31-07-2022, 10:21 AM
ऐसे ही कुछ और दिन बीत गए और मैंने मैं सोचा कि हमने राजेश को उस दोपहर के बाद से नहीं देखा है। मुझे लगा की अब वो भी हमारे सामने आने से बच रहा था तो मैं ऑफिस जाते समय उसके घर चला गया और इत्तेफाक से वो उस समय अपने बगीचे ही था।
“अरे राजेश, कैसे हैं, कई दिन से आप दिखे नहीं तो मुझे लगा की आपके हाल चाल ले लिए जाएँ”
मुझे देख कर वो मेरे पास आ गया और घबराकर कहने लगा, “मैं ठीक हूँ लेकिन उस दिन के बाद आप लोगों के सामने आने की हिम्मत ही नहीं हुई। मेरा उस दिन जो
किया वो ठीक नहीं था... आपकी पत्नी के सामने इस तरह...रेनू तो मुझसे काफी नाराज...।”
“नाराजगी कैसी, अरे चिंता की कोई बात नहीं है। रेनू जानती है की हम सभी ने काफी शराब पी रखी थी।” मैंने मैं उसे टोकते हुए कहा, “और सच तो ये है की मैं सालों से रेनू को थोडा ओपन होने को कहता आ रहा हूँ, मुझे लगता है कि अब आपकी वजह से आखिरकार वो थोडा फ्री हो रही है, याद कीजिये सबसे पहले उसने ही अपने कपडे खोले थे तो वो आपसे नाराज क्यों होगी, मैं तो इससे खुश हूँ और आप परेशान हो रहे हैं।”
मेरी बात सुन कर राजेश ने राहत की सांस ली, “तो तुम्हारी बीवी मुझसे नाराज़ नहीं है, वैसे वो है तो कमाल की चीज।” वह रुका, “अगर हर सन्डे ऐसा ही हो जैसा उस दिन हुआ था तो मेरी तो जिदगी जन्नत हो जाएगी।”
“नाराज? अरे सच तो ये है की उसी ने मुझसे कहा की बहुत दिनों से राजेश नहीं दिखे, जाकर देखो क्या बात है” मैंने झूठ बोल दिया और फिर हँसकर बोला, “अगली बार जब हमारा पूल डे होगा तो मैं आपको पहले से बता दूंगा ताकि आपकी जिंदगी जन्नत हो जाए ”।
“तुम्हारा एहसान होगा।” राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा। इसी के साथ मैंने उससे विदा ली और दफ्तर के लिए निकल गया।
अगली सुबह जागने पर मैंने पाया की रेनू बाथरूम में शावर ले रही है और उसके कपडे और टॉवल हमेशा की तरह बेड पर पड़े हैं।
![[Image: 49933481_023_4646.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/186/49933481/49933481_023_4646.jpg)
मैंने मैं फ़ौरन जाकर अपने बेडरूम के पर्दे खोले तो पाया की राजेश बिना शर्ट के अपने बेडरूम में घूम रहा था। उसने मुझे देख कर हाथ हिलाया जिसका मैंने मैं जवाब दिया और जान बूझ कर पर्दे खुले रहने दिए।
जैसे ही रेनू शॉवर से बाहर निकल रही थी, मैं बाथरूम में चला गया और लापरवाही से बोला “तुम्हार आशिक वहां तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”।
वो समझी नहीं कि मेरा क्या मतलब है, “हुह?” उसने पुछा।
“राजेश तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। मैंने मैं पर्दे खोल दिए हैं”, मैंने मैं शरारत से मुस्कुरा कर कहा।
“ओफ्फो।” वह बोली, लेकिन नंगी ही बाहर निकल गयी।
![[Image: 72015057_005_6b20.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/5/250/72015057/72015057_005_6b20.jpg)
उसका चेहरा लाल था, और उसको हिम्मत देने के लिए शराब का नशा भी नहीं था, ये जानते हुए की राजेश उसे देख सकता है फिर भी अपने पूरे होश में वो नंगी रूम में चली गयी। वो बेफिक्री से बेडरूम में घुसी और इधर उधर टहलने लगी, उसके चलने के साथ उसके मम्मों को उछलते हुए देखा जा सकता था। मैं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा ब्रश करते हुए उसे देख रहा था।
“आई थिंक की राजेश के लिए इतना काफी है।” उसने शरारत से कहा, और परदा बंद करने के लिए खिड़की के पास चली गई। जैसे ही वह उन्हें बंद करने वाली थी, वह रुक गई, “ओह।” मैंने मैं उसे धीरे से कहते सुना फिर उसने पर्दे बंद कर दिए।
“क्या हुआ?” मैंने मैं ब्रश करते हुए पूछा। वह धीरे से बिस्तर के किनारे बैठ गई, और अपनी पेंटी पेहेनने लगी।
