02-08-2022, 03:31 PM
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्” रेनू ने एक जोर की आवाज निकाली। और राजेश उसके पिछपिछवाड़े पर बेतहाशा थप्पड़ मारता रहा। रेनू चीखती रही और उसकी गांड एकदम लाल हो गयी।
“प्लीज राजेश आआआह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह गॉड” रेनू के मुह से बस यही आवाज निकली और राजेश ने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रख कर उसकी चूत की पंखुडियो को रगड़ दिया और साथ की दुसरे हाथ से फिर उसकी गांड पर के तमाचा रसीद कर दिया। रेनू पहले से ही झुकी हुई थी, अब राजेश ने उसकी पीठ के बीच में अपना हाथ रखा और उसको थोडा और झुका दिया अपनी जीभ से मेरी बीवी की चूत को चाटने लगा।
रेनू का दर्द कम हुआ और मस्ती से उसने अपनी आँखें बंद कर लीं लेकिन जैसे ही राजेश की उंगलियाँ उसकी चूत में घुस गईं उसकी आँखें खुल गईं। एक बेकाबू कराह उसके कसकर दबाए हुए होठों से निकली क्योंकि उसने महसूस किया कि उसका रस उसकी चूत से निकल कर राजेश की जीभ पर बह रहा है। रेनू झड रही थी और राजेश ने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया ताकि वो अच्छे से गीला हो जाये और फिर उसने उसका लंड रेनू की गांड के छेद पर लगाया, "नहीं राजेश! प्लीज वहां नहीं"
रेनू ने राजेश से गुजारिश की। दरअसल आज तक मैंने मैं कभी रेनू की गांड नहीं मारी थी और मुझे लगता है की उसने किसी और से भी कभी गांड नहीं मरवाई थी। वो आज भी अपनी गांड का उद्घाटन नहीं करवाना चाहती थी।
"क्या?" राजेश ने उसकी आँखों में वासना के साथ पूछा।
"मैंने आज तक कभी वहां नहीं लिया तो प्लीज वहां नहीं," हीं मेरी बीवी ने गहरी सांस लेते हुए कहा। रेनू का चेहरा अचानक लाल हो गया और वो बोली, "और अभी तुमने मेरे अन्दर ही कर दिया था तो वहां भी ध्यान से!"
"तो क्या हुआ?" राजेश ने कमर कस ली।
"मुझे बच्चे नहीं चाहिए!" रेनू ने जवाब दिया, "तो बस बाहर ही निकालना या तो मेरे मुंह में या मेरे हाथों में!" रेनू शरमाते हुए बोली।
"ठीक है अभी गांड छोड़ देता हूँ लेकिन मारूंगा जरूर और तुझे अपने बच्चे की माँ भी जरूर बनाऊंगा" कहकर राजेश ने रेनू को अपने पास खींच लिया और मेरी बीवी ने उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और राजेश ने हल्का सा धक्का देकर सुपाडा उसकी भीगी हुई चूत में उतार दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" रेनू ने सीत्कार किया। रेनू की आँखें चौड़ी हो गईं क्योंकि राजेश के लंड ने उसकी छोटी से टपकती हुई चूत में प्रवेश कर लिया था।
मेरी हॉट और सेक्सी बीवी आखिरकार मेरी आँखों के सामने चुद रही थी। राजेश ने अपने हलब्बी लंड को उसकी छोटी सी चूत में डाल दिया था और वो अपने लंड को धीरे-धीरे रेनू की चूत की गहराई में पैवस्त कर रहा था।
