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Incest लॉकडाउन में दीदी फिर से चुद गई
#3
मेरी दीदी की एक सहेली थी जिसका नाम अरुणा था। किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो गयी। उनका घर हमारे शहर में ही था।

ये बात जब युविका दीदी को पता चली तो वो बहुत दुखी हुई और वो अपनी सहेली को अंतिम विदाई देने के लिए हमारे घर आ गयी।

उस दिन मैं घर में नहीं था और न ही मुझे दीदी के आने की खबर थी।

मैं रात को 9 बजे घर आया। मैंने घर की घण्टी बजायी तो दीदी ने दरवाजा खोला। मैं दीदी को देख कर भौंचक्का रह गया।
[Image: Internet_20210316_153611_12.jpeg]
मैंने दीदी को 2 साल से नहीं देखा था। मुझे यकीन करने में थोड़ा समय लग गया कि क्या ये दीदी ही है?
मेरे मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं?

फिर दीदी ने ही पहल की और कहा- अंदर आएगा या यहीं खड़ा रहेगा?
उसके टोकने पर मैं अंदर आ गया और दीदी ने दरवाजा बंद कर दिया।

दीदी- कैसा है?
मैंने हिचकिचाते हुआ कहा- ठीक हूँ।
दीदी- इतना डर क्यूँ रहा है, मैं क्या चुड़ैल दिख रही हूँ?

मैंने इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और दीदी को जी भर कर देखता रहा।
इतने में मम्मी ने कहा- आ जा हाथ मुंह धो ले और खाना खा ले।

उसके बाद मैं गया और फ्रेश होकर आया. फिर सब लोग खाना खाने बैठ गए। इतने में कमरे के अंदर से दीदी के बेटे की रोने की आवाज़ आने लगी। तब मुझे याद आया कि दीदी का बच्चा भी हो गया है।

दीदी बच्चे के पास चली गयी और हमने खाना खाया और मैं सीधा अपने कमरे में चला गया। वहाँ मैं सोचने लगा कि वक्त कितनी तेजी से गुजर गया. पहले भाई बहन के बीच इतनी लड़ाई होती थी और फिर सेक्स भी होने लग गया और दीदी की शादी हो गयी और अब देखो, अब दीदी का बच्चा भी हो गया है।

ऐसा सोचते सोचते मैं सो गया। सुबह मैं थोड़ा लेट उठा। मुझे दीदी से बात करने में पता नहीं क्यूँ थोड़ा अजीब लग रहा था। मगर मैंने अपने आप को संभाला और शांत होने की कोशिश की। अब मैंने दीदी की नज़रों में नज़रें मिलाना शुरू कर दिया और कुछ बातें करने लगा।

मैंने दीदी से कहा- तुम तो पूरी बदल गयी हो। लग ही नहीं रहा कि तुम वही पुरानी युविका हो।
दीदी- हाँ, बदल तो गयी हूँ, पर तुम अभी भी वैसे ही हो।[Image: Internet_20210316_153611_13.jpeg]

इस तरह हमने बहुत सी बातें कीं और सब कुछ नार्मल हो गया। तभी मुझे पता चला कि पापा-मम्मी मेरी नानी के घर जा रहे हैं जहाँ भागवत चल रहा है। मुझे इसलिए नहीं बताया क्यूंकि मैं ऐसे कार्यक्रमों में नहीं जाता था।

फिर मुझे पता चला कि दीदी भी आज ही चली जायेगी और अपनी सहेलियों से मिलेगी और वहीं से एक हफ्ते बाद वो भी वापस चली जायेगी। ये सुनकर पता नहीं क्यों मुझे बहुत दुःख हुआ।

2 घण्टे बाद सब लोग चले गए और मैं भी बाहर चला गया। शाम को मैं जब घर आया तो सोते हुए मुझे दीदी के ख्याल आने लगे। मेरे दिल में दीदी के लिए फिर से इच्छायें जागने लगीं।

तब मैंने ध्यान दिया कि दीदी का शरीर अब थोड़ा मोटा हो गया है मगर साथ ही अब उनके स्तन और चूतड़ बहुत बड़े बड़े हो गए हैं। लगता है कि जीजा जी ने दीदी को बहुत चोदा होगा। दीदी जब चलती है तो उसके चूतड़ों को देख कर बहुत अच्छी फीलिंग आती है।

