27-07-2022, 11:26 PM
2 साल गुजर गए डाकुओं के हमला को, गांव में वापस हंसी का माहौल लौट आया था चौधरी ने जिस किसी का हानि हुआ था उन सबको बहुत सहारा दिया और गांव में हरियाली लौट आई थी
1 दिन सिक्युरिटी का एक ऑफिसर गांव में आया चौधरी जी से मिलने उनको यह बताया कि दिलावर सिंह जेल तोड़कर फरार हो गया है, और वह चुप नहीं बैठेगा चौधरी जी से अपना बदला लेने के लिए गांव पर फिर हमला करेगा, चौधरी जी की सुरक्षा के लिए दो हविलदार को गांव में, तैनात किया गया, और गांव वालों को चौकन्ना रहने के लिए बोलकर वह सिक्युरिटी वाला निकल गया. यह बात जो पूरे गांव वालों को पता चला तो गांव में एक आतंक का माहौल पैदा हो गया. इसी डर के वातावरण में करीबन 3 से 4 महीना बीत जाता है.
ऐसे ही 1 दिन सुबह कुछ औरतें गांव के बाहर से दौड़ते हुए गांव में आई और चौधरी के घर के पास आकर रोने लगे. चौधरी ने उन औरतों को रोते हुए देख कर सिक्युरिटी वालों को बुलाया, फिर सारे गांव वाले भी जमा होने लगे. उन औरतों में से एक औरत बोली
औरत – चौधरी जी, हम लोग सुबह हगने के लिए खेतों में जाते हैं. जब आज सुबह हम लोग खेतों में गए थे, तो उनका कुंवर ने हमको खेतों में घेर लिया. और वह लोग हमारे साथ बदतमीजी करने लगे.
चौधरी जी- किसी बत्तमीजी. क्या बो लोगों ने तुम में से किसी को चोट पहुंचाई.
वह औरत शर्म के मारे अपनी मुंह के ऊपर साड़ी लपेट लिया और बोली
औरत – वह डाकू ने हम सबको नंगा होने के लिए बोले, जब हम लोगों ने मना किया तो वह लोगों ने हमारी तरफ अपनी बंदूक निकाल लिया. तो हम लोग डर के, अपनी पहनी हुई साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट निकालकर उनके सामने नंगे खड़ा होना पड़ा.
चौधरी – छी,कितने गंदे लोग हैं वह. क्या उनके घर में उनकी मां बहने नहीं है. क्या बो लोग किसी के साथ कुछ गलत व्यवहार किया क्या.
वह औरत अपनी शक्ल साड़ी में ढके हुए बोली – नहीं वह लोग हमको अपने पास बुलाया और उन सब ने हमारी नंगी स्तन पे , पेट पे और हमारे नंगे योनि पर हाथ लगाया. फिर उन लोगों ने हमारी दो औरतों को उठा के ले गए. और आपके नाम यह चिट्ठी भेजा है.
1 दिन सिक्युरिटी का एक ऑफिसर गांव में आया चौधरी जी से मिलने उनको यह बताया कि दिलावर सिंह जेल तोड़कर फरार हो गया है, और वह चुप नहीं बैठेगा चौधरी जी से अपना बदला लेने के लिए गांव पर फिर हमला करेगा, चौधरी जी की सुरक्षा के लिए दो हविलदार को गांव में, तैनात किया गया, और गांव वालों को चौकन्ना रहने के लिए बोलकर वह सिक्युरिटी वाला निकल गया. यह बात जो पूरे गांव वालों को पता चला तो गांव में एक आतंक का माहौल पैदा हो गया. इसी डर के वातावरण में करीबन 3 से 4 महीना बीत जाता है.
ऐसे ही 1 दिन सुबह कुछ औरतें गांव के बाहर से दौड़ते हुए गांव में आई और चौधरी के घर के पास आकर रोने लगे. चौधरी ने उन औरतों को रोते हुए देख कर सिक्युरिटी वालों को बुलाया, फिर सारे गांव वाले भी जमा होने लगे. उन औरतों में से एक औरत बोली
औरत – चौधरी जी, हम लोग सुबह हगने के लिए खेतों में जाते हैं. जब आज सुबह हम लोग खेतों में गए थे, तो उनका कुंवर ने हमको खेतों में घेर लिया. और वह लोग हमारे साथ बदतमीजी करने लगे.
चौधरी जी- किसी बत्तमीजी. क्या बो लोगों ने तुम में से किसी को चोट पहुंचाई.
वह औरत शर्म के मारे अपनी मुंह के ऊपर साड़ी लपेट लिया और बोली
औरत – वह डाकू ने हम सबको नंगा होने के लिए बोले, जब हम लोगों ने मना किया तो वह लोगों ने हमारी तरफ अपनी बंदूक निकाल लिया. तो हम लोग डर के, अपनी पहनी हुई साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट निकालकर उनके सामने नंगे खड़ा होना पड़ा.
चौधरी – छी,कितने गंदे लोग हैं वह. क्या उनके घर में उनकी मां बहने नहीं है. क्या बो लोग किसी के साथ कुछ गलत व्यवहार किया क्या.
वह औरत अपनी शक्ल साड़ी में ढके हुए बोली – नहीं वह लोग हमको अपने पास बुलाया और उन सब ने हमारी नंगी स्तन पे , पेट पे और हमारे नंगे योनि पर हाथ लगाया. फिर उन लोगों ने हमारी दो औरतों को उठा के ले गए. और आपके नाम यह चिट्ठी भेजा है.