28-07-2022, 05:09 PM
मेरी उम्र 55 साल है और मैं एक बिजनेसमैन हूँ.
मैं एक लंबे और वजनी शरीर का आदमी हूँ, मेरा वजन 91 किलो है.
हम दो दोस्त हैं, जो मिलकर बिजनेस चलाते हैं.
मेरे बिजनेस पार्टनर का नाम अमित है और वो 35 साल का है.
ये कहानी 7 साल पहले उस समय शुरू हुई थी, जब उसकी नई नई शादी हुई थी.
शादी के बाद अक्सर मैं उसके घर जाया करता था.
उसकी बीवी का नाम सविता है और वो 25 साल की थी.
सविता दिखने में बेहद खूबसूरत और कामुक बदन की मालकिन थी. वो मुझे काफी अच्छी लगती थी.
अक्सर मैं उनके यहां खाना खाने के लिए जाता था और उसे देखने के बाद मेरे अन्दर कामवासना जाग जाया करती थी.
सच में उसका बदन काफी सेक्सी था, उसका फिगर 34-30-36 का था.
उसके तने हुए दूध और पीछे उभरी हुई गांड किसी को भी अपना दीवाना बना सकती थी.
मैं उसे देखकर बस खुश ही हो सकता था क्योंकि वो मेरे बिजनेस पार्टनर की बीवी थी.
इसके अलावा वो मुझसे आधी उम्र की थी और वो मेरी बेटी की उम्र की थी.
कई बार मैं सविता को याद करते हुए अपनी बीवी की चुदाई किया करता था.
लेकिन मेरी बीवी में वो बात नहीं थी. मेरी बीवी काफी मोटे जिस्म की थी और सेक्स में उसकी बिल्कुल भी रुचि नहीं थी.
वो किसी लाश की तरह बिस्तर पर लेटी रहती थी.
मैं अपनी बीवी से सेक्स में बिल्कुल भी खुश नहीं था इसलिए मैं कई बार होटल में कॉलगर्ल के साथ रात बिताकर अपनी प्यास बुझाया करता था … या अपने हाथों से ही काम चला लिया करता था.
कई बार तो मैंने सविता को याद करते हुए भी मुठ मारी थी.
ऐसे ही एक बार मैं और मेरा बिजनेस पार्टनर अमित बिजनेस के काम से मुंबई गए.
नई नई शादी के कारण अमित ने सविता को भी अपने साथ ले लिया.
बिजनेस का काम करने के बाद हम लोग दो दिनों तक मुंबई घूमने के लिए रुक गए.
अगले दिन हम लोग बीच पर गए, जहां वो दोनों समुद्र में मस्ती करने लगे.
मेरी नजर तो केवल सविता पर ही टिकी हुई थी.
उस वक्त सविता ने हाफ पैंट और एक सफेद रंग की टीशर्ट पहन रखी थी.
अचानक से सविता समुद्र में डुबकी लगाने लगी जिससे उसका पूरा बदन भीग गया.
वो दोनों काफी देर तक वहां नहाते रहे और मैं किनारे पर बैठे हुए सविता के बदन को देखे जा रहा था.
कुछ देर बाद दोनों बाहर आए और दोनों मेरे करीब आकर मुझसे फ़ोटो लेने के लिए बोले.
सविता मेरे काफी करीब खड़ी हुई थी और मेरी नजर उसकी भीगी हुई टी-शर्ट पर थी.
उसके अन्दर की लाल रंग की ब्रा साफ साफ दिख रही थी क्योंकि उसने सफेद रंग की पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी.
टी-शर्ट भीगने से उसकी लाल रंग की ब्रा में कैद उसके मम्मे साफ़ दिखने लगे थे.
मेरी नजरें उसके नीचे गईं तो उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघें देख कर मेरे लंड में हरकत शुरू हो गई.
मैंने उन दोनों की बहुत सारी फ़ोटो ली और सविता की कुछ क्लोजअप फ़ोटो भी ली.
फिर हम लोग 2 दिन घूमने के बाद अपने घर वापस आ गए.
अब मैं हमेशा सविता की फ़ोटो अपने फोन में रखने लगा जो मैंने मुंबई में ली थी.
