01-08-2022, 11:38 PM
उसने आवाज को थोडा शांत करके कहा, “दरअसल कल मेरे दोस्तों की एक पार्टी है और मुझे उसमे घर से बनी गार्लिक ब्रेड ले जानी है। इन्टरनेट से देख कर मैंने मैं कुछ कोशिश तो की है लेकिन बात बन नहीं रही। मुझे लगता है की ये बिना किसी महिला के हाथ लगाये ठीक से नहीं होगा। इसीलिए अगर आप थोड़ी देर के लिए अपनी पत्नी को भेज सकें तो?”
मुझे समझ नहीं आया कि उसके अनुरोध पर क्या कहूं, मैं ऐसी किसी बात के लिए तैयार नहीं था। मैं खड़ा हुआ और धीरे से दूसरे कमरे में चला गया, “हाँ। जी क्यों नहीं लेकिन मैं देखता हूँ कही रेनू व्यस्त तो नहीं है तो आपको बस गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए रेनू की मदद की ज़रूरत है?” मैं चाहता था कि चीजे साफ़ रहे।
“ओह। मैं उन्हें उनकी बिकनी भी वापस देना चाहता था।”
मैं तो भूल ही गया था कि रेनू की बिकिनी अभी तक उसके पास है । “अच्छा हाँ, वैसे मुझे लगता है कि वह भूल गई है कि वो अभी भी आपके पास है।” मैं मुस्कुराया।
“अच्छा है! उन्होंने मुझे काफी चिढाया है तो मैं भी इसी बहाने उन्हें थोडा परेशान कर लूँगा। उन्हें भी पता चलना चाहिए की एक बूढ़े आदमी को इस तरह चिढ़ाना अच्छी बात नहीं है” वो हंसा।
“अब तो आपको बूढा समझने की गलती वो नहीं कर सकती। मैं आपकी बात से सहमत हूँ की आपको रेनू को सबक तो सिखाना चाहिए।” मैंने इसे कुछ मजाक में कहा था, लेकिन उसने न जाने इसे कैसे लिया।
राजेश ने उत्तर दिया, “अच्छा विचार है। देखना मैं तुम्हारी बीवी को किसी दिन उसी के तरीकों से छकाऊंगा।”
मेरा चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया, और मैंने मैं जवाब दिया, “ठीक है। मैं उसे आपके पास भेज रहा हूँ, लेकिन सिर्फ किचेन में मदद के लिए।”
“निश्चिन्त रहिये।” उसने जवाब दिया और मैंने मैं फोन काट दिया।
मैं धीरे-धीरे वापस लिविंग रूम में गया, अब तक मैंने मैं चेहरे से उत्तेजना की झलक छिपा ली थी। रेनू मेरा इंतजार कर रही थी।
“कौन था?”
मैंने मैं बेफिक्री से कहा, “राजेश का फोन था, उसे किचेन में तुम्हरी कुछ मदद की ज़रूरत है।”
उसका चेहरा तुरंत लाल हो गया “क्या... इस वक़्त? तूमने क्या बोला?”
