27-07-2022, 04:02 PM
वैसे तो दूसरे सारे घरों के बीच दीवार थी पर पता नहीं क्यों हम दोनों के घर सिर्फ कुछ पेड़ लगा कर अलग किये गए थे। बिल्डर ने कहा था की यदि आप चाहें तो दीवार खड़ी करवा सकते हैं लेकिन दीवार न होने से हमारा लॉन बड़ा लगता था तो हमने जरूरत नहीं समझी। राजेश हमेशा अपने घर पर काम करते रहते थे और उनका ज्यादातर वक़्त लॉन को ठीक करने में जाता था। उनके लॉन की स्थिति हमारे मुकाबले काफी बेहतर थी। इस वक़्त भी वो अपने गमलो में खाद डालने आये थे।
"अरे वकील साहब, कैसा चल रहा है?" मैंने मैं उत्तर दिया।
रेनू उन्हें देख कर पानी के नीचे चली गई, उसको लगा की पानी में उसकी बिकिनी ज्यादा छोटी लग रही होगी तो वो राजेश से बचना चाहती थी।
राजेश ने खाद के बैग को रख दिया और मुस्कुराते हुए हमारे हिस्से में चले आये।
"अरे मनीष जी बस लॉन का कभी न खत्म होने वाला काम, कभी खाद डालो तो कभी घास काटो तो कभी पेड़ों की छटाई, यही सब चलता रहता है।"
वो रुके और पूल में रेनू की तरफ देखने लगे जो अब वापस पानी की सतह पर आ गयी थी।
"जी खुद करने में मेहनत तो है लेकिन हमारा लॉन देखिये। माली के भरोसे छोड़ने से क्या हालत है और आपका लॉन इसके मुकाबले शानदार है और आप मुझे मनीष जी न कहा करें। आप तो मुझे मोनू कह कर बुलाया करें। सभी दोस्त इसी नाम से बुलाते हैं" मैंने कहा।
"तय रहा लेकिन आप भी मुझे राजेश पुकारेंगे। आप दोनों हमेशा मुझे राजेश जी कहते हैं। भाई मैं इतना भी बूढा नहीं हूँ।" वो हँसते हुए बोले।
"आप दोनों इस पूल का खूब आनंद लेते हैं वर्ना आपस पहले यहां रहने वाले लोगों ने तो कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया। हर इतवार को मैं देखता हूं तो आप लोग तैर रहे हैं।"
"बस पैसे वसूल कर रहे हैं।" मैंने मैं मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
“मार्गरीटा पीयेंगे? आज हमने थोड़ी ज्यादा बना ली है।”
उन्होंने अपना सिर न में हिलाया,
“पहले तो मुझे इधर आना ही नहीं चाहिए था लेकिन अब और रुक कर आप लोगो को डिस्टर्ब नहीं करूंगा।”
“अरे कैसी बात करते है, इसमें डिस्टर्ब करने की क्या बात है” मैंने मैं जोर देकर कहा “रेनू डार्लिंग, प्लीज राजेश के लिए एक ड्रिंक ले आओगी” मैंने रेनू की गांड को पानी के नीचे थपथपाया।
रेनू मुस्कुराई और थोड़ा शरमाते हुए बोली “बिल्कुल अभी लाई”
रेनू धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चली गई और पूल से बाहर निकलते ही उसके बड़े मम्मो से पानी बह निकला। उसकी बिकनी नार्मल पुराने ज़माने टाइप की थी लेकिन फिर भी उस सुर्ख गुलाबी टू पीस बाथिंग सूट में उसका जितना बदन दिख रहा था उतना आज तक राजेश ने नहीं देखा था। अपने पड़ोसी को अपनी सुन्दर बीवी का बदन दिखाने में मुझे एक गर्व सा महसूस हो रहा था।
राजेश मेरी वजह से सीधे रेनू को घूर नहीं पा रहा था लेकिन यह तय था कि उसने जो देखा वह उसे बहुत पसंद आया। जब से हम यहाँ आए हैं, वो जब मौका मिलता तो मेरी नज़र बचा कर रेनू को ताड़ने में संकोच नहीं करता था, लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता क्योंकि लगभग हर आदमी जो रेनू के संपर्क में आता है, वह यही करता है तो मुझे अब इसकी आदत सी हो गयी है।
