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Adultery तलाक के बाद
#11
थोड़ी देर बाद वो बाहर आई.

उसने बिना बांह का एक सिल्क गाउन पहना हुआ था.
उसके नुकीले दूध उस सिल्की गाउन में बिल्कुल मस्त लग रहे थे. उसके निप्पल्स देखने से ही पता चल रहा था कि उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
वो किचन की तरफ जाने लगी और मैं उसकी मटकती हुई गांड को देख रहा था.
उसकी गांड की दरार में उसका गाउन घुसा जा रहा था मतलब उसने चड्डी भी नहीं पहनी हुई थी.
सविता के ऊपर तो मेरा दिल तभी से आ गया था, जब वो अमित के साथ रहती थी.
आज अकेले उसके घर पर उसके साथ उसे इस रूप में देखकर मेरे लंड से पानी रिसने लगा.
कुछ समय बाद वो चाय लेकर आई और हम दोनों ने चाय पी.
चाय पीते हुए हम दोनों बातें कर रहे थे, मेरी नजर बार बार उसके तने हुए मम्मों और उसकी गोरी गोरी बांहों पर जा रही थी.
जब वो अपने बाल संवारने के लिए अपने हाथ उठाती, तो उसके अंडरआर्म देख कर मेरा लंड झटके मारने लगता.
मैंने उससे कहा- अगर मैं तुम्हारी जॉब के लिए कुछ कर सकता हूँ, तो बताओ.
वो मेरी मदद लेने के लिए तैयार हो गई.
मैंने उसका नम्बर ले लिया और अपना नम्बर उसे दे दिया.
चाय पीने के बाद मैं वहां से आ गया.
उसके बाद हम दोनों के बीच रोजाना बातें होने लगीं और रात में घंटों तक व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी.
लेकिन अभी हम दोनों साधारण दोस्तों की तरह की बातें करते थे.
उसके बाद मैंने अपने एक अन्य मित्र की कंपनी में उसकी जॉब लगवा दी.
वो काफी खुश थी.
मैंने उससे कह दिया था कि किसी भी तरह से ये बात अमित को पता नहीं चलनी चाहिए.
दोस्तो, सविता के बारे में मैं सब कुछ जान चुका था कि वो अकेली रहती है और उसे सेक्स काफी पसंद है, इसलिए तो वो अमित के अलावा कई मर्दों के साथ सेक्स करती थी, जिससे उसका तलाक हुआ.
हालांकि उम्र में वो मुझसे आधी ही थी लेकिन फिर भी वो मुझे बहुत पसंद थी और मैं उसे किसी भी तरह से पाना चाहता था.
अब ये मेरे लिए आसान हो गया था.
बस किसी तरह से सविता तैयार हो जाए.
सविता जॉब पाकर मुझसे काफी खुश थी और इसके लिए कई बार मुझे धन्यवाद बोलती थी.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि सविता से किस तरह से अपनी बात बोलूं.
बस रोज हम दोनों एक दोस्त की तरह चैटिंग करते और कभी कभी फ़ोन पर भी देर तक बातें करते रहते.
फिर जुलाई 2017 में मेरी बीवी कुछ दिनों के लिए बाहर गई हुई थी और मैं घर पर अकेला ही रह रहा था.
एक दिन मैं अपने ऑफिस से थोड़ी देर से निकला.
उस दिन बारिश का मौसम था और काफी तेज बारिश हो रही थी.
मैं धीरे धीरे अपनी कार से घर की तरफ चला जा रहा था.
तभी सविता का फोन आ गया.
उसने बताया कि मैं अपने ऑफिस के पास बस स्टैंड पर हूँ और मुझे कोई साधन नहीं मिल रहा है.
मैंने उससे कहा- तुम वहीं रुको, मैं तुम्हें लेने के लिए पहुंच रहा हूँ.
मैं उसे लेने पंहुचा और वो कार में आकर बैठ गई.
वो बुरी तरह से भीग चुकी थी और उसकी सलवार कमीज उसके बदन पर चिपकी हुई थी.
उसके बदन की बनावट उस वक्त बिल्कुल साफ साफ दिख रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
तलाक के बाद - by neerathemall - 20-07-2022, 10:57 AM
RE: तलाक के बाद - by neerathemall - 28-07-2022, 05:10 PM
RE: तलाक के बाद - by sri7869 - 31-03-2024, 12:58 PM



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