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Incest शीघ्रपतन
#3
" अच्छा ? दो तीन सौ में कहाँ से आयेगी साड़ी ? ".

" दो तीन सौ में कुछ और पैसे मिला लेना भैया... ". निधी हँसते हुए बोली.

कुछ देर में ही उनकी बस आ गई.

" आजाओ भैया... ".

" इसमें नहीं निधी... बहुत भीड़ है. ".

" भैया... यहाँ कि सारी बसें ऐसे ही भीड़ वाली आती हैं... चलो. ".

रोहित को आराम से Travel करने कि आदत पड़ी थी, बस में अंदर घुसते ही भीड़ देख कर उसका दिमाग़ घुमने लगा. निधी इन सब में Expert थी, उसने अपने भैया का हाथ पकड़ा और भीड़ में जगह बनाती हुई बस के एकदम पीछले हिस्से में चली गई. भीड़ तो वहाँ भी कम नहीं थी पर बस के पिछले हिस्से में कम से कम आने जाने वाले लोगों कि धक्को से बचा जा सकता था. मुश्किल से खड़े होने कि जगह मिली थी उन्हें, दोनों एक दूसरे के अगल बगल खड़े हो गये, बस चल पड़ी.

" अच्छा निधी... जिस दिन मैं तुम्हें कॉलेज से Pick करने नहीं आ पाता उस दिन तूम इसी तरह बस में इतनी भीड़ में जाती हो ? ".

" हाँ भैया... तो ? वैसे आज थोड़ी ज़्यादा ही भीड़ है इस बारिश कि वजह से... रोज़ नहीं होता इतना... पर... ".

" अब से मैं तुम्हें रोज़ लेने आ जाया करूंगा... ". रोहित ने अपनी बहन कि बात काटते हुए कहा........................

" So Sweet भैया... मुझे आपके साथ आने जाने कि आदत पड़ चुकी है और आप जो मेरे साथ Bodyguard कि तरह रहते हो उससे मेरे दोस्त जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं, उसकी भी आदत पड़ चुकी है. ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा........................

निधी जिस जगह खड़ी थी उसके पीछे एक आदमी बड़ा सा बैग लिये खड़ा था. उस बैग कि वजह से निधी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी और उसे बार बार ठोकर लग रही थी.

" इधर आ जा निधी. ". रोहित ने जब ये Notice किया तो उसने अपने सामने थोड़ी सी जगह बना ली और निधी वहाँ घुस कर अपने भैया के आगे खड़ी हो गई. अब उसकी पीठ अपने भैया के तरफ थी और उसे धक्के मुक्के से बचाने के लिये उसके भैया उसके पीछे खड़े थें. उसके भैया उसके लिये इतने Protective थें ये देख कर निधी मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ बोली नहीं. उसे अपने भैया के साथ नोंक झोंक वाला रिश्ता ही ज़्यादा भाता था, Formality वाला नहीं !

बाहर बारिश होने कि वजह से दिन के वक़्त भी अच्छा खासा अंधेरा छा गया था, बस कि सारी खिड़कीयां बंद थी तो अंदर बस में भी अंधकार ही था, जो जहाँ था वहीं चुपचाप खड़ा था, हिलने डूलने कि तो जगह ही नहीं थी. कुछ देर कि यात्रा के बाद रोहित और निधी अब Relax हो गयें थें...........................

रोहित ने अपनी बहन को अपने सामने खड़े होने कि जगह तो दे दी थी पर वो Comfortable नहीं हो पा रहा था, निधी का तो उसे पता नहीं.

दरअसल, उसकी बहन का बदन उसके जिस्म से एकदम चिपक गया था, उसपे उसकी बहन का सलवार कमीज़ और खुद उसका Trouser और शर्ट पानी में भीग कर तर बतर हो चुका था.

शुरू में काफी देर तक उसने कोशिश कि, की उसका शरीर अपनी बहन के बदन से ना सटे, पर पीछे से पड़ रहे लोगों की भीड़ के दबाव को वो ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया. मुसीबत तब हुई जब आखिरकार उसके कमर का नीचला हिस्सा उसकी बहन के नितंब में जा सटा.

इतना तो फिर भी ठीक था पर सबसे Embarrassing Situation तब आई जब रोहित की टांगों के बीच वाला हिस्सा उसकी बहन की कमीज़ और सलवार में लिपटी पानी से गीली हुई चूतड़ों के मध्य की पतली दरार के बीचो बीच फंस गया ! रोहित बस यही सोच रहा था की उसकी बहन पता नहीं क्या सोच रही होगी, शायद उसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो, ना ही हो तो बेहतर है !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:14 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:15 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:15 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:17 PM
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RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:19 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 28-07-2022, 02:22 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 29-08-2022, 05:48 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 15-09-2022, 01:47 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 15-09-2022, 02:24 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 15-09-2022, 02:31 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 15-09-2022, 03:22 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 16-09-2022, 05:06 PM
RE: शीघ्रपतन - by neerathemall - 16-09-2022, 05:06 PM



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