“कुछ नहीं।” उसने कहा। “बस तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारी बीवी को अपना लंड दिखा रहा था।” वह यह कह कर हँसी। ब्रश लगभग मेरे हाथ से गिर ही गया और टूथपेस्ट से भरे मुंह से मैंने मैं बोला, “तुम मजाक कर रही हो।”
“नहीं... जैसे ही मैं खिड़की के पास आई उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, और मुझे दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा।” वह रुक गई, अपना होंठ काट रही थी। “सच में ... काफी बड़ा है उसका।” आखरी शब्द उसके मुंह से उत्तेजनावश निकल गए।
![[Image: 27604152_018_e65b.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/187/27604152/27604152_018_e65b.jpg)
मैंने मैं फ़ौरन कुल्ला किया और उसके पास जाकर बोला “ठीक है रेनू, अभी कपडे मत पहनो!” मैंने मैं यह कह कर अपनी पैंट उतार दी।
उसने मेरी ओर देखा, “ओह, वैसा तो नहीं है लेकिन काम चल जायेगा” यह मजाक में कहा गया था, लेकिन इसने और उत्तेजित किया। मैंने रेनू की पेंटी लगभग फाड़ते हुए उतार दी और उसे बिस्तर पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया।
हमने उस सुबह तीन बार चुदाई की, और हम दोनों में से कोई भी ऑफिस नहीं गया। इस घटना ने हम दोनों को बहुत उत्तेजित कर दिया था और अगले दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी थी तो मैंने मैं सोचा था की एक और पूल पार्टी की जाएगी।
दिन भर की चुदाई से थके उस रात रेनू और मैं डिनर के बाद सोफे पर बैठे एक फिल्म देख रहे थे कि मेरा फोन बज उठा, मैंने देखा की राजेश फोन कर रहा था। मुझे यह अजीब लगा, क्योंकि एक तो वो कभी मुझे फोन करता नहीं था और दुसरे की रात के दस बज रहे थे।
“हुकुम कीजिये वकील साहब।” मैंने मैं फोन उठा कर कहा।
“दरखास्त है” उसने मजाक में जवाब दिया।
“बताइए कैसे मदद कर सकता हूँ?” मैंने मैं पुछा।
“थोड़ी देर के लिए आपकी बीवी उधार मिलेगी?” राजेश के शब्दों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
“जी?” मेरे मुह से निकल गया। दरअसल राजेश से मुझे ऐसी किसी बात की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।
“अरे राजेश, कैसे हैं, कई दिन से आप दिखे नहीं तो मुझे लगा की आपके हाल चाल ले लिए जाएँ”
मुझे देख कर वो मेरे पास आ गया और घबराकर कहने लगा, “मैं ठीक हूँ लेकिन उस दिन के बाद आप लोगों के सामने आने की हिम्मत ही नहीं हुई। मेरा उस दिन जो
किया वो ठीक नहीं था... आपकी पत्नी के सामने इस तरह...रेनू तो मुझसे काफी नाराज...।”
“नाराजगी कैसी, अरे चिंता की कोई बात नहीं है। रेनू जानती है की हम सभी ने काफी शराब पी रखी थी।” मैंने मैं उसे टोकते हुए कहा, “और सच तो ये है की मैं सालों से रेनू को थोडा ओपन होने को कहता आ रहा हूँ, मुझे लगता है कि अब आपकी वजह से आखिरकार वो थोडा फ्री हो रही है, याद कीजिये सबसे पहले उसने ही अपने कपडे खोले थे तो वो आपसे नाराज क्यों होगी, मैं तो इससे खुश हूँ और आप परेशान हो रहे हैं।”
मेरी बात सुन कर राजेश ने राहत की सांस ली, “तो तुम्हारी बीवी मुझसे नाराज़ नहीं है, वैसे वो है तो कमाल की चीज।” वह रुका, “अगर हर सन्डे ऐसा ही हो जैसा उस दिन हुआ था तो मेरी तो जिदगी जन्नत हो जाएगी।”
“नाराज? अरे सच तो ये है की उसी ने मुझसे कहा की बहुत दिनों से राजेश नहीं दिखे, जाकर देखो क्या बात है” मैंने झूठ बोल दिया और फिर हँसकर बोला, “अगली बार जब हमारा पूल डे होगा तो मैं आपको पहले से बता दूंगा ताकि आपकी जिंदगी जन्नत हो जाए ”।
“तुम्हारा एहसान होगा।” राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा। इसी के साथ मैंने उससे विदा ली और दफ्तर के लिए निकल गया।
अगली सुबह जागने पर मैंने पाया की रेनू बाथरूम में शावर ले रही है और उसके कपडे और टॉवल हमेशा की तरह बेड पर पड़े हैं।
![[Image: 49933481_023_4646.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/186/49933481/49933481_023_4646.jpg)