राजेश ने धक्का दिया और लंड मेरी बीवी की चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ थोडा और अन्दर घुस गया। वो लगातार लंड को मेरी बीवी की चूत में धकेलने लगा। साफ़ था की रेनू की चूत राजेश के लंड के लिए बहुत कसी हुई थी इसके बावजूद राजेश ने धक्के लगाना जारी रखा। रेनू की चूत में बहते रस की बदौलत वह लंड को चूत की गहराई तक ले जाने में कामयाब हुआ। फिर अचानक उसने अपना लंड आधा बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक मेरी बीवी की चूत में ठूंस दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह मर गयीईईईई आआह्ह्ह्ह !!!" रेनू जोर से चिल्लाई।
राजेश ने परवाह न करते हुए अपनी स्पीड बढ़ाई, धक्कों से रेनू की पीठ और झुक गयी और वो मुह के बल बेड पर गिर ही पड़ी।
"द्ध्ह्ह धीमे ईईआअ... तुम्हारा बहुत बड़ा है!" रेनू फुसफुसाई, उसकी आँखों से फिर से आंसू बह निकले। "ओह! ओह्ह्ह, रुकोऊ! अआः दरदर बहुत बड़ा है!" वह चिल्लाई "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् भगवान!" वह फिर से चिल्लाई।
राजेश ने स्पीड कम की, अपना लंड निकाला और रेनू को पीठ के बल वापस लिटा दिया। मैंने मैं देखा उसकी चूत एकदम लाल हो गयी थी और कुछ सूजी हुई, सूजी हुई और भीगी हुई लग रही थी। राजेश का लंड रेनू के पानी से लतपथ चमक रहा था।
राजेश नीचे झुका और उसकी एक चूची को उसने अपने मुह में भर लिया और साथ ही उसने फिर से अपना लंड मेरी बीवी की चूत में डाल दिया।
मैंने देखा कि राजेश का मोटा लंड मेरी बीवी की चूत में अब भी बहुत कसा हुआ जा रहा है। उसकी चूत इस बड़े लंड के लिए तरस रही थी। उसने अपने पैरों को ऊपर उठाया, जोर से कराहते हुए, ताकि वो लंड पूरी तरह से अन्दर जा सके। मैंने मैं देखा कि रेनू के नाजुक पैर की उंगलियां मुड़ी हुई थीं क्योंकि राजेश ने एक बार फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया था। जैसे ही उसने लंड अन्दर डाल कर धक्के लगाना शुरू किया, राजेश की बड़ी-बड़ी बोल्स मेरी बीवी की मोटी गांड से टकराने लगीं और थप थप की आवाज आने लगी। थोड़ी देर में रेनू का दर्द कम हुआ और वो फिर से मस्त हो गयी।
“उफ्फ्फ राजेश, और जोर से, उफ्फ्फ क्या लंड है! मैं इसे प्यार करती हूँ!”, पता नहीं की वो नशे में थी या फिर होश में बोल रही थी।
“मैं भी तुम्हारी इस कसी हुई चूत से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे आज तक चुदाई में इतना मजा नहीं आया जितना तुम्हारे साथ आया है, तुमसे ज्यादा कामुक औरत मैंने मैं आज तक नहीं देखी।” मेरी बीवी पर की चूत पर जोर का धक्का मारते हुए मेरा पडोसी बोला।
सामने मेरी बीवी राजेश के बिस्तर पर लेटी थी। वो वासना से कराह रही थी। राजेश उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था और उसकी चूत चोदने पर उसके बड़े मम्मे आगे-पीछे हिल रहे थे। राजेश बहुत तेज़ी से उसे चोद रहा था और उसके हाथों ने मेरी बीवी की नाजुक कमर को मजबूती से पकड़ रखा था ताकि वो एक जगह पर रहे और वो अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर एक जोर से झटका मार कर पूरा मेरी बीवी की चूत में डाल देता था। उन दोनों का शरीर पसीने से चमक रहा था लगता था की दोनों घंटों से चुदाई कर रहे हों।
