28-07-2022, 04:14 PM
(This post was last modified: 02-09-2022, 11:39 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ब्रा खोलते ही दीदी के बड़े बड़े स्तन मेरे सामने आ गए। मैंने सोचा भी नहीं था कि दीदी के स्तन इतने बड़े हो गये होंगे।![[Image: Internet_20210316_153611_37.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-g-CYvUaelYc/YFEJT7-ANcI/AAAAAAAAaWA/1v6hpV-I3qQcUqP2jSyrR9XRSoVIcCXEgCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_37.jpeg)
मैंने दीदी से पूछा- दीदी आप तो किसी को अपने चूचे छूने तक नहीं देती थी, तो अब ये इतने बड़े कैसे हो गए?
दीदी ने कहा- ये तेरे जीजा की करामात है। उनको इनके साथ खेलना बहुत पसंद है। सुहागरात वाले दिन उन्होंने मेरे स्तनों को बहुत मरोड़ा। इतना मरोड़ा था कि तीन दिन तक दर्द होता रहा ।
![[Image: Internet_20210316_153611_36.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-GhKccEZgIIU/YFEJTxxxTWI/AAAAAAAAaV8/DGLVR5a4OgAQxO3Y8Jy38_OXM7zo-818gCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_36.jpeg)
ये सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और मेरा लण्ड कड़क हो गया। मैं भी दीदी के बूब्स के साथ उसी तरह से खेलना चाहता था इसलिए मैंने युविका के स्तनों को ज़ोर से दबा दिया. मेरी पकड़ कुछ ज्यादा ही टाइट थी जिससे दीदी को दर्द हो गया और दीदी ने मुझे हटा दिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?![[Image: Internet_20210316_153611_35.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-47WFShf1OcQ/YFEJ7-JHktI/AAAAAAAAaW8/sEHld5wTphEfgzctIlGi4lx3EPJYVL1DQCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_35.jpeg)
दीदी बोली- तू इनके साथ नहीं खेल सकता। अभी मैं नयी नयी माँ बनी हूँ, इसलिए मेरे स्तनों में दूध है और इतनी जोर से दबाने से इनमें दर्द होता है।
तभी मैंने ध्यान दिया कि मैंने दीदी के स्तन इतनी जोर से दबा दिये थे कि उनसे दूध निकल गया था और निप्पल के आसपास का एरिया और नीचे तक उसके स्तन दूध से सन से गये थे.
मैंने धीरे से दीदी के दूध लगे चूचों पर अपनी जीभ से चाट लिया. दीदी भी थोड़ी कामुक हो गयी और मेरा लंड भी अकड़ कर दर्द करने लगा. अब शायद दोनों ही भाई बहन उन पुराने दिनों की यादों को फिर से ताज़ा करने के लिए तैयार हो गये थे.
मैंने कहा- दीदी मुझे माफ़ करना, मुझे ये पता नहीं था।
मैंने दीदी से पूछा- क्या मैं तुम्हारा दूध पी सकता हूँ दीदी?
दीदी बोली- पी ले, मगर सारा मत निचोड़ लेना, मुझे मेरे बेटे के लिए भी थोड़ा बचा कर रखना है, अगर वो रात में जाग गया तो फिर मैं दूध कहां से लाऊंगी?
मैं बोला- ठीक है दीदी, सारा नहीं पीऊंगा.