मैंने मैं फ़ौरन जाकर अपने बेडरूम के पर्दे खोले तो पाया की राजेश बिना शर्ट के अपने बेडरूम में घूम रहा था। उसने मुझे देख कर हाथ हिलाया जिसका मैंने मैं जवाब दिया और जान बूझ कर पर्दे खुले रहने दिए।
जैसे ही रेनू शॉवर से बाहर निकल रही थी, मैं बाथरूम में चला गया और लापरवाही से बोला “तुम्हार आशिक वहां तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”।
वो समझी नहीं कि मेरा क्या मतलब है, “हुह?” उसने पुछा।
“राजेश तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। मैंने मैं पर्दे खोल दिए हैं”, मैंने मैं शरारत से मुस्कुरा कर कहा।
“ओफ्फो।” वह बोली, लेकिन नंगी ही बाहर निकल गयी।
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उसका चेहरा लाल था, और उसको हिम्मत देने के लिए शराब का नशा भी नहीं था, ये जानते हुए की राजेश उसे देख सकता है फिर भी अपने पूरे होश में वो नंगी रूम में चली गयी। वो बेफिक्री से बेडरूम में घुसी और इधर उधर टहलने लगी, उसके चलने के साथ उसके मम्मों को उछलते हुए देखा जा सकता था। मैं बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा ब्रश करते हुए उसे देख रहा था।
“आई थिंक की राजेश के लिए इतना काफी है।” उसने शरारत से कहा, और परदा बंद करने के लिए खिड़की के पास चली गई। जैसे ही वह उन्हें बंद करने वाली थी, वह रुक गई, “ओह।” मैंने मैं उसे धीरे से कहते सुना फिर उसने पर्दे बंद कर दिए।
“क्या हुआ?” मैंने मैं ब्रश करते हुए पूछा। वह धीरे से बिस्तर के किनारे बैठ गई, और अपनी पेंटी पेहेनने लगी।
“कुछ नहीं।” उसने कहा। “बस तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारी बीवी को अपना लंड दिखा रहा था।” वह यह कह कर हँसी। ब्रश लगभग मेरे हाथ से गिर ही गया और टूथपेस्ट से भरे मुंह से मैंने मैं बोला, “तुम मजाक कर रही हो।”
“नहीं... जैसे ही मैं खिड़की के पास आई उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, और मुझे दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा।” वह रुक गई, अपना होंठ काट रही थी। “सच में ... काफी बड़ा है उसका।” आखरी शब्द उसके मुंह से उत्तेजनावश निकल गए।
![[Image: 27604152_018_e65b.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/187/27604152/27604152_018_e65b.jpg)
मैंने मैं फ़ौरन कुल्ला किया और उसके पास जाकर बोला “ठीक है रेनू, अभी कपडे मत पहनो!” मैंने मैं यह कह कर अपनी पैंट उतार दी।
उसने मेरी ओर देखा, “ओह, वैसा तो नहीं है लेकिन काम चल जायेगा” यह मजाक में कहा गया था, लेकिन इसने और उत्तेजित किया। मैंने रेनू की पेंटी लगभग फाड़ते हुए उतार दी और उसे बिस्तर पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया।
हमने उस सुबह तीन बार चुदाई की, और हम दोनों में से कोई भी ऑफिस नहीं गया। इस घटना ने हम दोनों को बहुत उत्तेजित कर दिया था और अगले दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी थी तो मैंने मैं सोचा था की एक और पूल पार्टी की जाएगी।
दिन भर की चुदाई से थके उस रात रेनू और मैं डिनर के बाद सोफे पर बैठे एक फिल्म देख रहे थे कि मेरा फोन बज उठा, मैंने देखा की राजेश फोन कर रहा था। मुझे यह अजीब लगा, क्योंकि एक तो वो कभी मुझे फोन करता नहीं था और दुसरे की रात के दस बज रहे थे।
“हुकुम कीजिये वकील साहब।” मैंने मैं फोन उठा कर कहा।
“दरखास्त है” उसने मजाक में जवाब दिया।
“बताइए कैसे मदद कर सकता हूँ?” मैंने मैं पुछा।
“थोड़ी देर के लिए आपकी बीवी उधार मिलेगी?” राजेश के शब्दों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
“जी?” मेरे मुह से निकल गया। दरअसल राजेश से मुझे ऐसी किसी बात की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।