मैं अक्सर उसकी फोटो को जूम करके देखा करता, जिसमें उसकी लाल ब्रा दिखती और साथ ही उसके निप्पलों की जामुनी घुंडियां भीगी हुई टी-शर्ट से दिखती थीं.
उसकी जांघों को जूम करके देखता रहता था, जिसमें 2 तिल भी मस्त दिखते थे.
मेरे अन्दर उसे चोदने का बहुत मन था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.
सविता मेरी किस्मत में नहीं थी, वो किसी और की बीवी थी.
समय चलता रहा और 2 साल बीत गए.
अब 2017 का साल आया और अमित ने एक दिन अचानक से कहा कि मैं कुछ दिन काम पर नहीं आऊंगा, तुम कुछ दिन काम सम्हाल लेना.
मेरे पूछने पर भी उसने गोलमोल जबाव दिया और चला गया.
करीब हफ्ते भर बाद मुझे पता चला कि अमित और सविता का तलाक हो गया है.
मैं यह सुनकर उस वक्त एकदम से सकते में आ गया था. मैं सोचने लगा कि दोनों कितने खुश रहते थे और ऐसा क्या हुआ कि उनका तलाक हो गया.
फिर मुझे धीरे धीरे पता चला कि सविता के कई मर्दों के साथ संबंध थे और अमित ने रंगे हाथ सविता को चुदाई करवाते पकड़ लिया था.
मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था कि सविता इस तरह की लड़की थी.
क्योंकि जब भी मैं उससे मिलता, उसका व्यवहार बिल्कुल घरेलू लड़कियों की तरह ही रहता था और अमित के साथ वो काफी खुश भी थी.
कुछ दिन बाद अमित ने ऑफिस आना शुरू कर दिया मगर अब वो थोड़ा तनाव में रहने लगा था.
मैंने किसी तरह से उसे समझाया और वो धीरे धीरे नॉर्मल होने लगा.
एक दिन शाराब पीते हुए अमित ने ही मुझे बताया कि सविता उसके न रहने पर अपने पुराने दोस्त को उसके घर बुलाया करती थी और उसके कितने ही मर्दों के साथ संबंध थे.
अमित ने ये भी बताया कि उसने सविता को घर पर पूरी नंगी होकर चुदते हुए देख लिया था.
सविता को संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला था.
मैंने अमित से कहा- अब भूल जा उसे … किसी दूसरी से शादी कर लेना.
फिर बात खत्म हो गई.
इस बात को लगभग 4 महीने बीत गए.
अब अमित भी अच्छे से अपने काम पर ध्यान देने लगा.
मैं अभी भी कभी कभी अपने फोन पर सविता की फ़ोटो देखा करता था लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि अब वो कहां रहती है.
कुछ दिनों बाद मैं ऑफिस से घर की तरफ़ अपनी कार से जा रहा था.
अचानक एक महिला ने मेरी कार को रोकने का इशारा किया.
मैं समझ गया कि इसे लिफ्ट चाहिए होगी.
उस महिला ने अपने दुपट्टे से चेहरा ढका हुआ था.
वैसे मैं बहुत कम ही लिफ्ट देता हूँ, मगर लड़कियां और औरतें मेरी कमजोरी हैं, मैं उन्हें जरूर लिफ्ट दे देता हूँ.
मैंने उस महिला के बगल में कार रोक दी.
उसने मुझे देखा तो उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई. उसने अपना दुपट्टा हटाया.
वो सविता थी.
पहले उसने कुछ नहीं कहा शायद ये सोचकर कि शायद मैं उसे लिफ्ट न दूँ.
मगर मैंने दरवाजा खोल दिया और पूछा- कहां जा रही हो सविता?
उसने बताया कि वो घर जा रही है.
मैंने उसे कार में बैठने का इशारा कर दिया.
वो कार में बैठ गई और मैं उससे बातें करने लगा.
उससे बात करने पर मुझे पता चला कि वो इस समय अकेली रहती है और किसी काम की तलाश में है.
मैंने उसे उसके फ्लैट तक छोड़ा और जाने लगा लेकिन उसने मुझे चाय के लिए आमंत्रित किया.
थोड़ा सोचने के बाद मैं उसके साथ उसके फ्लैट पर चला गया.