मैंने सिर हिलाया, “हाँ। उसे कल किसी पार्टी के लिए एक डिश बना कर ले जानी है, उससे बन नहीं रही तो मदद मांग रहा था, मना कैसे कर देता।” मैंने शांत रह कर जवाब देने की कोशिश की, जैसे कि राजेश के अनुरोध में कुछ अभी आपत्तिजनक नहीं था।
रेनू बिस्तर में जाने के लिए तैयार थी, उस वक़्त उसने एक छोटी सी नाइटी पहनी हुई थी। यह बहुत कामुक लग रही थी और उसके कपडे ऐसे नहीं थे जिसमें वो घर के बाहर जा सके
उसके चेहरे पर एक उलझन थी “अच्छा! तुमने बोल दिया है तो मैं कपडे बदल कर आती हूँ। तुम भी कपडे बदल लो।”
“मेरे जाने की क्या जरूरत है?” मैंने कहा, “तुम अकेली ही चली जाओ और कपडे क्या बदलने, तुम्हे वहां सिर्फ दस मिनट लगेगें।”
“अरे तो क्या इन्ही कपड़ो में चली जाऊं?”, उसने अपनी छोटी सी नाइटी की ओर इशारा करते हुए।
“क्या हर्ज है? वैसे भी आज तक उसने इतने ज्यादा कपड़ो में तुम्हे नहीं देखा होगा।” मैंने मजाक में कहा लेकिन ऐसे कपड़ो में उसे राजेश के पास भेजने के विचार से मेरे लंड ने एक झटका लिया।
वह मुस्कुराई, “अगर तुम कहते हो तो ठीक है। लेकिन पीछे के दरवाजे से चली जाती हूँ।”
उसने पिछला दरवाजा खोला मुझे बाहर जाते हुए पलट कर मुझे देखा - उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी जैसे वह जानती थी कि राजेश के घर पर उसको सिर्फ गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए नहीं बुलाया गया है।
मैं अपनी बीवी की इन अदाओ से बहुत प्यार करता था। मैंने खिड़की के पास जाकर बाहर देखा की राजेश भी अपने घर के पीछे के दरवाजे को खोल कर बाहर आया, उसने शर्ट नहीं पहनी थी और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए, रेनू शरमा गई, और राजेश ने मेरी बीवी की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने घर के अंदर ले गया और वो मेरी नज़रों से ओझल हो गई।
मैं फ़ौरन घर से निकल कर राजेश की रसोई की खिड़की के पास पहुच गया लेकिन खिड़की बंद थी और शीशे काले थे तो अन्दर क्या हो रहा है कुछ नहीं दिख रहा था। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं घर लौट आया और चुपचाप सोफे पर बैठ गया। दस मिनट बीत गए, फिर बीस लेकिन रेनू लौट कर नहीं आई। मुझे लगा की कहीं राजेश रेनू को बेडरूम में तो नहीं ले गया। मैं फ़ौरन ऊपर अपने बेडरूम में गया लेकिन राजेश के बेडरूम में कोई नहीं था। मुझे लगा कि वो दोनों रसोई में ही होंगे।
मैं वापस पीछे के दरवाजे से बाहर निकला, और धीरे-धीरे उसकी रसोई की खिड़की के पास गया और खिड़की पर चढ़ कर एक्सास्ट फैन के होल से अन्दर देखने की कोशिश की। बत्ती जल रही थी और ऐसा लग रहा था कि चूल्हे पर कुछ बर्तन हैं, लेकिन राजेश या मेरी बीवी का वहां कोई नामोनिशान नहीं था।
मैं नीचे उतरा और लॉन के साइड से उसके लिविंग रूम की खिड़की पर पहुंच गया। पर्दे पड़े हुए थे लेकिन उनके बीच में थोड़ी जगह थी जिससे अन्दर देखा जा सकता था और अन्दर से दोनों की हलकी आवाजें आ रही थी।
मैंने जो देखा, उसने मुझे लगभग कामोत्तेजना से बेहोश कर दिया। राजेश और रेनू सामने सोफे पर बैठे थे। मेरी बीवी की नाइटी नीचे पड़ी थी और उसकी ब्रा को खीच कर उसकी कमर पर कर दिया गया था – जिससे उसकी बड़ी बड़ी चून्चिया नंगी हो गयी थी। राजेश उन्हें सहला रहा था, उनकी मालिश कर रहा था और निप्पलों को खींच रहा था। मैंने देखा की रेनू उत्तेजना में अपना सिर छत की तरफ करके हलके हलके कराह रही थी।
राजेश अपना शॉर्ट् उतार चुका था और इस समय पूरा नंगा था और उसका हलब्बी लंड पूरा तना हुआ था। जब मैंने मैं देखा कि रेनू का नाजुक हाथ उसके लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था तो मैं लगभग झड ही गया।
