11-08-2022, 02:18 PM
दीपा दीदी के घर यानी दिल्ली में मै फिलहाल था और वो मुझसे मजा लेने को आतुर थी, लेकिन मै तो दिन में उनकी सहेली राखी को जमकर चोदा और फिर थककर शाम को उसके घर चला गया, रात तो बस आराम ही करनी है, क्योंकि दीदी तो जीजा के साथ रात बिताएगी । शाम को जीजा भी काम से वापस आए और फिर तीनो साथ में बैठकर काफी पीने लगे। मेरी नजर बार बार दीदी के स्तन पट जाती थी, वो नाईट गाऊन में सेक्सी दिख रही थी और मेरी नजर उनके स्तन पर जाकर रुक जाती शायद बूब्स की ऊंचाई कोई दो पर्वत शिखर की तरह लग रही थी। कुछ देर बाद जीजा अपने रूम चले गए तो दीदी उठकर किचन चली गई, मै बालकनी में कुछ देर बैठ कर फिर बेडरूम चला गया, कुछ देर तक बिस्तर पर आराम करता रहा और फिर बाथरूम घुस गया, स्नान करता हुआ अपने थकान को दूर करने की कोशिश करने लगा और फिर तैयार होकर कपड़ा पहना और मार्केट की ओर निकल पड़ा। एक वाईन शॉप से एक बोतल बियार खरीदा और पास के एक ढाबे में बैठकर पी लिया, अब थोड़ा नशा और थोड़ी थकावट दूर हुई तो मै अब दीदी की घर की ओर चल पड़ा, दीदी के घर का दरवाजा खुला ही था तो मै अंदर घुसा और सीधे बाथरूम चला गया, फ्रेश होकर अपने रूम में जाकर कपड़ा बदला और फिर बिस्तर पर लेट गया। बियर का नशा और स्नान के कारण थकावट कम लग रही थी, लेकिन क्या दीदी को रात में चोद पाऊंगा? ये कहना मेरे लिए कठिन था । रात के ९:३० में हम तीनो साथ में खाना खाए और फिर दीदी वाशबेसिन में मेरे साथ हाथ धोते हुए बोली….. “एक घंटे में तेरे पास आऊंगी
(राहुल) लेकिन जीजा तो
(दीपा) चुपचाप अपने रूम जाओ। ”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.