अन्दर जाकर मैं सोफे पर बैठ गया और वो अन्दर के कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगी.
मैं एक लंबे और वजनी शरीर का आदमी हूँ, मेरा वजन 91 किलो है.
हम दो दोस्त हैं, जो मिलकर बिजनेस चलाते हैं.
मेरे बिजनेस पार्टनर का नाम अमित है और वो 35 साल का है.
ये कहानी 7 साल पहले उस समय शुरू हुई थी, जब उसकी नई नई शादी हुई थी.
शादी के बाद अक्सर मैं उसके घर जाया करता था.
उसकी बीवी का नाम सविता है और वो 25 साल की थी.
सविता दिखने में बेहद खूबसूरत और कामुक बदन की मालकिन थी. वो मुझे काफी अच्छी लगती थी.
अक्सर मैं उनके यहां खाना खाने के लिए जाता था और उसे देखने के बाद मेरे अन्दर कामवासना जाग जाया करती थी.
सच में उसका बदन काफी सेक्सी था, उसका फिगर 34-30-36 का था.
उसके तने हुए दूध और पीछे उभरी हुई गांड किसी को भी अपना दीवाना बना सकती थी.
मैं उसे देखकर बस खुश ही हो सकता था क्योंकि वो मेरे बिजनेस पार्टनर की बीवी थी.
इसके अलावा वो मुझसे आधी उम्र की थी और वो मेरी बेटी की उम्र की थी.
कई बार मैं सविता को याद करते हुए अपनी बीवी की चुदाई किया करता था.
लेकिन मेरी बीवी में वो बात नहीं थी. मेरी बीवी काफी मोटे जिस्म की थी और सेक्स में उसकी बिल्कुल भी रुचि नहीं थी.
वो किसी लाश की तरह बिस्तर पर लेटी रहती थी.
मैं अपनी बीवी से सेक्स में बिल्कुल भी खुश नहीं था इसलिए मैं कई बार होटल में कॉलगर्ल के साथ रात बिताकर अपनी प्यास बुझाया करता था … या अपने हाथों से ही काम चला लिया करता था.
कई बार तो मैंने सविता को याद करते हुए भी मुठ मारी थी.
ऐसे ही एक बार मैं और मेरा बिजनेस पार्टनर अमित बिजनेस के काम से मुंबई गए.
नई नई शादी के कारण अमित ने सविता को भी अपने साथ ले लिया.
बिजनेस का काम करने के बाद हम लोग दो दिनों तक मुंबई घूमने के लिए रुक गए.
अगले दिन हम लोग बीच पर गए, जहां वो दोनों समुद्र में मस्ती करने लगे.
मेरी नजर तो केवल सविता पर ही टिकी हुई थी.
उस वक्त सविता ने हाफ पैंट और एक सफेद रंग की टीशर्ट पहन रखी थी.
अचानक से सविता समुद्र में डुबकी लगाने लगी जिससे उसका पूरा बदन भीग गया.
वो दोनों काफी देर तक वहां नहाते रहे और मैं किनारे पर बैठे हुए सविता के बदन को देखे जा रहा था.
कुछ देर बाद दोनों बाहर आए और दोनों मेरे करीब आकर मुझसे फ़ोटो लेने के लिए बोले.
सविता मेरे काफी करीब खड़ी हुई थी और मेरी नजर उसकी भीगी हुई टी-शर्ट पर थी.
उसके अन्दर की लाल रंग की ब्रा साफ साफ दिख रही थी क्योंकि उसने सफेद रंग की पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी.
टी-शर्ट भीगने से उसकी लाल रंग की ब्रा में कैद उसके मम्मे साफ़ दिखने लगे थे.
मेरी नजरें उसके नीचे गईं तो उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघें देख कर मेरे लंड में हरकत शुरू हो गई.
मैंने उन दोनों की बहुत सारी फ़ोटो ली और सविता की कुछ क्लोजअप फ़ोटो भी ली.
फिर हम लोग 2 दिन घूमने के बाद अपने घर वापस आ गए.
अब मैं हमेशा सविता की फ़ोटो अपने फोन में रखने लगा जो मैंने मुंबई में ली थी.
