28-07-2022, 05:18 PM
वो बहुत मस्ती से कमर हिलाते हुए चुदाई का मजा ले रही थी.
उस पोजीशन में हम दोनों ने 5 मिनट तक चुदाई की और फिर सविता अलग हो गई.
मैंने उसे फिर इशारा किया और उसे घोड़ी बनने के लिए कहा.
सविता तुरंत ही अपने घुटनों पर होकर घोड़ी बन गई.
उसके पीछे अपने घुटनों पर हो गया और पहले उसकी गांड को हाथों से सहलाते हुए अपने होंठों से चूमने लगा.
उसकी गोरी गोरी चिकनी गांड गजब की लग रही थी.
कुछ देर चूमने के बाद मैंने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को फैलाया और लंड चूत में लगाकर अन्दर पेल दिया.
सविता ने भी अपनी गांड हिलाकर लंड को अच्छे से सैट कर लिया.
मैंने उसके चूतड़ों को कसके पकड़ लिया और धक्के लगाना शुरू कर दिया.
मेरे धक्कों के साथ उसके चूतड़ों में गजब की लहर बन रही थी, जो मुझे और तेज चोदने के लिए जोश दिला रही थी.
जल्द ही मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
उसके चूतड़ जल्द ही मेरे धक्कों से लाल हो गए.
फट फट की आवाज पूरे कमरे में गूंज उठी.
इस बार न वो रुकने को तैयार थी और न मैं. वो बस चिल्लाए जा रही थी.
‘आंह और तेज और तेज और करो और तेज करो.’
लगातार 15 मिनट तक उसे चोदने के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
इस बीच सविता भी 2 बार झड़ चुकी थी.
हम दोनों के ही बदन पसीने से भीग चुके थे और हम दोनों ही थक कर लेट गए.
मैंने एक सिगरेट सुलगा ली और उसी सिगरेट से सविता भी छल्ले उड़ाने लगी.
उसके आधा घंटा बाद हम दोनों फिर से तैयार हुए और फिर से चुदाई का खेल शुरू हुआ.
आज मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो गई थी, जिसे मैं देखकर आहें भरता था, उसे मैं आज चोद चुका था.
दो बार की चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.
सुबह सुबह हम जब उठे, उस वक्त 7 बज रहे थे.
उस समय फिर से हम दोनों ने चुदाई की.
इसके बाद हम दोनों ने ही अपने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली.
उसके अगले दिन तक मैं उसके साथ उसके घर पर ही रहा और हम दोनों के बीच रुक रुक कर चुदाई होती रही.
कभी बेडरूम में, कभी सोफे पर, कभी बाथरूम में नहाते वक्त, तो कभी सविता को फर्श पर लेटा कर … मैं उसे चोदता रहा.
ऐसा कोई आसन नहीं बचा था, जिस आसन में हम दोनों ने चुदाई नहीं की हो.
उसके बाद अगली सुबह मैं वापस आ गया.
.
मुझे पाकर सविता ने अपने सारे दोस्तों से रिश्ता तोड़ लिया है और अब वो केवल मुझसे चुदती है.
मैं एक दो बार काम के सिलसिले से बाहर भी गया, जहां सविता भी मेरे साथ गई और हम दोनों ने होटल में रुककर चुदाई का मजा लिया.
सविता के मेरी जिंदगी में आने से मेरी सेक्स लाइफ बिल्कुल बदल गई.
सविता कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करती और दिल खोलकर चुदाई करवाती है.
उस पोजीशन में हम दोनों ने 5 मिनट तक चुदाई की और फिर सविता अलग हो गई.
मैंने उसे फिर इशारा किया और उसे घोड़ी बनने के लिए कहा.
सविता तुरंत ही अपने घुटनों पर होकर घोड़ी बन गई.
उसके पीछे अपने घुटनों पर हो गया और पहले उसकी गांड को हाथों से सहलाते हुए अपने होंठों से चूमने लगा.
उसकी गोरी गोरी चिकनी गांड गजब की लग रही थी.
कुछ देर चूमने के बाद मैंने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को फैलाया और लंड चूत में लगाकर अन्दर पेल दिया.
सविता ने भी अपनी गांड हिलाकर लंड को अच्छे से सैट कर लिया.
मैंने उसके चूतड़ों को कसके पकड़ लिया और धक्के लगाना शुरू कर दिया.
मेरे धक्कों के साथ उसके चूतड़ों में गजब की लहर बन रही थी, जो मुझे और तेज चोदने के लिए जोश दिला रही थी.
जल्द ही मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
उसके चूतड़ जल्द ही मेरे धक्कों से लाल हो गए.
फट फट की आवाज पूरे कमरे में गूंज उठी.
इस बार न वो रुकने को तैयार थी और न मैं. वो बस चिल्लाए जा रही थी.
‘आंह और तेज और तेज और करो और तेज करो.’
लगातार 15 मिनट तक उसे चोदने के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
इस बीच सविता भी 2 बार झड़ चुकी थी.
हम दोनों के ही बदन पसीने से भीग चुके थे और हम दोनों ही थक कर लेट गए.
मैंने एक सिगरेट सुलगा ली और उसी सिगरेट से सविता भी छल्ले उड़ाने लगी.
उसके आधा घंटा बाद हम दोनों फिर से तैयार हुए और फिर से चुदाई का खेल शुरू हुआ.
आज मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो गई थी, जिसे मैं देखकर आहें भरता था, उसे मैं आज चोद चुका था.
दो बार की चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.
सुबह सुबह हम जब उठे, उस वक्त 7 बज रहे थे.
उस समय फिर से हम दोनों ने चुदाई की.
इसके बाद हम दोनों ने ही अपने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली.
उसके अगले दिन तक मैं उसके साथ उसके घर पर ही रहा और हम दोनों के बीच रुक रुक कर चुदाई होती रही.
कभी बेडरूम में, कभी सोफे पर, कभी बाथरूम में नहाते वक्त, तो कभी सविता को फर्श पर लेटा कर … मैं उसे चोदता रहा.
ऐसा कोई आसन नहीं बचा था, जिस आसन में हम दोनों ने चुदाई नहीं की हो.
उसके बाद अगली सुबह मैं वापस आ गया.
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मुझे पाकर सविता ने अपने सारे दोस्तों से रिश्ता तोड़ लिया है और अब वो केवल मुझसे चुदती है.
मैं एक दो बार काम के सिलसिले से बाहर भी गया, जहां सविता भी मेरे साथ गई और हम दोनों ने होटल में रुककर चुदाई का मजा लिया.
सविता के मेरी जिंदगी में आने से मेरी सेक्स लाइफ बिल्कुल बदल गई.
सविता कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करती और दिल खोलकर चुदाई करवाती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
