30-07-2022, 02:54 PM
राजेश और मैं दोनों उसको एकटक देखते रहे। वो पूल से निकल कर राजेश के पास गयी और उसके हाथ से गिलास लिया फिर वो मेज पर गयी और जार से उसने राजेश के लिए ड्रिंक निकाला और वापस जाकर उसने राजेश को वो ड्रिंक दिया।
राजेश ने थूक गटकते हुए उसके मम्मों को हाथ लगाना चाहा लेकिन रेनू फुर्ती से पीछे हो गयी और हँसती हुई वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश बेचारा हाथ मलते रह गया और मैंने मैं उसे बडबडाते हुए सुना “उफ्फ्फ! क्या मम्मे हैं !”
रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने मैं सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”
ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने मैं रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने मैं इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने मैं उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका चौं दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”
वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने मैं भी राजेश की तरफ देखा। राजेश रेनू को घूर रहा था और देख रहा था की कैसे मैं उसकी चुदाई कर रहा था। लेकिन रेनू इस बात से नहीं चौंकी , जिस बात ने उसे चौंका दिया था वो था राजेश का लंड जिसे राजेश ने अपने शोर्ट से बाहर निकाल लिया था और वो रेनू की चुदाई देख कर उसे हिला रहा था।
उसका लंड मुझसे बड़ा था, शायद आठ इंच या उससे भी कुछ ज्यादा लंबा और काफी मोटा भी। जब उसने मुझे रेनू की चूत में अपना लंड घुसाते देखा तो शायद उससे रहा नहीं गया और वो मुठ मारने लगा। हम दोनों का ध्यान एकसाथ उसके लंड के विशाल आकार पर गया और हम दोनों ही चौंक गए। राजेश ने हमें उसके लंड की ओर देखते हुए देखा, तो बोला “सॉरी... लेकिन मैं क्या करता। रेनू को इस तरह सेक्स करते देख मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। शायद मुझे यहाँ से उठ जाना चाहिए था। मैं माफ़ी चाहता हूँ।” उसने अपने हलब्बी लंड को वापस अपने शॉर्ट्स में भरने की नाकाम कोशिश की लेकिन रेनू ने उसे बीच में रोक दिया।
“डोन्ट वरी!... करते रहो, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”, बोलते हुए उसकी आँखे लाल हो गई, उसने भी आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा होगा।
वो अचानक पूल से बाहर निकली और राजेश के सामने घास पर लेट कर बोली “आओ मोनू, मुझे चोदो न।” उसने मुझे आमंत्रित किया।
मैं सोचने लगा की यह औरत कौन है? मेरी बीवी तो एकदम बदल गयी है और मैं उसके हुस्न की पूजा करने उसके पास चला गया। मैंने मैं उसकी टांगो को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिका कर एक जोर का धक्का मारा। मेरा लंड पूरा एक बार में ही उसकी चूत में उतर गया और मैं जोश में उसे चोदने लगा। मैंने मैं देखा कि चुदते हुए वह राजेश को घूर रही थी, और राजेश उसे देख रहा था, और केवल इसी बात ने मेरे जुनून को और भड़काने का काम किया।
रेनू जोर-जोर से कराह रही थी, मुझे चिंता होने लगी कि उसकी आवाज दूर तक जा रही होगी। उसके बावजूद मैंने मैं उसके चूतडो को कसकर पकड़ लिया और धक्को की रफ़्तार दोगुनी कर दी।
राजेश मेरी बीवी की लंड अन्दर बाहर लेती हुई चूत में खो गया और मेरी बीवी से बोला, “ओह रेनू, तुमने तो मेरे लंड को एक चट्टान की तरह कर दिया है।” मैंने मैं एक बार फिर से उसके हलब्बी लंड को देखा, मुझे अभी भी यह विश्वास नहीं हो रहा थ कि हमारे पड़ोसी का हथियार इतना बड़ा है। जब मुझे लगा कि मैं और अधिक उत्तेजित नहीं हो सकता तभी रेनू की बात सुन कर मेरा लंड फटने को हो आया, रेनू ने राजेश की बात का जवाब देते हुए बोला था, “मैंने मैं आज तक इतना शानदार लंड नहीं देखा राजेश!”
