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Adultery तलाक के बाद
#13
सविता मेरे कंधे पर सर रखकर बैठी हुई थी और मैं आहिस्ते आहिस्ते उसकी मखमली बांहों को सहला रहा था.

कुछ देर बाद मैंने और आगे बढ़ने की सोची और सविता का दमकता हुआ चेहरे को अपने हाथों से ऊपर उठाया.
वो अब हर चीज के लिए बिल्कुल तैयार लग रही थी और उसने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
मैं उसके गुलाब जैसे कोमल होंठों की तरफ बढ़ने लगा और जल्द ही उसके होंठों को अपने होंठों से चूमने लगा.
सविता अपने आपको पूरी तरह से मुझे सौंप चुकी थी. वो भी मेरा साथ देते हुए अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ाने लगी.
मैंने उसकी कमर को अपने एक हाथ से थाम लिया और उसे अपने और करीब ले आया.
जल्द ही हम दोनों गर्म होने लगे और सविता अपने दोनों हाथों को मेरे सर पर रखकर मेरे बाल सहलाने लगी.
मैं कभी उसके होंठ चूमता, कभी उसकी जीभ अपने मुँह में भरकर चूसता.
जल्द ही मेरा एक हाथ उसके सीने पर जाकर उसके कसे हुए दूध को गाउन के ऊपर से ही सहलाने लगा.
कसम से उसके दूध इतने सुडौल थे कि उनको सहलाने का अलग ही मजा मिल रहा था.
कुछ देर हम लोग सोफे पर बैठे हुए ही एक दूसरे को चूमते रहे, फिर मैं उसे लेकर बेडरूम की तरफ़ चल दिया.
बेडरूम में जाकर खड़े होकर ही हम दोनों एक दूसरे को अपनी बांहों में भर लिया और एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.
दोस्तो, अभी तो शुरूआत हुई थी लेकिन मैं समझ चुका था कि सविता काफी गर्म औरत थी और उसे कई दिनों से किसी मर्द का साथ नहीं मिला था.
वो मुझे बिल्कुल नोंचे जा रही थी और मैं भी उसके जोश का जवाब अपने जोश से दे रहा था.
जल्द ही मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए उसके शरीर से निकाल दिया.
अब वो चड्डी पहने हुए मेरी बांहों में झूम रही थी.
उसका दूधिया बदन किसी कयामत से कम नहीं था.
उसने भी अपने हाथों से मेरे कपड़े निकालने शुरू कर दिए और जल्द ही मैं भी केवल चड्डी में रह गया.
अब मेरा बालों से भरा मजबूत बदन सविता के कोमल चिकने बदन पर चिपक कर उसे सहलाने लगा.
मैंने अपने दोनों हाथ उसके पीठ पर ले जाकर पीठ से उसकी गांड तक उसे सहलाते हुए उसके होंठ, गोरे गाल, उसकी सुराही जैसी गर्दन पर अपने चुम्बन की झड़ी लगा दी थी.
उसके दोनों हाथों को ऊपर उठाकर उसके अंडरआर्म को अपने जीभ से मलाई की तरह चाटने लगा.
फिर मैं उससे अलग हुआ और नीचे झुककर उसके छोटे छोटे गुलाबी निप्पल्स को अपने मुँह में भर लिया.
सविता उस वक्त काफी उत्तेजित हो गई और मेरे सर को अपने दूध पर दबाते हुए कराहने लगी- सीईईई आआह मम्मीईई … चूस लो … बहुत दिनों से किसी ने चूसे नहीं हैं.
मैंने कहा- इसका मतलब तुम काफी दिनों से चुदी नहीं हो.
वो दारू के नशे में बोली- हां, काफी दिनों से मेरी चूत को लंड नहीं मिला है.
उसकी साफ़गोई से मैं भी जोश में आ गया और उसके एक निप्पल को दांत से हल्के हल्के से काटने लगा.
‘आउच्च … उऊफ्फ …’
सविता भी जोश से भर गई और मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए मुझे अपने सीने पर चिपकाने लगी.
काफी देर तक मैंने उसके दोनों दूध को बहुत बुरी तरह से चूसा और दबाया जिससे उसके दोनों दूध लाल टमाटर की तरह दिखने लगे.
अब मैंने सविता को बिस्तर पर लेटा दिया और खुद भी बिस्तर पर चला गया.
मैं सविता के पैरों के पास बैठ गया. वो केवल चड्डी पहने मेरे सामने लेटी हुई थी.
उसका दमकता हुआ गोरा बदन मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.
मैंने अपने हाथों में उसका एक पैर उठाया और उसे चूमते हुए उसकी गदराई हुई जांघों तक उसे चूमने लगा.
ऐसे ही मैंने उसकी दोनों जांघों पर चुम्बन की झड़ी लगा दी.
इसके बाद मैंने अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसकी चड्डी निकालनी शुरू की और सविता ने भी अपने चूतड़ उठाकर चड्डी निकालने में मेरी मदद की.
अब वो बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और पहली बार मैंने उसकी चूत के दर्शन किए.
उसकी हल्की गेहुंए रंग की चूत, जिस पर बिल्कुल भी झांटें नहीं थीं, उसे देख कर मेरे लंड ने भी चड्डी के अन्दर से ही उसे सलामी दी.
जल्द ही मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
सविता की ‘सीईइ सीईइ …’ की कामुक आवाजें सारे कमरे में गूंजने लगीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
तलाक के बाद - by neerathemall - 20-07-2022, 10:57 AM
RE: तलाक के बाद - by neerathemall - 28-07-2022, 05:14 PM
RE: तलाक के बाद - by sri7869 - 31-03-2024, 12:58 PM



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