29-07-2022, 03:19 PM
अगला हफ्ता बिना किसी असामान्य घटना के बीत गया और अगले रविवार को हम दोनों को कुछ दोस्तों ने ब्रंच के लिए बुलाया था। ब्रंच काफी मजेदार था और रेनू और मैंने मैं कुछ ड्रिंक्स भी ले लिए थे।
दोपहर तक हम घर पर वापस आ गए, हम दोनों ही थोड़े नशे में था और अपने लिविंग रूम के सोफे पर पड़े एक-दूसरे को सहला रहे थे।
रेनू ने अंगड़ाई लेते हुए बोला, “पूल में जाने का मन हों रहा है।”
“तो चलो पूल में चलते हैं।” मैंने मैं जवाब दिया।
वह उठी और ऊपर जाकर अपनी गुलाबी बिकनी पहन कर वापस लौट आई। मैंने तब तक हम दोनों के लिए स्कॉच के लार्ज पेग बना लिए थे।
“अरे ये क्या पहन लिया।” मैंने मैं कहा, “यार जब हम गोवा गए थे तब तुमने एक महंगी बिकनी खरीदी थी, वह इतनी शानदार बिकिनी थी लेकिन तुमने कभी पहनी ही नहीं, फिर इतनी शानदार चीज खरीदने का क्या फायदा।”
हमने एक-दूसरे को एक पल के लिए देखा, और वह धीरे से मुड़ी और ऊपर चली गई।
दस मिनट बाद वह वापस नीचे आ गई, वही जी स्ट्रिंग पहन कर जिसके लिए मैंने मैं उसे बोला था। उसकी बड़ी चून्चिया तो पूरी खुली थी और मुश्किल से उसके निप्पल उस नीले काले कपड़े से छुप रहे थे, उसके चूतड़ पूरी तरह नंगे थे और एक छोटे से कपडे से उसकी चूत ढकी हुई थी। अचानक देखने पर ऐसा लगता था की उसने कुछ भी नहीं पहना हो। वो एक सेक्स की देवी दिख रही थी।
वो बोली “मैं इस तरह बाहर नहीं जा सकती।”
मैंने उसे उसका ड्रिंक देते हुए कहा “क्यों डार्लिंग, तुमने एक बिकनी पहनी है जो ख़ास तौर से बाहर पहनने के लिए ही बनाई जाती है। इन्हें लडकिया घर के अन्दर पहनती हों ऐसे तो मैंने मैं नहीं देखा, ड्रिंक ख़तम करो और पूल में चलो, मैं हम दोनों के लिए एक ड्रिंक और लेकर आता हूँ।”
अगर वो पहले से ही नशे में नहीं होती तो शायद कभी मेरी बात नहीं मानती। लेकिन उसने मेरे हाथ से ड्रिंक लिया और एक झटके में ख़त्म करके खाली गिलास मुझे वापस देकर बोली “तुम कहते हो तो मैं जा रही हूँ। लेकिन जल्दी से आओ। यह कहकर वो पीछे के स्लाइडिंग डोर को खोल कर तेज़ी से डेक के पार भागी और जल्दी में पूल में कूद गई।
मैं भी जल्दी से ऊपर गया और स्विमिंग शॉर्ट्स पहन कर नीचे आया और हमारे लिए ड्रिंक बनाने लगा कि अचानक मुझे बाहर से हंसने की आवाजें आने लगीं। जब मैं बाहर पंहुचा तो मैंने मैं देखा कि राजेश फिर से रेनू को देख कर मेरे पूल के पास आ गया था और रेनू के साथ बातचीत कर रहा था। रेनू पानी के अन्दर थी इसीलिए बाहर से ये ठीक से नहीं पता चल रहा था कि उसका बदन कितना दिखाई दे रहा था, लेकिन साथ ही, यह जरूर पता चल रहा था कि उसने ज्यादा कपड़े नहीं पहने थे।
रेनू के चेहरे पर राजेश से बात करने के दौरान एक अफसोस का भाव था की उसने मेरी बात क्यों मानी और वो सिर्फ अपने चेहरे को पानी से ऊपर रख कर राजेश से बात कर रही थी।
मेरे पहुचते ही राजेश ने मुझे हेल्लो कहा, “अरे मोनू। मैं रेनू से कह रहा था आज मैंने मैं भी वोडका और तरबूज मिला कर मेरा एक स्पेशल ड्रिंक बनाया है। क्या आप लोग उसे चखना चाहेंगे लेकिन वो कह रही है कि आप लोगों ने आज सुबह से ही ड्रिंक्स की शुरुआत कर दी है।”
मैंने मैं मुस्कुराते हुए कहा, “दरअसल कुछ दोस्तों ने सुबह एक पार्टी से रखी थी तो वही हमने थोडा ड्रिंक कर लिया लेकिन आप यह न समझे की हम दोनों पियक्कड़ हैं। वैसे भी आज रविवार है और दोस्तों के साथ बहुत दिन बाद बैठे थे, लेकिन फिर भी आपका स्पेशल ड्रिंक हम चख तो सकते ही हैं।”
राजेश ने हंसते हुए कहा, “रविवार को तो आप लोग फन डे कहते है ना? मैंने मैं अपनी बेटी को कई बार यह कहते सुना है।”
“बिलकुल ठीक कहती है वो सन्डे इज फनडे” मैं मुस्कुराया “हैं न रेनू?”