![[Image: Internet_20210316_153611_9.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-kDYDuy0puTY/YFEJVVCujPI/AAAAAAAAaWc/7yWRLIaENfohEI5zjyTJCNJ1VXtGTCD-QCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_9.jpeg)
मैंने दीदी को सोफे पर फिर से लिटा दिया और दोनों स्तनों को बारी बारी से चाट्ने लगा। कभी एक निप्प्ल को तो कभी दूसरे निप्प्ल को सिर्फ जीभ की नोक से । और अब थोडा जोर से जीभ से दबाया तो दीदी सिस्कारी लेने लगी । अब मैंने उनके एक चूचुक को होठो मे लेकर दबा लिया और धीरे -धीरे चूसने लगा ,कुछ देर के बाद दूसरे स्त्न के साथ भी यही किया अब दीदी थोडी जोर से सांसे लेने लगी थी । दीदी का दूध बहुत ही गर्म था और बहुत स्वादिष्ट भी। मैंने दोनों स्तनों से थोड़ा थोड़ा दूध पिया और फिर नीचे की तरफ आ गया।![[Image: Internet_20210316_153611_8.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-XnXI_xkUY10/YFEJVPWY0kI/AAAAAAAAaWY/1xMOt8VfzAEqPaD22R5FeCusFFWRjbMTwCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_8.jpeg)
फिर मैंने दीदी की सलवार के ऊपर से उनकी चूत पर अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया और साथ ही दीदी का दूध भी पीता रहा। बीच बीच में मैं अपने हाथ की रफ़्तार तेज़ कर देता था ।जिससे दीदी उत्तेजित हो रही थी ।
जब जब मैं ऐसा करता तो दीदी अपनी टांगें थोड़ी सी उठा देती थी और उन्हें सिकोड़ने की कोशिश करने लगती। उसके बाद मैंने दीदी की सलवार खोल दी। अंदर दीदी ने पिंक कलर की पैंटी पहनी थी जो कि मेरे हाथ फेरने से गीली हो गई थी।
मैं दीदी की चूत के दर्शन करने के लिए बेताब हो उठा था। इसलिए मैंने दीदी की पैंटी खोल दी। जैसे ही मैंने दीदी की पैंटी खोली तो देखा कि दीदी की चूत तो एक दम साफ़ थी, मगर अब उस चूत का भोसड़ा बन चुका था।
चूत देख कर मैंने कहा- दीदी, ये क्या हो गया है!
दीदी ने हंसते हुए कहा- “ये भी तेरे जीजा की ही करामात है। वो मुझे बहुत चोदते हैं। ये तो आजकल बच्चा हुआ है तब छोड़ा है नहीं तो पहले तो वो बहुत चोदते थे मुझे। मगर फिलहाल अभी ये चूत तेरी है। तू जो करना चाहता है इसके साथ, कर सकता है।
ये सुनकर मैं फिर से गर्म हो गया। मुझे ख़ुशी थी कि चलो आज दीदी को फिर से चोदने की ख्वाहिश तो पूरी होगी। मैंने जल्दी से दीदी की गीली चूत पर ज़ोर का किस किया जिससे दीदी की एक मादक सी आह्ह … निकल गयी।
![[Image: Internet_20210316_153611_37.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-g-CYvUaelYc/YFEJT7-ANcI/AAAAAAAAaWA/1v6hpV-I3qQcUqP2jSyrR9XRSoVIcCXEgCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_37.jpeg)
मैंने दीदी से पूछा- दीदी आप तो किसी को अपने चूचे छूने तक नहीं देती थी, तो अब ये इतने बड़े कैसे हो गए?
दीदी ने कहा- ये तेरे जीजा की करामात है। उनको इनके साथ खेलना बहुत पसंद है। सुहागरात वाले दिन उन्होंने मेरे स्तनों को बहुत मरोड़ा। इतना मरोड़ा था कि तीन दिन तक दर्द होता रहा ।
![[Image: Internet_20210316_153611_36.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-GhKccEZgIIU/YFEJTxxxTWI/AAAAAAAAaV8/DGLVR5a4OgAQxO3Y8Jy38_OXM7zo-818gCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_36.jpeg)
ये सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और मेरा लण्ड कड़क हो गया। मैं भी दीदी के बूब्स के साथ उसी तरह से खेलना चाहता था इसलिए मैंने युविका के स्तनों को ज़ोर से दबा दिया. मेरी पकड़ कुछ ज्यादा ही टाइट थी जिससे दीदी को दर्द हो गया और दीदी ने मुझे हटा दिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?
![[Image: Internet_20210316_153611_35.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-47WFShf1OcQ/YFEJ7-JHktI/AAAAAAAAaW8/sEHld5wTphEfgzctIlGi4lx3EPJYVL1DQCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_35.jpeg)
दीदी बोली- तू इनके साथ नहीं खेल सकता। अभी मैं नयी नयी माँ बनी हूँ, इसलिए मेरे स्तनों में दूध है और इतनी जोर से दबाने से इनमें दर्द होता है।
तभी मैंने ध्यान दिया कि मैंने दीदी के स्तन इतनी जोर से दबा दिये थे कि उनसे दूध निकल गया था और निप्पल के आसपास का एरिया और नीचे तक उसके स्तन दूध से सन से गये थे.