जैसे ही रेनू ने ड्रिंक उसे थमा दी, उसने हवस भरी नजरो से मेरी बीवी को ऊपर से नीचे देखा और बोला “शुक्रिया मैडम”
रेनू ने फिर से पूल में छलांग लगा दी और मेरे साथ शामिल हो गयी और राजेश फटाफट अपना ड्रिंक पिया
और थोड़ी देर मुझसे बातचीत करने के बाद गुडबाय बोल कर चला गय
"अरे वकील साहब, कैसा चल रहा है?" मैंने मैं उत्तर दिया।
रेनू उन्हें देख कर पानी के नीचे चली गई, उसको लगा की पानी में उसकी बिकिनी ज्यादा छोटी लग रही होगी तो वो राजेश से बचना चाहती थी।
राजेश ने खाद के बैग को रख दिया और मुस्कुराते हुए हमारे हिस्से में चले आये।
"अरे मनीष जी बस लॉन का कभी न खत्म होने वाला काम, कभी खाद डालो तो कभी घास काटो तो कभी पेड़ों की छटाई, यही सब चलता रहता है।"
वो रुके और पूल में रेनू की तरफ देखने लगे जो अब वापस पानी की सतह पर आ गयी थी।
"जी खुद करने में मेहनत तो है लेकिन हमारा लॉन देखिये। माली के भरोसे छोड़ने से क्या हालत है और आपका लॉन इसके मुकाबले शानदार है और आप मुझे मनीष जी न कहा करें। आप तो मुझे मोनू कह कर बुलाया करें। सभी दोस्त इसी नाम से बुलाते हैं" मैंने कहा।
"तय रहा लेकिन आप भी मुझे राजेश पुकारेंगे। आप दोनों हमेशा मुझे राजेश जी कहते हैं। भाई मैं इतना भी बूढा नहीं हूँ।" वो हँसते हुए बोले।
"आप दोनों इस पूल का खूब आनंद लेते हैं वर्ना आपस पहले यहां रहने वाले लोगों ने तो कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया। हर इतवार को मैं देखता हूं तो आप लोग तैर रहे हैं।"
"बस पैसे वसूल कर रहे हैं।" मैंने मैं मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
“मार्गरीटा पीयेंगे? आज हमने थोड़ी ज्यादा बना ली है।”
उन्होंने अपना सिर न में हिलाया,
“पहले तो मुझे इधर आना ही नहीं चाहिए था लेकिन अब और रुक कर आप लोगो को डिस्टर्ब नहीं करूंगा।”
“अरे कैसी बात करते है, इसमें डिस्टर्ब करने की क्या बात है” मैंने मैं जोर देकर कहा “रेनू डार्लिंग, प्लीज राजेश के लिए एक ड्रिंक ले आओगी” मैंने रेनू की गांड को पानी के नीचे थपथपाया।
रेनू मुस्कुराई और थोड़ा शरमाते हुए बोली “बिल्कुल अभी लाई”
रेनू धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चली गई और पूल से बाहर निकलते ही उसके बड़े मम्मो से पानी बह निकला। उसकी बिकनी नार्मल पुराने ज़माने टाइप की थी लेकिन फिर भी उस सुर्ख गुलाबी टू पीस बाथिंग सूट में उसका जितना बदन दिख रहा था उतना आज तक राजेश ने नहीं देखा था। अपने पड़ोसी को अपनी सुन्दर बीवी का बदन दिखाने में मुझे एक गर्व सा महसूस हो रहा था।
राजेश मेरी वजह से सीधे रेनू को घूर नहीं पा रहा था लेकिन यह तय था कि उसने जो देखा वह उसे बहुत पसंद आया। जब से हम यहाँ आए हैं, वो जब मौका मिलता तो मेरी नज़र बचा कर रेनू को ताड़ने में संकोच नहीं करता था, लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता क्योंकि लगभग हर आदमी जो रेनू के संपर्क में आता है, वह यही करता है तो मुझे अब इसकी आदत सी हो गयी है।
जैसे ही रेनू ने ड्रिंक उसे थमा दी, उसने हवस भरी नजरो से मेरी बीवी को ऊपर से नीचे देखा और बोला “शुक्रिया मैडम”
रेनू ने फिर से पूल में छलांग लगा दी और मेरे साथ शामिल हो गयी और राजेश फटाफट अपना ड्रिंक पिया
और थोड़ी देर मुझसे बातचीत करने के बाद गुडबाय बोल कर चला गय