मैं अपने बिस्तर के किनारे पर बैठ गया और उन दोनों की चुदाई देखने लगा। राजेश एक रिदम में रेनू को चोद रहा था। कभी वो स्पीड बहुत तेज़ कर देता था कभी बहुत धीमे। रेनू के चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव बिखरा था। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला लेकिन उसे छूने की हिम्मत नहीं की, क्योंकिक्यों मुझे पता था की हाथ लगते मेरा लंड पानी छोड़ देगा। मैंने रेनू को कभी इस तरह नहीं देखा था। रेनू की उँगलियाँ राजेश के बिस्तर की चादर को पकड़ रही थीं क्योंकि राजेश उसके बदन को रौंद रहा था, वह मस्ती में चिल्ला रही थी क्योंकि राजेश का लंड उसकी चूत में वहां तक पहुँच रहा है जहाँ मैं कभी नहीं गया था।
अचानक राजेश ने उसके मम्मों को पकड़कर, उसे अपनी ओर खींच लिया, अब वो उसे अपनी गोद में बिठा कर चोद रहा था।
“ओह! ओह! ओह गॉड! राजेश! तुम आःह...हाँ यस...उफ्फ्फ आई एम कमिंगग उफ्फ्फ्फ़!!” मैंने मैं देखा कि रेनू के पैर राजेश की पीठ के निचले हिस्से में लिपटे हुए हैं, पैर की उंगलियां मुड़ी हुई हैं और उसके शरीर में ऐंठनऐं होने लगी। वो आज से पहले कभी इस तरह कामोन्मादित नहीं हुई थी।
राजेश ने भी उत्तेजना से कहा, “बस रेनू, मैं भी आया, तुम्हारी इस शादीशुदा चूत में आज अपना पानी भरकर मैं इसे हमेश के लिए अपना बना लूँगा!” और इसी के साथ उसने मेरी बीवी की कोख अपने वीर्य से भर दी।
वो दोनों गले लग गए और बेतहाशा एक दुसरे को चूमने लगे, राजेश का लंड झड़ने के बाद मेरी बीवी की चूत से निकल आया और उसकी जांघ पर पड़ा था। मेरी बीवी जोरजोर से सांस ले रही थी, अभी-अभी हुई बमबारी से उसकी चूत कांप रही थी। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही लेटे रहे फिर राजेश ने अपना हाथ उसके पेट पर रखा और मुस्कराते हुए पुछा “कैसा लगा तुम्हे, मुझे लगता है कि मैंने मैं तुम्हारी शादीशुदा चूत को थोड़ा चौड़ा कर दिया है?”
रेनू हँसी, “आई लव इट! मुझे नहीं लगा था कि इसे पूरा ले लूंगी... लेकिन अब मुझे लगता है की मुझे इससे छोटे में मजा नहीं आयेगा। चलिए मुझे लगता है की मुझे अब अपने पति के पास वापस जाना चाहिए” उसने अपना हाथ राजेश के लंड पर रखा, और धीरे से उसे सहलाया।
राजेश रेनू पर झुका और उसे चूमते हुए बोला, “इतनी भी क्या जल्दी है, मुझे लग रहा था की आज तुम मेरे पास रुकोगी ...” उसने धीरे से रेनू की गांड पर एक थप्पड़ मारा।
“तुम्हारा मन नहीं भरा अभी, दो बार तो कर चुके हो।” रेनू ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठते हुए बोली।
“तुम ऐसी चीज नहीं हो जिससे किसी का मन भर जाए और अभी गांड तो मारी ही नहीं। ” राजेश ने उसका हाथ पकड़ कर कहा।
“वो मौका तो तुमको नहीं मिलेगा और अभी मुझमे और दम नहीं है तो मुझे जाने दो, अब तो जब तुम कहोगे मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगी” रेनू ने हाथ छुडाते हुए कहा।
“तो वादा करो की कल से रोज रात को तुम मेरे पास आओगी” राजेश ने इसरार किया।
