28-07-2022, 04:36 PM
दीपिका का ड्रिंक खत्म होता देख कर मैंने सोचा कि मैं उसके लिए और कोल्ड ड्रिंक ले आता हूं.
मैंने दीपिका से कहा- मैं आपके लिए कोल्डड्रिंक और लाता हूँ, और जैसे ही मैं उठने लगा तो दीपिका कहने लगी- कोल्डड्रिंक बहुत मीठी है, आप वाली कैसी है, जरा देखूँ तो?
यह कह कर उसने मेरा गिलास उठाया और उसमें से एक सिप कर लिया और बोली- इसका स्वाद भी बढ़िया है.
मैंने कहा- मैं आपका दूसरा पेग बना देता हूँ, यह तो मेरा झूठा है.
दीपिका पर आधे पैग का ही पूरा सरूर हो गया था.
वह बोली- क्या राज जी, आपने भी क्या हल्की बात कर दी? अपनों का भी कभी झूठा होता है?
यह कह कर उसने एक बड़ा सा सिप और ले लिया और कुछ ही मिनट के बाद वो झूमने लगी.
थोड़ी देर हम चुप बैठे रहे. फिर दीपिका अपना सिर पीछे लगाए लगाए बोली- राज, कोई बात करो न.
अब मैं समझ चुका था कि दीपिका चुदने के मूड में आ चुकी है.
मैंने कहा- दीपिका, आपके हाथ बहुत सुंदर हैं.
दीपिका ने अपने हाथ मेरी तरफ बढ़ाये और बोली- पसंद हैं?
मैं- बहुत पसंद हैं.
दीपिका- तो चूम क्यों नहीं लेते?
मैंने दीपिका के दोनों हाथों को पकड़ा और कहा- इतनी दूर बैठी हो, मेरे पास आओ तभी तो कुछ करूंगा.
मैंने उसके हाथों को पकड़े पकड़े ऊपर उठने का इशारा किया और दीपिका जैसे ही उठी, मैंने उसे अपनी ओर खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया. दीपिका धम्म से मेरी गोदी में आ गई.
मुझे लगा जैसे मेरी गोदी में जन्नत आ बैठी हो. मेरा 8 इंच लंबा मोटा लौड़ा उसके चूतड़ों की खाई में धंस गया.
गोदी में बैठते ही मैंने दीपिका के होंठों को चूम लिया और उसे एक बाँह में संभालते हुए एक हाथ से पैग उठा कर उसके होंठों से लगा दिया.
दीपिका ने एक सिप ली और उसी गिलास को अपने हाथ से पकड़ कर मेरे होंठों से लगा दिया.
एक मिनट में ही दुनिया की सारी मस्ती हम दोनों में सिमट कर भर गई.
मैंने अपनी दोनों हथेलियों में दीपिका के बड़े बड़े चूचों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा. दीपिका ने अपने गाल मेरे गालों से सटा दिए और लम्बी लम्बी सिसकारी लेने लगी- ऊह्ह … अम्म … राज … आह्ह … ओह्ह।
मैं धीरे धीरे उसके मखमली शरीर पर अपना हाथ घुमाने लगा. मेरा हाथ उसकी बाजुओं और चूचियों से होता हुआ उसके पेट और उसकी जांघों और पटों पर चलने लगा. दीपिका की सांसें लगातार तेज हो रही थीं.
फिर मैंने दीपिका के मुँह में एक पनीर का टुकड़ा डाला तो उसने दोबारा मेरे गिलास से एक बड़ा सिप ले लिया और मुड़ कर मेरी छाती से अपनी छाती लगा दी और मुझे ज़ोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैंने दीपिका के टॉप में पीछे से हाथ डाला और उसकी कमर को सहलाने लगा.
कमर के बाद मैंने उसके पटों पर हाथ फिराते हुए उसकी स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी जांघों को सहला दिया. दीपिका ने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी. मेरे हाथ पर कहीं भी उसकी पैंटी का अहसास नहीं हुआ तो मुझे पता चल गया कि चूत नंगी है.
वासना में उत्तेजित हुई दीपिका ने एकदम पोजीशन बदली और उसने बैठे बैठे अपने दोनों घुटनों को चौड़ा करके मेरे दोनों पटों के बाहर से कर लिया और अपनी चूत को मेरे उल्टे मुड़े लौड़े पर टिका कर बैठ गई.
दीपिका मुझसे बुरी तरह से लिपट गई और अपनी जांघों को मेरे ऊपर दबाने लगी. शायद उसको अपनी चूत पर मेरे मोटे गर्म लौड़े का मदमस्त करने देने वाला अहसास मिल रहा था.
मैंने दीपिका के टॉप को ऊपर उठाया और उसके एक बड़े मम्मे को अपने मुँह में भर लिया. दीपिका आनन्द से उई … ईईईई … करने लगी. दीपिका बैठे बैठे मुड़ी और मेरा पैग उठा कर गटागट एक ही सांस में पी गई.
इस पर मैंने कहा- दीपिका, ये तुम्हारे लिए ज्यादा हो जाएगी.
दीपिका नशे में झूमती हुई बोली- आज सब कुछ ज्यादा ही तो करना है. आज मत रोको राज. तुम्हीं तो कह रहे थे कि इसे पीकर आदमी सब कुछ भूल जाता है.
यह कह कर दीपिका अपनी चूत को जोर जोर से मेरे उल्टे खड़े लण्ड पर रगड़ने लगी. मैं दीपिका की चूत का उभरा हुआ नर्म हिस्सा अपने लण्ड और पेट के नीचे वाले हिस्से पर स्पष्ट महसूस कर रहा था. उसने नीचे कुछ नहीं पहना था.
