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Adultery अंकल ना बन के रह जाऊं’
#3
असलम : अब बिगड़ तो तुम हो ही चुकी हो (मुस्कुराते हुए असलम ने रुखसाना के लबों पे अपने लब रख दिए)

रुकसाना का मूड खराब था वो फट से अलग हो गयी।

‘अफ तुम्हें तो बस एक ही काम सूझता है.. यहाँ मेरी जान पे बनी पड़ी है’

असलम भी उदास सा हो गया.. उसे कोई रास्ता नही सूज रहा था इस समस्या का हाल निकालने के लिए।

असलम अपना चेहरा लटकाए सोचों में डूब गया।

‘बस यूँ ही चेहरा लटका के बैठे रहो.. जब मेरी रुखसती हो जाएगी.. तब हाथ मलते रहोगे’

रुखसाना से दूर होने की बात असलम सपने में भी नही सोच सकता था.. उसका दिल रो पड़ा.. कैसे अपने बाप से बात करे.. बात करना तो दूर इस मामले को लेकर उनके सामने जाने से ही उसकी पेंट गीली हो जाती आगे के मंज़र के बारे में सोचते हुए।

इन चारों में राजेश ही ऐसा था जो कुछ मेच्यूर था और रुखसाना तो दिल से उसे अपना भाई मानती थी.. राजेश भी उसे बिल्कुल एक भाई की तरहा देखता था और हमेशा उसके लिए एक ढाल बना रहता था।

कहने को तो छिड़ के रुखसाना ने असलम को सुना डाला पर खुद ही पचता रही थी.. असलम का उदास चेहरा उसके दिल पे चुर्रियाँ बरसा रहा था। रुखसाना की आँखों से आँसू बह निकले।

ना जाने क्या सोच उसने राजेश को फोन कर डाला।

जिस वक़्त रुखसाना राजेश को फोन मिला रही थी उस वक़्त राजेश लोधी गार्डेन में सोमया की गोध में सर रख के लेता हुआ था। सकूँ से उसकी आँखें बंद थी और सोमया बैठी बस उसके चेहरे को निहार रही थी.. जैसे नज़रों से उसके गालों को चूम रही हो।

जब राजेश का मोबाइल बजा उसकी तंद्रा टूटी और सोमया की गोध से हिल उसने अपना मोबाइल देखा तो रुखसाना का नाम स्क्रीन पे दिख रहा था।

‘रुखसाना की कॉल है’

‘वो तो असलम के साथ होगी इस वक़्त.. चलो बात तो करो’

राजेश ने कॉल रिसीव किया ‘ हे गुड़िया आज मेरी याद कैसे आ गयी.. वो घनचक्कर कहाँ है’

‘भाई’ रुकसाना की आवाज़ भर्रईइ हुई थी।

‘क्या हुआ? तुम रो रही हो!’ बोलते हुए हैरानी से राजेश ने सोमया की तरफ देखा।
सोमया ने लपक के राजेश से मोबाइल चीन लिया।

‘रुख़ क्या हुआ?’

‘तुम तुम भाई को लेकर अभी यहाँ आओ।’

‘कहाँ?’

‘बुढहा गार्डेन’

‘बात तो बता।’

‘तुम बस यहाँ आओ जल्दी।’

‘अच्छा आते हैं.. कम से कम आधा घंटा तो लग ही जाएगा वहाँ पहुँचने में’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अंकल ना बन के रह जाऊं’ - by neerathemall - 04-08-2022, 05:24 PM



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