“पक्का वादा बस पांच दिन छोड़ कर” रेनू ने खिलखिला कर जवाब दिया और कपडे पहनने लगी और इसी के साथ मैं बिना अपने लंड को हाथ लगाये झड गया।
(समाप्त)
“प्लीज राजेश आआआह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह गॉड” रेनू के मुह से बस यही आवाज निकली और राजेश ने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रख कर उसकी चूत की पंखुडियो को रगड़ दिया और साथ की दुसरे हाथ से फिर उसकी गांड पर के तमाचा रसीद कर दिया। रेनू पहले से ही झुकी हुई थी, अब राजेश ने उसकी पीठ के बीच में अपना हाथ रखा और उसको थोडा और झुका दिया अपनी जीभ से मेरी बीवी की चूत को चाटने लगा।
रेनू का दर्द कम हुआ और मस्ती से उसने अपनी आँखें बंद कर लीं लेकिन जैसे ही राजेश की उंगलियाँ उसकी चूत में घुस गईं उसकी आँखें खुल गईं। एक बेकाबू कराह उसके कसकर दबाए हुए होठों से निकली क्योंकि उसने महसूस किया कि उसका रस उसकी चूत से निकल कर राजेश की जीभ पर बह रहा है। रेनू झड रही थी और राजेश ने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया ताकि वो अच्छे से गीला हो जाये और फिर उसने उसका लंड रेनू की गांड के छेद पर लगाया, "नहीं राजेश! प्लीज वहां नहीं"
रेनू ने राजेश से गुजारिश की। दरअसल आज तक मैंने मैं कभी रेनू की गांड नहीं मारी थी और मुझे लगता है की उसने किसी और से भी कभी गांड नहीं मरवाई थी। वो आज भी अपनी गांड का उद्घाटन नहीं करवाना चाहती थी।
"क्या?" राजेश ने उसकी आँखों में वासना के साथ पूछा।
"मैंने आज तक कभी वहां नहीं लिया तो प्लीज वहां नहीं," हीं मेरी बीवी ने गहरी सांस लेते हुए कहा। रेनू का चेहरा अचानक लाल हो गया और वो बोली, "और अभी तुमने मेरे अन्दर ही कर दिया था तो वहां भी ध्यान से!"
"तो क्या हुआ?" राजेश ने कमर कस ली।
"मुझे बच्चे नहीं चाहिए!" रेनू ने जवाब दिया, "तो बस बाहर ही निकालना या तो मेरे मुंह में या मेरे हाथों में!" रेनू शरमाते हुए बोली।
"ठीक है अभी गांड छोड़ देता हूँ लेकिन मारूंगा जरूर और तुझे अपने बच्चे की माँ भी जरूर बनाऊंगा" कहकर राजेश ने रेनू को अपने पास खींच लिया और मेरी बीवी ने उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और राजेश ने हल्का सा धक्का देकर सुपाडा उसकी भीगी हुई चूत में उतार दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!" रेनू ने सीत्कार किया। रेनू की आँखें चौड़ी हो गईं क्योंकि राजेश के लंड ने उसकी छोटी से टपकती हुई चूत में प्रवेश कर लिया था।
मेरी हॉट और सेक्सी बीवी आखिरकार मेरी आँखों के सामने चुद रही थी। राजेश ने अपने हलब्बी लंड को उसकी छोटी सी चूत में डाल दिया था और वो अपने लंड को धीरे-धीरे रेनू की चूत की गहराई में पैवस्त कर रहा था।