मैंने धीरे से दीदी के दूध लगे चूचों पर अपनी जीभ से चाट लिया. दीदी भी थोड़ी कामुक हो गयी और मेरा लंड भी अकड़ कर दर्द करने लगा. अब शायद दोनों ही भाई बहन उन पुराने दिनों की यादों को फिर से ताज़ा करने के लिए तैयार हो गये थे.
मैंने कहा- दीदी मुझे माफ़ करना, मुझे ये पता नहीं था।
मैंने दीदी से पूछा- क्या मैं तुम्हारा दूध पी सकता हूँ दीदी?
दीदी बोली- पी ले, मगर सारा मत निचोड़ लेना, मुझे मेरे बेटे के लिए भी थोड़ा बचा कर रखना है, अगर वो रात में जाग गया तो फिर मैं दूध कहां से लाऊंगी?
मैं बोला- ठीक है दीदी, सारा नहीं पीऊंगा.
![[Image: Internet_20210316_153611_9.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-kDYDuy0puTY/YFEJVVCujPI/AAAAAAAAaWc/7yWRLIaENfohEI5zjyTJCNJ1VXtGTCD-QCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_9.jpeg)
मैंने दीदी को सोफे पर फिर से लिटा दिया और दोनों स्तनों को बारी बारी से चाट्ने लगा। कभी एक निप्प्ल को तो कभी दूसरे निप्प्ल को सिर्फ जीभ की नोक से । और अब थोडा जोर से जीभ से दबाया तो दीदी सिस्कारी लेने लगी । अब मैंने उनके एक चूचुक को होठो मे लेकर दबा लिया और धीरे -धीरे चूसने लगा ,कुछ देर के बाद दूसरे स्त्न के साथ भी यही किया अब दीदी थोडी जोर से सांसे लेने लगी थी । दीदी का दूध बहुत ही गर्म था और बहुत स्वादिष्ट भी। मैंने दोनों स्तनों से थोड़ा थोड़ा दूध पिया और फिर नीचे की तरफ आ गया।
![[Image: Internet_20210316_153611_8.jpeg]](https://1.bp.blogspot.com/-XnXI_xkUY10/YFEJVPWY0kI/AAAAAAAAaWY/1xMOt8VfzAEqPaD22R5FeCusFFWRjbMTwCLcBGAsYHQ/s720/Internet_20210316_153611_8.jpeg)
फिर मैंने दीदी की सलवार के ऊपर से उनकी चूत पर अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया और साथ ही दीदी का दूध भी पीता रहा। बीच बीच में मैं अपने हाथ की रफ़्तार तेज़ कर देता था ।जिससे दीदी उत्तेजित हो रही थी ।
जब जब मैं ऐसा करता तो दीदी अपनी टांगें थोड़ी सी उठा देती थी और उन्हें सिकोड़ने की कोशिश करने लगती। उसके बाद मैंने दीदी की सलवार खोल दी। अंदर दीदी ने पिंक कलर की पैंटी पहनी थी जो कि मेरे हाथ फेरने से गीली हो गई थी।
मैं दीदी की चूत के दर्शन करने के लिए बेताब हो उठा था। इसलिए मैंने दीदी की पैंटी खोल दी। जैसे ही मैंने दीदी की पैंटी खोली तो देखा कि दीदी की चूत तो एक दम साफ़ थी, मगर अब उस चूत का भोसड़ा बन चुका था।
चूत देख कर मैंने कहा- दीदी, ये क्या हो गया है!
दीदी ने हंसते हुए कहा- “ये भी तेरे जीजा की ही करामात है। वो मुझे बहुत चोदते हैं। ये तो आजकल बच्चा हुआ है तब छोड़ा है नहीं तो पहले तो वो बहुत चोदते थे मुझे। मगर फिलहाल अभी ये चूत तेरी है। तू जो करना चाहता है इसके साथ, कर सकता है।
ये सुनकर मैं फिर से गर्म हो गया। मुझे ख़ुशी थी कि चलो आज दीदी को फिर से चोदने की ख्वाहिश तो पूरी होगी। मैंने जल्दी से दीदी की गीली चूत पर ज़ोर का किस किया जिससे दीदी की एक मादक सी आह्ह … निकल गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