मैं अक्सर उसकी फोटो को जूम करके देखा करता, जिसमें उसकी लाल ब्रा दिखती और साथ ही उसके निप्पलों की जामुनी घुंडियां भीगी हुई टी-शर्ट से दिखती थीं.
उसकी जांघों को जूम करके देखता रहता था, जिसमें 2 तिल भी मस्त दिखते थे.
मेरे अन्दर उसे चोदने का बहुत मन था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.
सविता मेरी किस्मत में नहीं थी, वो किसी और की बीवी थी.
समय चलता रहा और 2 साल बीत गए.
अब 2017 का साल आया और अमित ने एक दिन अचानक से कहा कि मैं कुछ दिन काम पर नहीं आऊंगा, तुम कुछ दिन काम सम्हाल लेना.
मेरे पूछने पर भी उसने गोलमोल जबाव दिया और चला गया.
करीब हफ्ते भर बाद मुझे पता चला कि अमित और सविता का तलाक हो गया है.
मैं यह सुनकर उस वक्त एकदम से सकते में आ गया था. मैं सोचने लगा कि दोनों कितने खुश रहते थे और ऐसा क्या हुआ कि उनका तलाक हो गया.
फिर मुझे धीरे धीरे पता चला कि सविता के कई मर्दों के साथ संबंध थे और अमित ने रंगे हाथ सविता को चुदाई करवाते पकड़ लिया था.
मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था कि सविता इस तरह की लड़की थी.
क्योंकि जब भी मैं उससे मिलता, उसका व्यवहार बिल्कुल घरेलू लड़कियों की तरह ही रहता था और अमित के साथ वो काफी खुश भी थी.
कुछ दिन बाद अमित ने ऑफिस आना शुरू कर दिया मगर अब वो थोड़ा तनाव में रहने लगा था.
मैंने किसी तरह से उसे समझाया और वो धीरे धीरे नॉर्मल होने लगा.
एक दिन शाराब पीते हुए अमित ने ही मुझे बताया कि सविता उसके न रहने पर अपने पुराने दोस्त को उसके घर बुलाया करती थी और उसके कितने ही मर्दों के साथ संबंध थे.
अमित ने ये भी बताया कि उसने सविता को घर पर पूरी नंगी होकर चुदते हुए देख लिया था.
सविता को संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला था.
मैंने अमित से कहा- अब भूल जा उसे … किसी दूसरी से शादी कर लेना.
फिर बात खत्म हो गई.
इस बात को लगभग 4 महीने बीत गए.
अब अमित भी अच्छे से अपने काम पर ध्यान देने लगा.
मैं अभी भी कभी कभी अपने फोन पर सविता की फ़ोटो देखा करता था लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि अब वो कहां रहती है.
कुछ दिनों बाद मैं ऑफिस से घर की तरफ़ अपनी कार से जा रहा था.
अचानक एक महिला ने मेरी कार को रोकने का इशारा किया.
मैं समझ गया कि इसे लिफ्ट चाहिए होगी.
उस महिला ने अपने दुपट्टे से चेहरा ढका हुआ था.
वैसे मैं बहुत कम ही लिफ्ट देता हूँ, मगर लड़कियां और औरतें मेरी कमजोरी हैं, मैं उन्हें जरूर लिफ्ट दे देता हूँ.
मैंने उस महिला के बगल में कार रोक दी.
उसने मुझे देखा तो उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई. उसने अपना दुपट्टा हटाया.
वो सविता थी.
पहले उसने कुछ नहीं कहा शायद ये सोचकर कि शायद मैं उसे लिफ्ट न दूँ.
मगर मैंने दरवाजा खोल दिया और पूछा- कहां जा रही हो सविता?
उसने बताया कि वो घर जा रही है.
मैंने उसे कार में बैठने का इशारा कर दिया.
वो कार में बैठ गई और मैं उससे बातें करने लगा.
उससे बात करने पर मुझे पता चला कि वो इस समय अकेली रहती है और किसी काम की तलाश में है.
मैंने उसे उसके फ्लैट तक छोड़ा और जाने लगा लेकिन उसने मुझे चाय के लिए आमंत्रित किया.
थोड़ा सोचने के बाद मैं उसके साथ उसके फ्लैट पर चला गया.
अन्दर जाकर मैं सोफे पर बैठ गया और वो अन्दर के कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.