रेनू ने भी मुस्कुराते हुए अपने कंधे उचकाए और सहमति में बोली “बिलकुल, सन्डे फनडे।”
“बढ़िया है।” राजेश बोला, “लेकिन मुझे आपकी थोड़ी मदद चाहिए होगी। जार मैं अकेले यहाँ नहीं ला पाऊँगा। आपको मेरे साथ किचेन तक चलना होगा मोनू?”
मुझे पता नहीं की क्यों लेकिन मैंने मैं बोला, “ओह। मुझे अभी याद आया कि मुझे सुबह ही एक क्लाइंट को एक अर्जेंट मेल भेजना था। बहुत लेट हो गया, बस मुझे दस मिनट दीजिये। बेबी, तुम राजेश के साथ जाकर वो जार यहाँ लाने में इनकी मदद करो तब तक मैं वापस आता हूँ।”
मैंने बिना सीधे रेनू की तरफ देखे बोला और अंदर चला गया और छुप कर बाहर देखा। रेनू को उम्मीद नहीं थी की मैं ऐसे कुछ बोल सकता हूँ। वो समझ ही नहीं पाई की क्या करे लेकिन उसको पूल से बाहर न निकलते देख राजेश ने उससे बोला “चलिए रेनू, बस पांच मिनट लगेंगे”।
दोपहर तक हम घर पर वापस आ गए, हम दोनों ही थोड़े नशे में था और अपने लिविंग रूम के सोफे पर पड़े एक-दूसरे को सहला रहे थे।
रेनू ने अंगड़ाई लेते हुए बोला, “पूल में जाने का मन हों रहा है।”
“तो चलो पूल में चलते हैं।” मैंने मैं जवाब दिया।
वह उठी और ऊपर जाकर अपनी गुलाबी बिकनी पहन कर वापस लौट आई। मैंने तब तक हम दोनों के लिए स्कॉच के लार्ज पेग बना लिए थे।
“अरे ये क्या पहन लिया।” मैंने मैं कहा, “यार जब हम गोवा गए थे तब तुमने एक महंगी बिकनी खरीदी थी, वह इतनी शानदार बिकिनी थी लेकिन तुमने कभी पहनी ही नहीं, फिर इतनी शानदार चीज खरीदने का क्या फायदा।”
हमने एक-दूसरे को एक पल के लिए देखा, और वह धीरे से मुड़ी और ऊपर चली गई।
दस मिनट बाद वह वापस नीचे आ गई, वही जी स्ट्रिंग पहन कर जिसके लिए मैंने मैं उसे बोला था। उसकी बड़ी चून्चिया तो पूरी खुली थी और मुश्किल से उसके निप्पल उस नीले काले कपड़े से छुप रहे थे, उसके चूतड़ पूरी तरह नंगे थे और एक छोटे से कपडे से उसकी चूत ढकी हुई थी। अचानक देखने पर ऐसा लगता था की उसने कुछ भी नहीं पहना हो। वो एक सेक्स की देवी दिख रही थी।
वो बोली “मैं इस तरह बाहर नहीं जा सकती।”
मैंने उसे उसका ड्रिंक देते हुए कहा “क्यों डार्लिंग, तुमने एक बिकनी पहनी है जो ख़ास तौर से बाहर पहनने के लिए ही बनाई जाती है। इन्हें लडकिया घर के अन्दर पहनती हों ऐसे तो मैंने मैं नहीं देखा, ड्रिंक ख़तम करो और पूल में चलो, मैं हम दोनों के लिए एक ड्रिंक और लेकर आता हूँ।”
अगर वो पहले से ही नशे में नहीं होती तो शायद कभी मेरी बात नहीं मानती। लेकिन उसने मेरे हाथ से ड्रिंक लिया और एक झटके में ख़त्म करके खाली गिलास मुझे वापस देकर बोली “तुम कहते हो तो मैं जा रही हूँ। लेकिन जल्दी से आओ। यह कहकर वो पीछे के स्लाइडिंग डोर को खोल कर तेज़ी से डेक के पार भागी और जल्दी में पूल में कूद गई।
