27-07-2022, 04:46 PM
"अरे बाबा जब करना होगा तो वहां चल पड़ेंगे. लाइट ज्यादा ज़रूरी है क्या?"
और इतना कहते ही प्रशांत ने उर्मि को फिर से अपने बाहों में जकड लिया और लगा चूमा चाटी करने. अब वो भी प्रशांत को बेतहाशा चाट और चूम रही थी. एक दुसरे को चूसते चाटते हुए ही प्रशांत ने उर्मि के ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए. और थोडा सा पीछे हो कर सामने से उसके खुले ब्लाउज को देखने लगा.
"क्या देख रहे हो?"
"देख रहा हूँ कि तुम कितनी सेक्सी हो. ज़रा देखो अपने बूब्स को! कितनी सुंदर तरह से इस सेक्सी ब्रा में पैक्ड हैं."
"तो ये गिफ्ट पैक खोल के अपना गिफ्ट ले लो!"
और प्रशांत अपने दोनों हाथ उर्मि के पीछे ले गया और ब्रा के हुक खोलने लग गया. ब्रा के हुक खुलते ही उर्मि के बूब्स हलके से नीचे की और लहराए. अब प्रशांत उर्मि से अलग हो गया और २-3 कदम पीछे हट कर देखने लगा.
"अब क्या हुआ आपको?"
"देख रहा हूँ तुम्हें के क्या लाजवाब लग रही हो. थोडा सा साड़ी का पल्लू हटाओ."
और पल्लू हटाते ही प्रशांत के साथ साथ मैं भी अपनी पत्नी के सौंदर्य को निहारने लगा. ब्लाउज के खुले हुक और उसमें से झांकती वाइट ब्रा जो की अब हुक खुल जाने के कारण मुश्किल से उर्मि की चूचियों को ढक पा रही थी.उर्मि के निप्पल अभी भी ब्रा के पीछे ही थे लेकिन उसके बूब्स की गोलाइयाँ और शेप साफ़ नज़र आ रही थी.
"कार में तो बड़े उतावले होते हो इनको पकड़ने के लिए?और अब खोल के भी छोड़ दिए?"
"उर्मि ! क्या तुम्हें कभी किसी ने बताया है की तुम कितनी सेक्सी हो?"
"क्या मतलब ?"
"इधर आओ."
और इतना कहते ही प्रशांत ने उर्मि को फिर से अपने बाहों में जकड लिया और लगा चूमा चाटी करने. अब वो भी प्रशांत को बेतहाशा चाट और चूम रही थी. एक दुसरे को चूसते चाटते हुए ही प्रशांत ने उर्मि के ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए. और थोडा सा पीछे हो कर सामने से उसके खुले ब्लाउज को देखने लगा.
"क्या देख रहे हो?"
"देख रहा हूँ कि तुम कितनी सेक्सी हो. ज़रा देखो अपने बूब्स को! कितनी सुंदर तरह से इस सेक्सी ब्रा में पैक्ड हैं."
"तो ये गिफ्ट पैक खोल के अपना गिफ्ट ले लो!"
और प्रशांत अपने दोनों हाथ उर्मि के पीछे ले गया और ब्रा के हुक खोलने लग गया. ब्रा के हुक खुलते ही उर्मि के बूब्स हलके से नीचे की और लहराए. अब प्रशांत उर्मि से अलग हो गया और २-3 कदम पीछे हट कर देखने लगा.
"अब क्या हुआ आपको?"
"देख रहा हूँ तुम्हें के क्या लाजवाब लग रही हो. थोडा सा साड़ी का पल्लू हटाओ."
और पल्लू हटाते ही प्रशांत के साथ साथ मैं भी अपनी पत्नी के सौंदर्य को निहारने लगा. ब्लाउज के खुले हुक और उसमें से झांकती वाइट ब्रा जो की अब हुक खुल जाने के कारण मुश्किल से उर्मि की चूचियों को ढक पा रही थी.उर्मि के निप्पल अभी भी ब्रा के पीछे ही थे लेकिन उसके बूब्स की गोलाइयाँ और शेप साफ़ नज़र आ रही थी.
"कार में तो बड़े उतावले होते हो इनको पकड़ने के लिए?और अब खोल के भी छोड़ दिए?"
"उर्मि ! क्या तुम्हें कभी किसी ने बताया है की तुम कितनी सेक्सी हो?"
"क्या मतलब ?"
"इधर आओ."
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
