28-07-2022, 06:09 PM
बस फिर क्या था … मैंने उसे बांहों में भर लिया और उसके गालों पर किस कर दी. उसने भी मेरा साथ दिया और मेरे गले लग गई.
फिर अचानक से काव्या बोली- अभी नहीं जीजाजी … आज रात को मैं आपके कमरे में आऊंगी.
मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- ठीक है मेरी जान … मुझे इन्तजार रहेगा.
मैं उससे अलग होकर अपने कमरे में जाकर लेट गया.
फिर अचानक से काव्या बोली- अभी नहीं जीजाजी … आज रात को मैं आपके कमरे में आऊंगी.
मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- ठीक है मेरी जान … मुझे इन्तजार रहेगा.
मैं उससे अलग होकर अपने कमरे में जाकर लेट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.