दीदी का रंग भी पहले से बहुत ज्यादा निखर गया था और एक लाली सी आ गयी थी उसके बदन पर। ये सोच सोच कर मैं पागल होने लगा और मेरा लण्ड खड़ा हो गया। उत्तेजित होकर मैंने जल्दी से अपनी गर्लफ्रेंड की नंगी फ़ोटो देख कर मुठ मारी और सो गया।[Image: Internet_20210316_153611_16.jpeg]

अगले दिन मैं अपनी गर्लफ्रेंड आँचल को बाहर घुमाने ले गया और सारा दिन उसे घुमाया।
बाद में मैंने उसे चुदाई के लिए पूछा तो उसने कहा कि अभी उसके पीरियड्स हैं तो वो चुदाई के लिए तैयार नहीं है।
तो मैंने उसे ज्यादा फोर्स भी नहीं किया और न ही ज्यादा कुछ बोला. फिर हम घूम फिर कर वापस घर आ गये.

ये उन दिनों की बात है जब शुरू शुरू में कोरोना वायरस के चलते दुनिया में चारों और उथल पुथल मचने लगी थी। फिर भारत में भी मामले आने शुरू हो गये.

पहले तो मैं आसानी से बाहर घूम रहा था मगर बाद में घूमने पर प्रतिबन्ध लगने लगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू हो गया। इसके चलते दीदी किसी जगह अपने बच्चे के साथ फंस गई।

दीदी अपनी सहेलियों के साथ होटल में ही रही किंतु बाद में होटल भी बंद हो गया. होटल बंद हो जाने के बाद दीदी किसी तरह से हमारे घर तक पहुंच पाई. मगर मम्मी पापा भी बाहर गये हुए थे तो वो भी नहीं लौट पाये.

अब घर में दीदी और मैं ही थे। मेरे मन में दीदी को चोदने के बहुत ख्याल आया रहे थे मगर किसी तरह मैंने इन पर काबू रखा। दीदी ने बताया कि उसका पति 2 दिन बाद उसे लेने आ जायेगा और फिर वो चली जायेगी।

ये सुन कर मेरे अंदर से आवाज़ आने लगी कि मैं दीदी को इन 2 दिनों में चोद सकता हूँ। मगर मेरे सामने मुश्किल ये थी कि मुझे दीदी को सेक्स के बारे में पूछने में डर लग रहा था।[Image: Internet_20210316_153611_8.jpeg]

उस दिन मैंने दीदी के बदन को बहुत गौर से देखा। तभी दीदी का बेटा रोने लगा. वो उसे चुप करा रही थी और मेरे सामने ही बैठी हुई थी. वो चुप नहीं हो रहा था इसलिए दीदी ने अपना कमीज उठा कर अपनी चूची को बाहर निकाल लिया और बच्चे के मुंह पर अपना निप्पल लगा दिया.

वो मेरे सामने ही उसको दूध पिलाने लगी. दीदी के स्तन देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं गर्म होने लगा. मेरा मन दीदी की चुदाई के लिए मचलने लगा. मैंने निश्चय कर लिया कि आज दीदी से चुदाई के लिए पूछ कर ही रहूँगा।

दीदी बच्चे को दूध पिला ही रही थी कि मैंने दीदी से बातें करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में दीदी का बेटा सो गया और दीदी उसे लिटा कर आ गयी। हमने बहुत बातें की और अब हम दोनों इतने घुल मिल गए थे कि सब पहले की तरह हो गया।

मैंने मौका देखते ही दीदी से कहा- दीदी, मुझे पुराने दिन बहुत याद आते हैं।
ये सुन कर दीदी थोड़ी देर चुप हो गयी और थोड़ी देर में एक लंबी सांस लेकर बोली- वैसे आजकल नीचे वो स्कूल बस नहीं दिखती और न ही दास अंकल?

उसके सवाल पर मैं बोला- हां, आजकल बस स्कूल में ही खड़ी होती है और ड्राइवर अंकल भी वहीं रहते हैं और दास अंकल भी रिटायर हो गए हैं, उनकी जगह उनका बेटा होता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: लॉकडाउन में दीदी फिर से चुद गई - by neerathemall - 28-07-2022, 02:43 PM



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