राजेश ने धक्का दिया और लंड मेरी बीवी की चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ थोडा और अन्दर घुस गया। वो लगातार लंड को मेरी बीवी की चूत में धकेलने लगा। साफ़ था की रेनू की चूत राजेश के लंड के लिए बहुत कसी हुई थी इसके बावजूद राजेश ने धक्के लगाना जारी रखा। रेनू की चूत में बहते रस की बदौलत वह लंड को चूत की गहराई तक ले जाने में कामयाब हुआ। फिर अचानक उसने अपना लंड आधा बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक मेरी बीवी की चूत में ठूंस दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह मर गयीईईईई आआह्ह्ह्ह !!!" रेनू जोर से चिल्लाई।
राजेश ने परवाह न करते हुए अपनी स्पीड बढ़ाई, धक्कों से रेनू की पीठ और झुक गयी और वो मुह के बल बेड पर गिर ही पड़ी।
"द्ध्ह्ह धीमे ईईआअ... तुम्हारा बहुत बड़ा है!" रेनू फुसफुसाई, उसकी आँखों से फिर से आंसू बह निकले। "ओह! ओह्ह्ह, रुकोऊ! अआः दरदर बहुत बड़ा है!" वह चिल्लाई "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् भगवान!" वह फिर से चिल्लाई।
राजेश ने स्पीड कम की, अपना लंड निकाला और रेनू को पीठ के बल वापस लिटा दिया। मैंने मैं देखा उसकी चूत एकदम लाल हो गयी थी और कुछ सूजी हुई, सूजी हुई और भीगी हुई लग रही थी। राजेश का लंड रेनू के पानी से लतपथ चमक रहा था।
राजेश नीचे झुका और उसकी एक चूची को उसने अपने मुह में भर लिया और साथ ही उसने फिर से अपना लंड मेरी बीवी की चूत में डाल दिया।
मैंने देखा कि राजेश का मोटा लंड मेरी बीवी की चूत में अब भी बहुत कसा हुआ जा रहा है। उसकी चूत इस बड़े लंड के लिए तरस रही थी। उसने अपने पैरों को ऊपर उठाया, जोर से कराहते हुए, ताकि वो लंड पूरी तरह से अन्दर जा सके। मैंने मैं देखा कि रेनू के नाजुक पैर की उंगलियां मुड़ी हुई थीं क्योंकि राजेश ने एक बार फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया था। जैसे ही उसने लंड अन्दर डाल कर धक्के लगाना शुरू किया, राजेश की बड़ी-बड़ी बोल्स मेरी बीवी की मोटी गांड से टकराने लगीं और थप थप की आवाज आने लगी। थोड़ी देर में रेनू का दर्द कम हुआ और वो फिर से मस्त हो गयी।
“उफ्फ्फ राजेश, और जोर से, उफ्फ्फ क्या लंड है! मैं इसे प्यार करती हूँ!”, पता नहीं की वो नशे में थी या फिर होश में बोल रही थी।
“मैं भी तुम्हारी इस कसी हुई चूत से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे आज तक चुदाई में इतना मजा नहीं आया जितना तुम्हारे साथ आया है, तुमसे ज्यादा कामुक औरत मैंने मैं आज तक नहीं देखी।” मेरी बीवी पर की चूत पर जोर का धक्का मारते हुए मेरा पडोसी बोला।
सामने मेरी बीवी राजेश के बिस्तर पर लेटी थी। वो वासना से कराह रही थी। राजेश उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था और उसकी चूत चोदने पर उसके बड़े मम्मे आगे-पीछे हिल रहे थे। राजेश बहुत तेज़ी से उसे चोद रहा था और उसके हाथों ने मेरी बीवी की नाजुक कमर को मजबूती से पकड़ रखा था ताकि वो एक जगह पर रहे और वो अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर एक जोर से झटका मार कर पूरा मेरी बीवी की चूत में डाल देता था। उन दोनों का शरीर पसीने से चमक रहा था लगता था की दोनों घंटों से चुदाई कर रहे हों।