मैंने दीपिका से कहा- मैं आपके लिए कोल्डड्रिंक और लाता हूँ, और जैसे ही मैं उठने लगा तो दीपिका कहने लगी- कोल्डड्रिंक बहुत मीठी है, आप वाली कैसी है, जरा देखूँ तो?
यह कह कर उसने मेरा गिलास उठाया और उसमें से एक सिप कर लिया और बोली- इसका स्वाद भी बढ़िया है.
मैंने कहा- मैं आपका दूसरा पेग बना देता हूँ, यह तो मेरा झूठा है.
दीपिका पर आधे पैग का ही पूरा सरूर हो गया था.
वह बोली- क्या राज जी, आपने भी क्या हल्की बात कर दी? अपनों का भी कभी झूठा होता है?
यह कह कर उसने एक बड़ा सा सिप और ले लिया और कुछ ही मिनट के बाद वो झूमने लगी.
थोड़ी देर हम चुप बैठे रहे. फिर दीपिका अपना सिर पीछे लगाए लगाए बोली- राज, कोई बात करो न.
अब मैं समझ चुका था कि दीपिका चुदने के मूड में आ चुकी है.
मैंने कहा- दीपिका, आपके हाथ बहुत सुंदर हैं.
दीपिका ने अपने हाथ मेरी तरफ बढ़ाये और बोली- पसंद हैं?
मैं- बहुत पसंद हैं.
दीपिका- तो चूम क्यों नहीं लेते?
मैंने दीपिका के दोनों हाथों को पकड़ा और कहा- इतनी दूर बैठी हो, मेरे पास आओ तभी तो कुछ करूंगा.
मैंने उसके हाथों को पकड़े पकड़े ऊपर उठने का इशारा किया और दीपिका जैसे ही उठी, मैंने उसे अपनी ओर खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया. दीपिका धम्म से मेरी गोदी में आ गई.
मुझे लगा जैसे मेरी गोदी में जन्नत आ बैठी हो. मेरा 8 इंच लंबा मोटा लौड़ा उसके चूतड़ों की खाई में धंस गया.
गोदी में बैठते ही मैंने दीपिका के होंठों को चूम लिया और उसे एक बाँह में संभालते हुए एक हाथ से पैग उठा कर उसके होंठों से लगा दिया.
दीपिका ने एक सिप ली और उसी गिलास को अपने हाथ से पकड़ कर मेरे होंठों से लगा दिया.
एक मिनट में ही दुनिया की सारी मस्ती हम दोनों में सिमट कर भर गई.
मैंने अपनी दोनों हथेलियों में दीपिका के बड़े बड़े चूचों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा. दीपिका ने अपने गाल मेरे गालों से सटा दिए और लम्बी लम्बी सिसकारी लेने लगी- ऊह्ह … अम्म … राज … आह्ह … ओह्ह।
मैं धीरे धीरे उसके मखमली शरीर पर अपना हाथ घुमाने लगा. मेरा हाथ उसकी बाजुओं और चूचियों से होता हुआ उसके पेट और उसकी जांघों और पटों पर चलने लगा. दीपिका की सांसें लगातार तेज हो रही थीं.
फिर मैंने दीपिका के मुँह में एक पनीर का टुकड़ा डाला तो उसने दोबारा मेरे गिलास से एक बड़ा सिप ले लिया और मुड़ कर मेरी छाती से अपनी छाती लगा दी और मुझे ज़ोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैंने दीपिका के टॉप में पीछे से हाथ डाला और उसकी कमर को सहलाने लगा.
कमर के बाद मैंने उसके पटों पर हाथ फिराते हुए उसकी स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी जांघों को सहला दिया. दीपिका ने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी. मेरे हाथ पर कहीं भी उसकी पैंटी का अहसास नहीं हुआ तो मुझे पता चल गया कि चूत नंगी है.
वासना में उत्तेजित हुई दीपिका ने एकदम पोजीशन बदली और उसने बैठे बैठे अपने दोनों घुटनों को चौड़ा करके मेरे दोनों पटों के बाहर से कर लिया और अपनी चूत को मेरे उल्टे मुड़े लौड़े पर टिका कर बैठ गई.
दीपिका मुझसे बुरी तरह से लिपट गई और अपनी जांघों को मेरे ऊपर दबाने लगी. शायद उसको अपनी चूत पर मेरे मोटे गर्म लौड़े का मदमस्त करने देने वाला अहसास मिल रहा था.
मैंने दीपिका के टॉप को ऊपर उठाया और उसके एक बड़े मम्मे को अपने मुँह में भर लिया. दीपिका आनन्द से उई … ईईईई … करने लगी. दीपिका बैठे बैठे मुड़ी और मेरा पैग उठा कर गटागट एक ही सांस में पी गई.
इस पर मैंने कहा- दीपिका, ये तुम्हारे लिए ज्यादा हो जाएगी.
दीपिका नशे में झूमती हुई बोली- आज सब कुछ ज्यादा ही तो करना है. आज मत रोको राज. तुम्हीं तो कह रहे थे कि इसे पीकर आदमी सब कुछ भूल जाता है.
यह कह कर दीपिका अपनी चूत को जोर जोर से मेरे उल्टे खड़े लण्ड पर रगड़ने लगी. मैं दीपिका की चूत का उभरा हुआ नर्म हिस्सा अपने लण्ड और पेट के नीचे वाले हिस्से पर स्पष्ट महसूस कर रहा था. उसने नीचे कुछ नहीं पहना था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.