मेरी शर्मीली बीवी मेरे पडोसी के लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे कर रही थी, राजेश का मोटा लंड पूरी तरह से रेनू की मुट्ठी में नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी रेनू पूरे जोश से उसे हिला रही थी।
मेरा मुंह सूख रहा था, मेरी आंखें वासना से लाल हो गई थीं, थीं लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, राजेश ने एक जोर की आह भरी और खड़ा होकर रेनू के मुह पर झडने लगा।
एक के बाद एक वीर्य की मोटी धार उसके लंड से निकलने लगी, रेनू का मुह राजेश के वीर्य से पूरी तरह भीग गया और रेनू उसी वीर्य का लेप अपने हाथ में लेकर राजेश के लंड पर लगा कर उसे तब तक हिलाती रही जब तक उसके लंड ने आखिरी बूँद नहीं छोड़ दी।
राजेश ने अपनी आँखे बंद कर ली और सिर सोफे पर टिका लिया, उसके चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव था। उसका इस तरह झड़ना देख कर मेरी बीवी उत्तेजित होकर बोली, “वाह राजेश, इतना सारा वीर्य, लगता है कई दिनों का स्टॉक था।”
राजेश ने उत्तर दिया, “नहीं डार्लिंग। अभी दस मिनट बाद तुम फिर से करोगी तब भी इतना ही निकलेगा।” वह रुका, “लेकिन कुछ जादू तो तुम्हारे हाथों का भी है।” वो हंसा।
“मैं तुमको बता नहीं सकता कि मैंने जब तुमको पहली बार देखा था तब से ही मैं कितनी बुरी तरह चाहता था कि हम ऐसा कुछ करें।”
रेनू यह सुनकर उत्तेजित हो गई, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने अभी जो किया है! मोनू को पता चलेगा तो मुझे मार ही डालेगा!”
“मुझे नहीं लगता। मोनू को तो इसमें किक मिलती है, रेनू। जब तुम उसे बताओगी तो वो इसे बहुत पसंद करेगा।” राजेश की आवाज अचानक आश्वस्त करने वाली हो गई, मैंने अंदर झाँका तो देखा कि दोनों वापस कपडे पेहन रहे थे, रेनू ने अपनी नाइटी वापस अपने कंधों पर डाल ली और दोनों खड़े हो गए।
रेनू वापस जाने के लिए पिछले दरवाजे की तरफ बढ़ी, “मुझे आशा है कि ऐसा ही हो ...” जाते हुए उसने मुस्कुरा कर राजेश से कहा।
मुझे समझ नहीं आया कि उसके अनुरोध पर क्या कहूं, मैं ऐसी किसी बात के लिए तैयार नहीं था। मैं खड़ा हुआ और धीरे से दूसरे कमरे में चला गया, “हाँ। जी क्यों नहीं लेकिन मैं देखता हूँ कही रेनू व्यस्त तो नहीं है तो आपको बस गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए रेनू की मदद की ज़रूरत है?” मैं चाहता था कि चीजे साफ़ रहे।
“ओह। मैं उन्हें उनकी बिकनी भी वापस देना चाहता था।”
मैं तो भूल ही गया था कि रेनू की बिकिनी अभी तक उसके पास है । “अच्छा हाँ, वैसे मुझे लगता है कि वह भूल गई है कि वो अभी भी आपके पास है।” मैं मुस्कुराया।
“अच्छा है! उन्होंने मुझे काफी चिढाया है तो मैं भी इसी बहाने उन्हें थोडा परेशान कर लूँगा। उन्हें भी पता चलना चाहिए की एक बूढ़े आदमी को इस तरह चिढ़ाना अच्छी बात नहीं है” वो हंसा।
“अब तो आपको बूढा समझने की गलती वो नहीं कर सकती। मैं आपकी बात से सहमत हूँ की आपको रेनू को सबक तो सिखाना चाहिए।” मैंने इसे कुछ मजाक में कहा था, लेकिन उसने न जाने इसे कैसे लिया।
राजेश ने उत्तर दिया, “अच्छा विचार है। देखना मैं तुम्हारी बीवी को किसी दिन उसी के तरीकों से छकाऊंगा।”
मेरा चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया, और मैंने मैं जवाब दिया, “ठीक है। मैं उसे आपके पास भेज रहा हूँ, लेकिन सिर्फ किचेन में मदद के लिए।”
“निश्चिन्त रहिये।” उसने जवाब दिया और मैंने मैं फोन काट दिया।
मैं धीरे-धीरे वापस लिविंग रूम में गया, अब तक मैंने मैं चेहरे से उत्तेजना की झलक छिपा ली थी। रेनू मेरा इंतजार कर रही थी।
“कौन था?”