मैं अपने बिस्तर के किनारे पर बैठ गया और उन दोनों की चुदाई देखने लगा। राजेश एक रिदम में रेनू को चोद रहा था। कभी वो स्पीड बहुत तेज़ कर देता था कभी बहुत धीमे। रेनू के चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव बिखरा था। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला लेकिन उसे छूने की हिम्मत नहीं की, क्योंकिक्यों मुझे पता था की हाथ लगते मेरा लंड पानी छोड़ देगा। मैंने रेनू को कभी इस तरह नहीं देखा था। रेनू की उँगलियाँ राजेश के बिस्तर की चादर को पकड़ रही थीं क्योंकि राजेश उसके बदन को रौंद रहा था, वह मस्ती में चिल्ला रही थी क्योंकि राजेश का लंड उसकी चूत में वहां तक पहुँच रहा है जहाँ मैं कभी नहीं गया था।
अचानक राजेश ने उसके मम्मों को पकड़कर, उसे अपनी ओर खींच लिया, अब वो उसे अपनी गोद में बिठा कर चोद रहा था।
“ओह! ओह! ओह गॉड! राजेश! तुम आःह...हाँ यस...उफ्फ्फ आई एम कमिंगग उफ्फ्फ्फ़!!” मैंने मैं देखा कि रेनू के पैर राजेश की पीठ के निचले हिस्से में लिपटे हुए हैं, पैर की उंगलियां मुड़ी हुई हैं और उसके शरीर में ऐंठनऐं होने लगी। वो आज से पहले कभी इस तरह कामोन्मादित नहीं हुई थी।
राजेश ने भी उत्तेजना से कहा, “बस रेनू, मैं भी आया, तुम्हारी इस शादीशुदा चूत में आज अपना पानी भरकर मैं इसे हमेश के लिए अपना बना लूँगा!” और इसी के साथ उसने मेरी बीवी की कोख अपने वीर्य से भर दी।
वो दोनों गले लग गए और बेतहाशा एक दुसरे को चूमने लगे, राजेश का लंड झड़ने के बाद मेरी बीवी की चूत से निकल आया और उसकी जांघ पर पड़ा था। मेरी बीवी जोरजोर से सांस ले रही थी, अभी-अभी हुई बमबारी से उसकी चूत कांप रही थी। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही लेटे रहे फिर राजेश ने अपना हाथ उसके पेट पर रखा और मुस्कराते हुए पुछा “कैसा लगा तुम्हे, मुझे लगता है कि मैंने मैं तुम्हारी शादीशुदा चूत को थोड़ा चौड़ा कर दिया है?”
रेनू हँसी, “आई लव इट! मुझे नहीं लगा था कि इसे पूरा ले लूंगी... लेकिन अब मुझे लगता है की मुझे इससे छोटे में मजा नहीं आयेगा। चलिए मुझे लगता है की मुझे अब अपने पति के पास वापस जाना चाहिए” उसने अपना हाथ राजेश के लंड पर रखा, और धीरे से उसे सहलाया।
राजेश रेनू पर झुका और उसे चूमते हुए बोला, “इतनी भी क्या जल्दी है, मुझे लग रहा था की आज तुम मेरे पास रुकोगी ...” उसने धीरे से रेनू की गांड पर एक थप्पड़ मारा।
“तुम्हारा मन नहीं भरा अभी, दो बार तो कर चुके हो।” रेनू ने उसे अपने ऊपर से हटाया और उठते हुए बोली।
“तुम ऐसी चीज नहीं हो जिससे किसी का मन भर जाए और अभी गांड तो मारी ही नहीं। ” राजेश ने उसका हाथ पकड़ कर कहा।
“वो मौका तो तुमको नहीं मिलेगा और अभी मुझमे और दम नहीं है तो मुझे जाने दो, अब तो जब तुम कहोगे मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगी” रेनू ने हाथ छुडाते हुए कहा।
“तो वादा करो की कल से रोज रात को तुम मेरे पास आओगी” राजेश ने इसरार किया।
“पक्का वादा बस पांच दिन छोड़ कर” रेनू ने खिलखिला कर जवाब दिया और कपडे पहनने लगी और इसी के साथ मैं बिना अपने लंड को हाथ लगाये झड गया।
(समाप्त)