मैंने आज तक अपनी बीवी के मुह से लंड शब्द पहले कभी नहीं सुना था और आज वो मेरे सामने दूसरे आदमी के लंड के साइज़ की तारीफ कर रही थी। मैं पहले ही झड़ने के कगार पर था लेकिन रेनू के मुह से निकले ये अल्फाज़ सुन कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं झटके लेते हुए रेनू की चूत में फूट पड़ा, इसके साथ ही रेनू ने अपनी चूत मेरे लंड के चारों ओर कस ली जैसे वो उसको निचोड़ लेना चाहती थी और एक जोर की कराह के साथ उसकी चूत बह निकली और फिर हमने राजेश की आवाज सुनी।
“बेहतरीन शो था, बहुत सही से चोदा।” अपना लंड हिलाते हुए उसने मुझसे कहा और उसके लंड ने भी पानी छोड़ दिया। हम दोनों उसे झड़ते हुए देख रहे थे, उसके लंड झटके लेते हुए एक वीर्य की एक धार के बाद दूसरी धार छोड़ रहा था, उसके टट्टे काफी बड़े थे और शायद वो काफी दिन बाद खाली हो रहे थे तो वो कामोन्माद में झड़ता गया। आखिरकार हम सब शांत हो गए, और एक सन्नाटा छा गया।
अचानक मेरी हँसी छूट गयी, फिर मेरी देखा देखी रेनू भी हंसने लगी और फिर राजेश भी हमारी नकल करके हंसने लगा।
“ओके राजेश, गुड बाय, हम अब अन्दर जा रहे हैं।” मैंने अब उसे अपने घर जाने का इशारा किया।
मेरी बात सुनकर राजेश ने अपना लंड को, जो झड़ने के बाद मुरझा गया था, वापस अपने शॉर्ट्स में डाला और बोला, “ये जो मैंने मैं अभी किया वो पता नहीं कैसे हुआ, समझ नहीं आया?”
उसकी बात सुन कर रेनू हँसने लगी, और मैंने मैं जवाब दिया, “इट’स ओके, हम सबको मस्ती चढ़ गयी थी लेकिन अब इस पर बात न की जाए तो बेहतर है।”
राजेश खड़ा हुआ और बोला “ठीक है, मैं यह जार सुबह ले लूंगा।” वह अपने घर जाने के लिए मुड़ा और रुक कर बोला, “आप दोनों ने आज जो मेरी वर्ल्ड क्लास खातिरदारी की है उसके लिए बहुत धन्यवाद।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, और तेजी से अपने घर चला गया।
राजेश के जाने के बाद मेरी बीवी ने अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखा और मुझे जल्दी से बेडरूम में चलने का इशारा किया। वो अभी भी काफी गरम थी और चुदाई का एक राउंड और चाहती थी, मैंने मैं उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया।
राजेश ने थूक गटकते हुए उसके मम्मों को हाथ लगाना चाहा लेकिन रेनू फुर्ती से पीछे हो गयी और हँसती हुई वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश बेचारा हाथ मलते रह गया और मैंने मैं उसे बडबडाते हुए सुना “उफ्फ्फ! क्या मम्मे हैं !”
रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने मैं सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”
ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने मैं रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने मैं इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने मैं उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका चौं दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”
वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने मैं भी राजेश की तरफ देखा। राजेश रेनू को घूर रहा था और देख रहा था की कैसे मैं उसकी चुदाई कर रहा था। लेकिन रेनू इस बात से नहीं चौंकी , जिस बात ने उसे चौंका दिया था वो था राजेश का लंड जिसे राजेश ने अपने शोर्ट से बाहर निकाल लिया था और वो रेनू की चुदाई देख कर उसे हिला रहा था।
उसका लंड मुझसे बड़ा था, शायद आठ इंच या उससे भी कुछ ज्यादा लंबा और काफी मोटा भी। जब उसने मुझे रेनू की चूत में अपना लंड घुसाते देखा तो शायद उससे रहा नहीं गया और वो मुठ मारने लगा। हम दोनों का ध्यान एकसाथ उसके लंड के विशाल आकार पर गया और हम दोनों ही चौंक गए। राजेश ने हमें उसके लंड की ओर देखते हुए देखा, तो बोला “सॉरी... लेकिन मैं क्या करता। रेनू को इस तरह सेक्स करते देख मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। शायद मुझे यहाँ से उठ जाना चाहिए था। मैं माफ़ी चाहता हूँ।” उसने अपने हलब्बी लंड को वापस अपने शॉर्ट्स में भरने की नाकाम कोशिश की लेकिन रेनू ने उसे बीच में रोक दिया।