मैंने मैं बेफिक्री से कहा, “राजेश का फोन था, उसे किचेन में तुम्हरी कुछ मदद की ज़रूरत है।”
उसका चेहरा तुरंत लाल हो गया “क्या... इस वक़्त? तूमने क्या बोला?”
मैंने सिर हिलाया, “हाँ। उसे कल किसी पार्टी के लिए एक डिश बना कर ले जानी है, उससे बन नहीं रही तो मदद मांग रहा था, मना कैसे कर देता।” मैंने शांत रह कर जवाब देने की कोशिश की, जैसे कि राजेश के अनुरोध में कुछ अभी आपत्तिजनक नहीं था।
रेनू बिस्तर में जाने के लिए तैयार थी, उस वक़्त उसने एक छोटी सी नाइटी पहनी हुई थी। यह बहुत कामुक लग रही थी और उसके कपडे ऐसे नहीं थे जिसमें वो घर के बाहर जा सके
उसके चेहरे पर एक उलझन थी “अच्छा! तुमने बोल दिया है तो मैं कपडे बदल कर आती हूँ। तुम भी कपडे बदल लो।”
“मेरे जाने की क्या जरूरत है?” मैंने कहा, “तुम अकेली ही चली जाओ और कपडे क्या बदलने, तुम्हे वहां सिर्फ दस मिनट लगेगें।”
“अरे तो क्या इन्ही कपड़ो में चली जाऊं?”, उसने अपनी छोटी सी नाइटी की ओर इशारा करते हुए।
“क्या हर्ज है? वैसे भी आज तक उसने इतने ज्यादा कपड़ो में तुम्हे नहीं देखा होगा।” मैंने मजाक में कहा लेकिन ऐसे कपड़ो में उसे राजेश के पास भेजने के विचार से मेरे लंड ने एक झटका लिया।
वह मुस्कुराई, “अगर तुम कहते हो तो ठीक है। लेकिन पीछे के दरवाजे से चली जाती हूँ।”
उसने पिछला दरवाजा खोला मुझे बाहर जाते हुए पलट कर मुझे देखा - उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी जैसे वह जानती थी कि राजेश के घर पर उसको सिर्फ गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए नहीं बुलाया गया है।
मैं अपनी बीवी की इन अदाओ से बहुत प्यार करता था। मैंने खिड़की के पास जाकर बाहर देखा की राजेश भी अपने घर के पीछे के दरवाजे को खोल कर बाहर आया, उसने शर्ट नहीं पहनी थी और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए, रेनू शरमा गई, और राजेश ने मेरी बीवी की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने घर के अंदर ले गया और वो मेरी नज़रों से ओझल हो गई।
मैं फ़ौरन घर से निकल कर राजेश की रसोई की खिड़की के पास पहुच गया लेकिन खिड़की बंद थी और शीशे काले थे तो अन्दर क्या हो रहा है कुछ नहीं दिख रहा था। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं घर लौट आया और चुपचाप सोफे पर बैठ गया। दस मिनट बीत गए, फिर बीस लेकिन रेनू लौट कर नहीं आई। मुझे लगा की कहीं राजेश रेनू को बेडरूम में तो नहीं ले गया। मैं फ़ौरन ऊपर अपने बेडरूम में गया लेकिन राजेश के बेडरूम में कोई नहीं था। मुझे लगा कि वो दोनों रसोई में ही होंगे।
मैं वापस पीछे के दरवाजे से बाहर निकला, और धीरे-धीरे उसकी रसोई की खिड़की के पास गया और खिड़की पर चढ़ कर एक्सास्ट फैन के होल से अन्दर देखने की कोशिश की। बत्ती जल रही थी और ऐसा लग रहा था कि चूल्हे पर कुछ बर्तन हैं, लेकिन राजेश या मेरी बीवी का वहां कोई नामोनिशान नहीं था।
मैं नीचे उतरा और लॉन के साइड से उसके लिविंग रूम की खिड़की पर पहुंच गया। पर्दे पड़े हुए थे लेकिन उनके बीच में थोड़ी जगह थी जिससे अन्दर देखा जा सकता था और अन्दर से दोनों की हलकी आवाजें आ रही थी।
मैंने जो देखा, उसने मुझे लगभग कामोत्तेजना से बेहोश कर दिया। राजेश और रेनू सामने सोफे पर बैठे थे। मेरी बीवी की नाइटी नीचे पड़ी थी और उसकी ब्रा को खीच कर उसकी कमर पर कर दिया गया था – जिससे उसकी बड़ी बड़ी चून्चिया नंगी हो गयी थी। राजेश उन्हें सहला रहा था, उनकी मालिश कर रहा था और निप्पलों को खींच रहा था। मैंने देखा की रेनू उत्तेजना में अपना सिर छत की तरफ करके हलके हलके कराह रही थी।
राजेश अपना शॉर्ट् उतार चुका था और इस समय पूरा नंगा था और उसका हलब्बी लंड पूरा तना हुआ था। जब मैंने मैं देखा कि रेनू का नाजुक हाथ उसके लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था तो मैं लगभग झड ही गया।
मेरी शर्मीली बीवी मेरे पडोसी के लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे कर रही थी, राजेश का मोटा लंड पूरी तरह से रेनू की मुट्ठी में नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी रेनू पूरे जोश से उसे हिला रही थी।
मेरा मुंह सूख रहा था, मेरी आंखें वासना से लाल हो गई थीं, थीं लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, राजेश ने एक जोर की आह भरी और खड़ा होकर रेनू के मुह पर झडने लगा।
एक के बाद एक वीर्य की मोटी धार उसके लंड से निकलने लगी, रेनू का मुह राजेश के वीर्य से पूरी तरह भीग गया और रेनू उसी वीर्य का लेप अपने हाथ में लेकर राजेश के लंड पर लगा कर उसे तब तक हिलाती रही जब तक उसके लंड ने आखिरी बूँद नहीं छोड़ दी।
राजेश ने अपनी आँखे बंद कर ली और सिर सोफे पर टिका लिया, उसके चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव था। उसका इस तरह झड़ना देख कर मेरी बीवी उत्तेजित होकर बोली, “वाह राजेश, इतना सारा वीर्य, लगता है कई दिनों का स्टॉक था।”
राजेश ने उत्तर दिया, “नहीं डार्लिंग। अभी दस मिनट बाद तुम फिर से करोगी तब भी इतना ही निकलेगा।” वह रुका, “लेकिन कुछ जादू तो तुम्हारे हाथों का भी है।” वो हंसा।
“मैं तुमको बता नहीं सकता कि मैंने जब तुमको पहली बार देखा था तब से ही मैं कितनी बुरी तरह चाहता था कि हम ऐसा कुछ करें।”
रेनू यह सुनकर उत्तेजित हो गई, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने अभी जो किया है! मोनू को पता चलेगा तो मुझे मार ही डालेगा!”
“मुझे नहीं लगता। मोनू को तो इसमें किक मिलती है, रेनू। जब तुम उसे बताओगी तो वो इसे बहुत पसंद करेगा।” राजेश की आवाज अचानक आश्वस्त करने वाली हो गई, मैंने अंदर झाँका तो देखा कि दोनों वापस कपडे पेहन रहे थे, रेनू ने अपनी नाइटी वापस अपने कंधों पर डाल ली और दोनों खड़े हो गए।
रेनू वापस जाने के लिए पिछले दरवाजे की तरफ बढ़ी, “मुझे आशा है कि ऐसा ही हो ...” जाते हुए उसने मुस्कुरा कर राजेश से कहा।