27-07-2022, 11:44 PM
“मैंने मैं यह सुबह भी कहा की ये कोई बड़ी बात नहीं है बेबी और वैसे भी इसमें तुम्हारी क्या गलती।” मैंने उसकी शर्म को कम करने की कोशिश की और बोला
“पहले तो उसने मुझसे माफ़ी मांगी और फिर बोला कि मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।” जैसे ही मैंने मैं ये कहा, मैंने रेनू की ओर देखा, मैं उसकी प्रतिक्रिया के लिए उत्सुक था।
उसने चौकते हुए कहा, “उसने ऐसा नहीं बोला होगा!” मैंने सिर हिलाया, “उसने बोला। उसने ये भी कहा कि रेनू के पास एक बहुत सेक्सी और सुंदर शरीर है और आपको इस पर बहुत गर्व होना चाहिए” मैंने बोला।
भले ही यह पूरी तरह सच नहीं था, लेकिन झूठ भी नहीं था। उसकी बात का मतलब यही था भले ही उसने इसे ठीक इस तरह न कहा हो।
“तुमने क्या कहा!?” उसने लगभग चिल्ला कर पुछा।
मैं मुस्कुराया, “क्या कहता? मैंने मैं उससे कहा कि मैं जानता हूं की मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।”
वह शरमा गई लेकिन इस बार उसके चेहरे की लाली में शर्मिदगी के साथ आर भी कुछ था। इतने सालों में यह पहली बार था कि मेरे अलावा उसने किसी दूसरे
आदमी को खुले तौर पर उसके नंगे जिस्म की तारीफ करते सुना था। उसके चेहरे की लाली में शर्म के साथ साथ अपनी खूबसूरती पर एक गर्व और उत्साह भी
मौजूद था।
फिर हमने चुपचाप खाना खाया और मिनटों के बाद हम अपने बिस्तर पर नंगे थे और जानवरों की तरह चुदाई कर रहे थे। आज रेनू की चूत ईतनी गीली थी
जितनी मैंने मैं काफी लम्बे समय से नहीं देखी थी, और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। ऐसा क्यों था मैं ये समझ नहीं पाया।
अचानक वो मेरे ऊपर आ गयी और एक काउगर्ल की तरह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने मैं उसके बड़े मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें जोर से मसलते हुए उकसाया “अरे आज तो तुम्हारी चूत बहुत पानी छोड़ रही है मेरी जान, क्या बात है।”
चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया,
“मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”
उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा
रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।
“मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने मैं रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।
वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठगयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।
मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों
बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।
“पहले तो उसने मुझसे माफ़ी मांगी और फिर बोला कि मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।” जैसे ही मैंने मैं ये कहा, मैंने रेनू की ओर देखा, मैं उसकी प्रतिक्रिया के लिए उत्सुक था।
उसने चौकते हुए कहा, “उसने ऐसा नहीं बोला होगा!” मैंने सिर हिलाया, “उसने बोला। उसने ये भी कहा कि रेनू के पास एक बहुत सेक्सी और सुंदर शरीर है और आपको इस पर बहुत गर्व होना चाहिए” मैंने बोला।
भले ही यह पूरी तरह सच नहीं था, लेकिन झूठ भी नहीं था। उसकी बात का मतलब यही था भले ही उसने इसे ठीक इस तरह न कहा हो।
“तुमने क्या कहा!?” उसने लगभग चिल्ला कर पुछा।
मैं मुस्कुराया, “क्या कहता? मैंने मैं उससे कहा कि मैं जानता हूं की मैं बहुत भाग्यशाली व्यक्ति हूं।”
वह शरमा गई लेकिन इस बार उसके चेहरे की लाली में शर्मिदगी के साथ आर भी कुछ था। इतने सालों में यह पहली बार था कि मेरे अलावा उसने किसी दूसरे
आदमी को खुले तौर पर उसके नंगे जिस्म की तारीफ करते सुना था। उसके चेहरे की लाली में शर्म के साथ साथ अपनी खूबसूरती पर एक गर्व और उत्साह भी
मौजूद था।
फिर हमने चुपचाप खाना खाया और मिनटों के बाद हम अपने बिस्तर पर नंगे थे और जानवरों की तरह चुदाई कर रहे थे। आज रेनू की चूत ईतनी गीली थी
जितनी मैंने मैं काफी लम्बे समय से नहीं देखी थी, और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। ऐसा क्यों था मैं ये समझ नहीं पाया।
अचानक वो मेरे ऊपर आ गयी और एक काउगर्ल की तरह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने मैं उसके बड़े मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें जोर से मसलते हुए उकसाया “अरे आज तो तुम्हारी चूत बहुत पानी छोड़ रही है मेरी जान, क्या बात है।”
चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया,
“मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”
उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा
रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।
“मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने मैं रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।
वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठगयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।
मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों
बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।