“डोन्ट वरी!... करते रहो, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”, बोलते हुए उसकी आँखे लाल हो गई, उसने भी आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा होगा।
वो अचानक पूल से बाहर निकली और राजेश के सामने घास पर लेट कर बोली “आओ मोनू, मुझे चोदो न।” उसने मुझे आमंत्रित किया।
मैं सोचने लगा की यह औरत कौन है? मेरी बीवी तो एकदम बदल गयी है और मैं उसके हुस्न की पूजा करने उसके पास चला गया। मैंने मैं उसकी टांगो को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर टिका कर एक जोर का धक्का मारा। मेरा लंड पूरा एक बार में ही उसकी चूत में उतर गया और मैं जोश में उसे चोदने लगा। मैंने मैं देखा कि चुदते हुए वह राजेश को घूर रही थी, और राजेश उसे देख रहा था, और केवल इसी बात ने मेरे जुनून को और भड़काने का काम किया।
रेनू जोर-जोर से कराह रही थी, मुझे चिंता होने लगी कि उसकी आवाज दूर तक जा रही होगी। उसके बावजूद मैंने मैं उसके चूतडो को कसकर पकड़ लिया और धक्को की रफ़्तार दोगुनी कर दी।
राजेश मेरी बीवी की लंड अन्दर बाहर लेती हुई चूत में खो गया और मेरी बीवी से बोला, “ओह रेनू, तुमने तो मेरे लंड को एक चट्टान की तरह कर दिया है।” मैंने मैं एक बार फिर से उसके हलब्बी लंड को देखा, मुझे अभी भी यह विश्वास नहीं हो रहा थ कि हमारे पड़ोसी का हथियार इतना बड़ा है। जब मुझे लगा कि मैं और अधिक उत्तेजित नहीं हो सकता तभी रेनू की बात सुन कर मेरा लंड फटने को हो आया, रेनू ने राजेश की बात का जवाब देते हुए बोला था, “मैंने मैं आज तक इतना शानदार लंड नहीं देखा राजेश!”
मैंने आज तक अपनी बीवी के मुह से लंड शब्द पहले कभी नहीं सुना था और आज वो मेरे सामने दूसरे आदमी के लंड के साइज़ की तारीफ कर रही थी। मैं पहले ही झड़ने के कगार पर था लेकिन रेनू के मुह से निकले ये अल्फाज़ सुन कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं झटके लेते हुए रेनू की चूत में फूट पड़ा, इसके साथ ही रेनू ने अपनी चूत मेरे लंड के चारों ओर कस ली जैसे वो उसको निचोड़ लेना चाहती थी और एक जोर की कराह के साथ उसकी चूत बह निकली और फिर हमने राजेश की आवाज सुनी।
“बेहतरीन शो था, बहुत सही से चोदा।” अपना लंड हिलाते हुए उसने मुझसे कहा और उसके लंड ने भी पानी छोड़ दिया। हम दोनों उसे झड़ते हुए देख रहे थे, उसके लंड झटके लेते हुए एक वीर्य की एक धार के बाद दूसरी धार छोड़ रहा था, उसके टट्टे काफी बड़े थे और शायद वो काफी दिन बाद खाली हो रहे थे तो वो कामोन्माद में झड़ता गया। आखिरकार हम सब शांत हो गए, और एक सन्नाटा छा गया।
अचानक मेरी हँसी छूट गयी, फिर मेरी देखा देखी रेनू भी हंसने लगी और फिर राजेश भी हमारी नकल करके हंसने लगा।
“ओके राजेश, गुड बाय, हम अब अन्दर जा रहे हैं।” मैंने अब उसे अपने घर जाने का इशारा किया।
मेरी बात सुनकर राजेश ने अपना लंड को, जो झड़ने के बाद मुरझा गया था, वापस अपने शॉर्ट्स में डाला और बोला, “ये जो मैंने मैं अभी किया वो पता नहीं कैसे हुआ, समझ नहीं आया?”
उसकी बात सुन कर रेनू हँसने लगी, और मैंने मैं जवाब दिया, “इट’स ओके, हम सबको मस्ती चढ़ गयी थी लेकिन अब इस पर बात न की जाए तो बेहतर है।”
राजेश खड़ा हुआ और बोला “ठीक है, मैं यह जार सुबह ले लूंगा।” वह अपने घर जाने के लिए मुड़ा और रुक कर बोला, “आप दोनों ने आज जो मेरी वर्ल्ड क्लास खातिरदारी की है उसके लिए बहुत धन्यवाद।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, और तेजी से अपने घर चला गया।
राजेश के जाने के बाद मेरी बीवी ने अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखा और मुझे जल्दी से बेडरूम में चलने का इशारा किया। वो अभी भी काफी गरम थी और चुदाई का एक राउंड और चाहती थी, मैंने मैं उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया।