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Incest स्मायरा अहमद की कहानी
#10
मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश में लंड को फिर से सुपाड़े तक निकाल-निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था। मेरा पूरा जिस्म रिलैक्स हो गया था। चूत में से जूस भी निकलने लगा था और चूत अंदर से स्लिपरी हो गयी थी। उसका लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी।


और चूत में फिर से मज़ा आ गया और पता नहीं ऐसी चुदाई के बाद मैं कब सो गयी।

सुबह उठी तो देर हो चुकी थी। आज कॉलेज नहीं जाना था। नाश्ता कर के थोड़ी देर नीचे ही हम सब बातें करते रहे और बस ऐसे ही सारा दिन गुज़र गया। मैं और सुहैल अगले एक हफते तक खूब चुदाई करते रहे रोज़ रात को वो मम्मी डैडी के सो जाने के बाद ऊपर आ जाता और हम जम कर चुदाई करते। एक हफते के बाद वो चला गया और जाने से पहले मैं उससे लिपट के खूब रोयी। मुझे लगा जैसे कोई मेरा लवर मुझे छोड़ के जा रहा है। वो मेरे सारे जिस्म पे हाथ फेरता रहा और प्यार करता रहा और कहा, “सुनो स्मायरा, अगर तुम्हारे पीरियड्स में कोई गडबड़ हो जाये तो मुझे फ़ौरन फोन कर देना, मैं कुछ इंतज़ाम कर दुँगा!पर अगले ही महीने में मेरे पीरियड्स टाईम से कुछ पहले ही शुरू हो गये तो मैंने इतमिनान की साँस ली और सुहैल को फोन कर के बता दिया। फिर जब कभी सुहैल आता तो हम खूब चुदाई करते।

 
मैंने अपनी ग्रेजुयेशन पूरी कर ली और एक दिन मुझे पता चला के मेरा निकाह किसी अशफाक नाम के आदमी से फिक्स हो गया है। उसके घर वाले हमारे घर आये थे और मुझे पसंद भी कर गये और फिर निकाह की डेट फिक्स कर के मेरा निकाह कर दिया गया।

 
मैं अभी निकाह की डीटेल्स में नहीं जाना चाहती और डायरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे में बता देती हूँ। निकाह हो गया और मैं अपने ससुराल आ गयी। सारा घर अच्छी तरह से सजा हुआ था। घर बहुत बड़ा भी नहीं और बिल्कुल छोटा भी नहीं था, बस ठीक ठाक ही था। उसके घर को पहुँचते-पहुँचते रात हो चुकी थी। डिनर तो कर ही चुके थे मैरिज हॉल में। अशफाक का कमरा भी ठीक ठाक ही था। बेड पे चमेली के फूल बिखरे पड़े थे। पिंक कलर का नरम बेड बहुत अच्छा लग रहा था। सारे कमरे में चमेली के फूलों कि भीनी भीनी खुशबू आ रही थी। बेहद अच्छा लग रहा था। एक दम से ऐसे ही रोमैंटिक था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है।
 
अशफाक कि छोटी बहन, रुखसाना ने मुझे बेड पे बिठा के मुस्कुराते हुए कहा कि भाई जान अभी आ जायेंगे, आप थोड़ा रेस्ट ले लेंऔर कमरे से चली गयी। मुझे अपनी सहेलियों के किस्से याद आने लगे जिनकी शादी हो चुकी थी। किसी ने कहा कि मेरी तो रात भर चुदाई हुई और सुबह मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। किसी ने कहा था कि बस ऐसे ही रहा, कोई खास मज़ा नहीं आया था। किसी ने कहा कि अपने लौड़े को चूत के अंदर डालने से पहले ही चूत के ऊपर अपनी मलाई निकाल के सो गया था। मैं काफी एक्साईटेड थी कि पता नहीं मेरा क्या हशर होगा क्योंकि सुहैल से चुदवाये हुए भी तकरीबन एक साल से ज़्यादा ही हो चुका था। चूत के मसल फिर से टाइट हो गये थे। थोड़ी ही देर में वो कमरे में आ गया। अशफाक बहुत स्मार्ट लग रहा था। गोरा रंग, मीडियम हाईट और मीडियम बिल्ट। सब मिलाकर एक अच्छा स्मार्ट आदमी लग रहा था। मुझे अपनी फ्रैंड्स की बातें याद आ रही थी जिनकी शादी हो चुकी थी, जैसे कि सुहाग रात को क्या होता है और कैसे हसबैंड अपनी वाइफ को अपनी बातों से पता के चोद डालता है और लड़की को कितना मज़ा आता है। और साथ में ही मुझे सुहैल भी याद आ गया और सुहैल के साथ हुई मेरी पहली चुदाई भी मुझे याद आ गयी तो मस्ती से मेरा जिस्म टूटने लगा और एक लंबे मोटे लंड का सपना लिये बैठी रही, जो मेरी चूत में घुस के मुझे चोदेगा, मेरी प्यासी चूत की प्यास को बुझायेगा और मज़ा देगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: स्मायरा अहमद की कहानी - by neerathemall - 28-07-2022, 05:27 PM



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