू, देख ना मेरी बूब्स, जिसे तू घुर रहा था, देख मेरे मोटे मोटे जांघ और जो देखना है सब दिखाऊंगी लेकिन आज की रात तुझसे जमकर चुदूंगी । ” और वो बिस्तर पर आकर मेरे समीप बैठ गई, मै उसके हीरे की तरह चमकते बदन को सहलाने लगा और बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही थामकर दबाने लगा, तो वो मेरे और करीब खिंसकी, मेरे बदन को बाहों में लेकर वो मेरे गोद में बैठ गई। दीपा मेरे गोद में बैठे दोनों पैर को दो दिशा में रखी थी और साथ ही मेरे कमर को पैर से लपेट रखी थी, काम की मूरत दिखने वाली दीपा मेरे गले के पीछे हाथ लगाकर ओंठ पर ओंठ राखी और चूमने लगी जबकि मेरा हाथ उसके नग्न पीठ पर घूमने लगा, एक मस्त एहसास मुझे मिल रहा था तो दीपा मेरे चेहरे और ओंठ को चूमते हुए मेरे छाती से अपने चूची को रगड़ रही थी । तभी दीपा मेरे जीभ को मुंह में लेकर चूसने लगी तो मै उसके पीठ पर हाथ फेरता हुआ उसके ब्रा की डोरी को खोल दिया, जैसे ही वो मेरा जीभ अपने मुंह से निकाली, मै उसके ब्रा को स्तन से अलग किया और बूब्स को दबाते हुए बोला….. “दरवाजा तो बंद कर देती कहीं जीजा जग गया न तो
(दीपा) वो सुबह ६-७ बजे के पहले उठ ही नहीं सकता है
(राहुल) सो क्या दीपा, तुझे चोदकर सो रहा है क्या ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.