मैं भी जल्दी से ऊपर गया और स्विमिंग शॉर्ट्स पहन कर नीचे आया और हमारे लिए ड्रिंक बनाने लगा कि अचानक मुझे बाहर से हंसने की आवाजें आने लगीं। जब मैं बाहर पंहुचा तो मैंने मैं देखा कि राजेश फिर से रेनू को देख कर मेरे पूल के पास आ गया था और रेनू के साथ बातचीत कर रहा था। रेनू पानी के अन्दर थी इसीलिए बाहर से ये ठीक से नहीं पता चल रहा था कि उसका बदन कितना दिखाई दे रहा था, लेकिन साथ ही, यह जरूर पता चल रहा था कि उसने ज्यादा कपड़े नहीं पहने थे।
रेनू के चेहरे पर राजेश से बात करने के दौरान एक अफसोस का भाव था की उसने मेरी बात क्यों मानी और वो सिर्फ अपने चेहरे को पानी से ऊपर रख कर राजेश से बात कर रही थी।
मेरे पहुचते ही राजेश ने मुझे हेल्लो कहा, “अरे मोनू। मैं रेनू से कह रहा था आज मैंने मैं भी वोडका और तरबूज मिला कर मेरा एक स्पेशल ड्रिंक बनाया है। क्या आप लोग उसे चखना चाहेंगे लेकिन वो कह रही है कि आप लोगों ने आज सुबह से ही ड्रिंक्स की शुरुआत कर दी है।”
मैंने मैं मुस्कुराते हुए कहा, “दरअसल कुछ दोस्तों ने सुबह एक पार्टी से रखी थी तो वही हमने थोडा ड्रिंक कर लिया लेकिन आप यह न समझे की हम दोनों पियक्कड़ हैं। वैसे भी आज रविवार है और दोस्तों के साथ बहुत दिन बाद बैठे थे, लेकिन फिर भी आपका स्पेशल ड्रिंक हम चख तो सकते ही हैं।”
राजेश ने हंसते हुए कहा, “रविवार को तो आप लोग फन डे कहते है ना? मैंने मैं अपनी बेटी को कई बार यह कहते सुना है।”
“बिलकुल ठीक कहती है वो सन्डे इज फनडे” मैं मुस्कुराया “हैं न रेनू?”
रेनू ने भी मुस्कुराते हुए अपने कंधे उचकाए और सहमति में बोली “बिलकुल, सन्डे फनडे।”
“बढ़िया है।” राजेश बोला, “लेकिन मुझे आपकी थोड़ी मदद चाहिए होगी। जार मैं अकेले यहाँ नहीं ला पाऊँगा। आपको मेरे साथ किचेन तक चलना होगा मोनू?”
मुझे पता नहीं की क्यों लेकिन मैंने मैं बोला, “ओह। मुझे अभी याद आया कि मुझे सुबह ही एक क्लाइंट को एक अर्जेंट मेल भेजना था। बहुत लेट हो गया, बस मुझे दस मिनट दीजिये। बेबी, तुम राजेश के साथ जाकर वो जार यहाँ लाने में इनकी मदद करो तब तक मैं वापस आता हूँ।”
मैंने बिना सीधे रेनू की तरफ देखे बोला और अंदर चला गया और छुप कर बाहर देखा। रेनू को उम्मीद नहीं थी की मैं ऐसे कुछ बोल सकता हूँ। वो समझ ही नहीं पाई की क्या करे लेकिन उसको पूल से बाहर न निकलते देख राजेश ने उससे बोला “चलिए रेनू, बस पांच मिनट लगेंगे”।