09-08-2022, 11:42 PM
दिलावर अपनी आदमियों की और देखता है और बोलता है चलो तुम लोग चौधरी की बहू को ठंडा करो और मैं उसकी बीवी की सारी गर्मी निकालता हूं.
चौधरी- चौधरी अपनी आंखों में आंसू ले तो यह बोलता है माफ कर दो मेरी बीवी और मेरी बहू को चाहे तो तू मेरा जान ले ले लेकिन उनको छोड़ दो.
खुले बालों में कामिनी देवी एक मादक औरत लग रही थी. कामिनी देवी लगने लगा था कि कहीं उनकी हालत, की बहू के जैसे ना हो जाए.
लेकिन उनके सुनेवाल था कौन.
सारे गांव वाले ना पुशंक निकले. कोई भे उनके मदद केलिए आगे नहीं आया. उनके बेटे को इतना मारा पिटा था को जिंदा लाश हो गया था. अपने बिस्तर से उठ नहीं सकता था.
दिलावर के बात सुन के उसके क एक आदमी चौधरी के बहू को अपने सामने झुकने के लिए बोलता है, और उसकी चुत और गांड को लंड पर रगड़ ने के लिए बोलता है. चौधरी के बहु सर झुका के अपनी आदरणीय पिता समान ससुर और माता समान सासू मां के आगे , ना चाहते हुए भी झुक के अपनी गांड और चुत को उस आदमी के लंड के ऊपर रगड़ने लगती है. और वह आदमी अपना लंड चौधरी के बहु की चुत और गांड के ऊपर घिस ता है.और घिस ते हुऐ वह चौधरी की बहू की चुत के अंदर अपनी खड़ा लंड.को डाल देता है. तो चौधरी के बोहु के मुंह से आह करके हल्की चीख निकल जाती है. दिलावर हंसने लगता है कामिनी देवी को देखकर, अब कामिनी देवी खुले बालों में शर्म के मारे दिलावर के हाथ को झटका देकर, अपने हाथ से अपनी फटे हुए ब्लाउज को पकड़कर घूम जाती है.
फिर दिलावर वो कर बैठता है जिसकी अपेक्षा किसी को भी नहीं था. वो कामिनी देवी की साड़ी को पीछे से पकड़ कर पैरों के पास से धीरे-धीरे करके उनके गांड के ऊपर तक ले आता है. जैसे ही दिलावर कामिनी देवी के साड़ी को पकड़ता है,तो कमीनी से भी सिहर जाती है.और वह पीछे अपने सर घुमा के उसको ना करते हुए रुकने के लिए,आंसुओं से भरी आंखों से इशारा करती है. वह विचारे कुछ कर नहीं पा रही थी अपनी दोनों हाथों से अपनी आगे फटा हुआ ब्लाउज को पकड़ कर रखी थी. अभी पीछे से जब तिलावर उसकी साड़ी ऊपर कर दी तो उसको बहुत शर्म आने लगी और वो लड़खड़ा आने लगी.
कामिनी देवी रोते हुए कहती है – हमें छोड़ दो ऐसा मत करो. मैं एक सीधी-सादी घर की संस्कारी औरत हूं, मेरी इज्जत कैसे भरे बाजार में सबके सामने मत उछा लो. मुझे और मेरे बोहु को जाने दो. मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़कर विनती करती हूं.
गांव की सारे औरत और मर्द लोग ऐसे चौधराईन कामिनी देवी के पीछे से मोटा गोरा जांघो और उनकी बड़ी चौड़ी गांड देखकर, शर्म के मारे आंख छुपा लिया. औरत लोगों ने तो अपना मुंह अपनी साड़ियों से ढक लिया.
दिलावर- कहां गई तेरी अकड़. तूने सबके सामने मुझे चांटा मारा और मेरे मुंह पर थुकि थी. मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरी चुत में कितना पानी है जो कि चौधरी खाली ना कर सका और तेरे में इतनी अकड़ आ गई. देख तेरी बहू को कितने मजे से चुदवा रही है.
कामिनी देवी अपनी बहू की ओर देखती है तो वह दंग रह जाती है. आदमी अभी चौधरी की बहू को पीछे से पकड़ कर उसको आगे झुका कर उसकी चुत में अपने लंड पैले जा रहा था. और चौधरी की बोहु आगे झुक कर अपनी आंख बंद कर अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह करके सीसीकिया भर रही थी.
दिलावर इस बकत का फायदा उठाकर अपनी एक हाथ कामिनी देवी के चड्डी के अंदर पीछे से डाल देता है, और चड्डी के अंदर अपने हाथों की उंगलियों से कामिनी देवी की चुत और गांड के साथ हरकत करने लगता है. जिससे कि चौधराइन कामिनी देवी चौक पड़ती है और उछाल के चिल्ला उठती है.
कामिनी देवी – नहीं ऐसा मत करो. ऊँगली निकाल लो बहुत दर्द हो रहा हे, मैं एक पतिव्रता औरत हूं. मेरी इज्जत और आबरू मेरे पति के सामने मत लूटो.
कामिनी देवी रोती हुई दिलावर की हाथों के चड्डी के अंदर हरकत से इधर उधर हिल ने लगती है.
इतने में ही चौधरी खुद को रोक ना सका और चिल्लाते हुए बांधा हुआ रस्सी को तोड़ने की कोशिश करने लगा.
चौधरी- चौधरी अपनी आंखों में आंसू ले तो यह बोलता है माफ कर दो मेरी बीवी और मेरी बहू को चाहे तो तू मेरा जान ले ले लेकिन उनको छोड़ दो.
खुले बालों में कामिनी देवी एक मादक औरत लग रही थी. कामिनी देवी लगने लगा था कि कहीं उनकी हालत, की बहू के जैसे ना हो जाए.
लेकिन उनके सुनेवाल था कौन.
सारे गांव वाले ना पुशंक निकले. कोई भे उनके मदद केलिए आगे नहीं आया. उनके बेटे को इतना मारा पिटा था को जिंदा लाश हो गया था. अपने बिस्तर से उठ नहीं सकता था.
दिलावर के बात सुन के उसके क एक आदमी चौधरी के बहू को अपने सामने झुकने के लिए बोलता है, और उसकी चुत और गांड को लंड पर रगड़ ने के लिए बोलता है. चौधरी के बहु सर झुका के अपनी आदरणीय पिता समान ससुर और माता समान सासू मां के आगे , ना चाहते हुए भी झुक के अपनी गांड और चुत को उस आदमी के लंड के ऊपर रगड़ने लगती है. और वह आदमी अपना लंड चौधरी के बहु की चुत और गांड के ऊपर घिस ता है.और घिस ते हुऐ वह चौधरी की बहू की चुत के अंदर अपनी खड़ा लंड.को डाल देता है. तो चौधरी के बोहु के मुंह से आह करके हल्की चीख निकल जाती है. दिलावर हंसने लगता है कामिनी देवी को देखकर, अब कामिनी देवी खुले बालों में शर्म के मारे दिलावर के हाथ को झटका देकर, अपने हाथ से अपनी फटे हुए ब्लाउज को पकड़कर घूम जाती है.
फिर दिलावर वो कर बैठता है जिसकी अपेक्षा किसी को भी नहीं था. वो कामिनी देवी की साड़ी को पीछे से पकड़ कर पैरों के पास से धीरे-धीरे करके उनके गांड के ऊपर तक ले आता है. जैसे ही दिलावर कामिनी देवी के साड़ी को पकड़ता है,तो कमीनी से भी सिहर जाती है.और वह पीछे अपने सर घुमा के उसको ना करते हुए रुकने के लिए,आंसुओं से भरी आंखों से इशारा करती है. वह विचारे कुछ कर नहीं पा रही थी अपनी दोनों हाथों से अपनी आगे फटा हुआ ब्लाउज को पकड़ कर रखी थी. अभी पीछे से जब तिलावर उसकी साड़ी ऊपर कर दी तो उसको बहुत शर्म आने लगी और वो लड़खड़ा आने लगी.
कामिनी देवी रोते हुए कहती है – हमें छोड़ दो ऐसा मत करो. मैं एक सीधी-सादी घर की संस्कारी औरत हूं, मेरी इज्जत कैसे भरे बाजार में सबके सामने मत उछा लो. मुझे और मेरे बोहु को जाने दो. मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़कर विनती करती हूं.
गांव की सारे औरत और मर्द लोग ऐसे चौधराईन कामिनी देवी के पीछे से मोटा गोरा जांघो और उनकी बड़ी चौड़ी गांड देखकर, शर्म के मारे आंख छुपा लिया. औरत लोगों ने तो अपना मुंह अपनी साड़ियों से ढक लिया.
दिलावर- कहां गई तेरी अकड़. तूने सबके सामने मुझे चांटा मारा और मेरे मुंह पर थुकि थी. मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरी चुत में कितना पानी है जो कि चौधरी खाली ना कर सका और तेरे में इतनी अकड़ आ गई. देख तेरी बहू को कितने मजे से चुदवा रही है.
कामिनी देवी अपनी बहू की ओर देखती है तो वह दंग रह जाती है. आदमी अभी चौधरी की बहू को पीछे से पकड़ कर उसको आगे झुका कर उसकी चुत में अपने लंड पैले जा रहा था. और चौधरी की बोहु आगे झुक कर अपनी आंख बंद कर अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह करके सीसीकिया भर रही थी.
दिलावर इस बकत का फायदा उठाकर अपनी एक हाथ कामिनी देवी के चड्डी के अंदर पीछे से डाल देता है, और चड्डी के अंदर अपने हाथों की उंगलियों से कामिनी देवी की चुत और गांड के साथ हरकत करने लगता है. जिससे कि चौधराइन कामिनी देवी चौक पड़ती है और उछाल के चिल्ला उठती है.
कामिनी देवी – नहीं ऐसा मत करो. ऊँगली निकाल लो बहुत दर्द हो रहा हे, मैं एक पतिव्रता औरत हूं. मेरी इज्जत और आबरू मेरे पति के सामने मत लूटो.
कामिनी देवी रोती हुई दिलावर की हाथों के चड्डी के अंदर हरकत से इधर उधर हिल ने लगती है.
इतने में ही चौधरी खुद को रोक ना सका और चिल्लाते हुए बांधा हुआ रस्सी को तोड़ने की कोशिश करने लगा.
दिलावर हंसते हुए चौधरी की ओर देखता है और कामिनी देवी के चड्डी के अंदर से अपने हाथ निकालकर नाक में सूखता है, और अपनी जुवान निकाल कर अपनी उंगलियों को चाटने लगता है. चाटते बक्त उसको चौधरी और चौधराइन कामिनी देवी देख लेते हैं.
दिलावर – बहुत ही नमकीन है तेरी बीवी का गिली चुत. और उसकी गांड में पसीने के वजह से मेरी उंगली पर लगा उसकी गांड के अंदर का गू का खुशबू बहुत ही अच्छा है. बहुत दिन के बाद मुझे कोई ऐसी झांटेवाली औरत मिली है,जिसकी गांड और चुत की खुशबू में मुझे उसका दीवाना बना दिया.
और जोर जोर से हंसने लगता है और उसके साथ बाकी डाकू भी हंसने लगते हैं. शर्म के मारे अपनी आंसू भरी आंखों के सर झुका के सामने कि और झुक जाती है.
आब चौधरी खुद को रोक ना पाया. और चिलाते हुए बांधे हुए रसी को तोड़ दिया. उसका चिल्लाता हुआ रूप देख के सारे डाकू डर जाते हैं. ओर जा के उस शख्स को एक धका मारता है, जो उसकी बहू की चुत में अपना लंड पेल रहा था. और पास में पड़े थे एक फटे कपड़े से अपने बहू का नंगा बदन ढक देता है.फिर वोः दिलवार कि गला पकड़ के धका देदात हे. तुरंत कामिनी देबी अपनी सारी निचे कर देती हे, सारी से अपनी फटा ब्लाउज़ को घेर लेती हे. जाके अपनी बोहु को फटे कपडे घेर देती हे. उधर चौधरी और दिलाबर कि बिच जोर दार मारपीट चालू हो जाता हे. तभि एक डाकू अपना बंधुक दिलाबर कि और फेकता हे तो दिलाबर चौधरी के ऊपर गोली चला देता हे. जो चौधरी कि टांग में लगजाती हे. जिसे चौधरी घायल हो जाता है. खून उसके पैर से बहने लगता हे.चौधरी बोन्ही पै गिर जाता हे.
दिलाबर -साले चौधरी, तेरी बोहु का इज़्ज़त लुटलिया है ,और तेरा बेटा को जिन्दा लाश बना दिया और आभी तू लंगड़ा हो गया है. तेरा अकड़ नहीं गया.तेरा बर्बादी देख ने केलिए आभी खाली तेरी ए सती सबत्री बीवी बची है.जिसकी नमकीन चुत मुझे भा गई. मुझे ए तेरी बीवी बहुत पसंद आई.
उसके बात सुनकर चुधरयन कामिनी देबी अपनी सारी से खुद कि मुंह ढक लेती हे.
दिलाबर कामिनी देबी को ऐसा करते देख हस पड़ता हे.
दिलाबर -सुन चौधरी मैं तेरी बीवी को आब अपने साथ लेके जा रहा हूँ, अगर तूने या तेरे ए गाऊँ वाले मुझे रोक ने कि कोसिस कि तो उसका हालत तेरे जैसा हो कर दूंगा.मै तेरे बीवी को 1साल अपने पास रखूँगा, जाब तक तेरे बीवी मुझे एक बच्चा पैदा कर के ना दे दे, जिस कि रघो मै मेरा खून बहता हो.जो तेरी बोहु मुझे ना दे सकी.
कामिनी देबी उसकी बात सुन के घबरा जाती हे.साड़ी के अंचल से चुपके से देखने लगती हे.
चौधरी -कोई इसका बात मत सुनो .हम लोक सब मिल जायँगे तो इसको इन्ही पै जिन्दा गाड़ देंगे जमीन में इस कि आदमियों के साथ.