27-07-2022, 03:25 PM
मैं आराम से अपने ड्रिंक की चुस्कियां ले रहा था की तभी रेनू ने पूल में छलांग लगे और पानी के छींटे उड़ कर मेरे ऊपर गिरे। रेनू ने डुबकी लगाई और वह सतह के नीचे तैरती हुई अंत में दूसरे छोर पर निकली। मैं अपना ड्रिंक टेबल पर रखकर खड़ा हो गया और मैंने मैं जल्दी से अपनी शर्ट उतार दी।
मैं 6 फुट का हूँ और बहुत मोटा भी नहीं हूँ और बहुत दुबला भी नहीं हूँ। मैं अपनी पत्नी की तुलना धीरे से पानी में कूद गया और तैरते हुए रेनू के पास चला गया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया, हमारे गीले चेहरे धीरे धीरे करीब आये और मैंने मैं उसके होठो को अपने होठो से बंद कर दिया।
"मैं कल छुट्टी लूंगी" उसने किस तोड़ कर बोला। उसके सुंदर होंठ पानी की नाजुक बूंदों से ढके हुए बहुत खूबसूरत लग रहे थे। आज रविवार था और अब तक बहुत अच्छा बीता था लेकिन दोपहर ढल रही थी और जल्दी ही शाम होने वाली थी।
मैं उसे फिर से चूमा, "काम करने का तो मेरा भी मन नहीं है बेबी।"
"चलो दोनों कल छुट्टी लेते हैं, एक दिन अपने लिए निकालें, मस्ती करेंगे।"
मैं मुस्कुराया, "तुम्हें तो पता है की कल मुंबई से क्लाइंट आ रहे हैं तो मीटिंग के लिए जाना ही होगा। कल तो छुट्टी मुश्किल होगी..."
इससे पहले कि रेनू जिद करती बगल के यार्ड से एक आवाज आई।
"हेल्लो!"
ये हमारे पड़ोसी राजेश जी थे। वो एक सज्जन व्यक्ति थे जिनकी उम्र लगभग 48 वर्ष होगी। वो पेशे से एक वकील थे। लगभग 5'-8 " का कद और एक गठा हुआ शरीर। जिम वाला नहीं लेकिन निश्चित रूप से अपनी उम्र के हिसाब से वो काफी फिट थे। वह मिलनसार स्वभाव के थे और अक्सर हमसे बातें करने आ जाते थे। उनकी पत्नी दिव्या बैंगलोर में अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी के साथ रहती है और वह 3 साल से अधिक समय से यहाँ अकेले रह रहे थे। उनकी बेटी साल में एक बार दफ्तर से छुट्टी लेकर अपनी माँ के साथ उनसे मिलने आती थी और बीच बीच में राजेश भी उनसे मिल आते थे लेकिन ज्यादातर वह बगल के घर में अकेले रहते थे।
मैंने मैं उनसे एक बार पूछा की वो भी बंगलौर क्यों नहीं शिफ्ट हो जाते तो उन्होंनेन्हों कहा की काम धंधा तो यहाँ ह तो वहां क्या करेंगे और एक दो सालों में बेटी की शादी हो जाएगी तो दिव्या भी वापस आ जाएगी। हालाँकि वो बहुत कम ही ऑफिस या कोर्ट जाते थे और मैंने मैं उनको ज्यादातर घर पर ही देखा था। उन्होंनेन्हों कोई नौकर भी नहीं रखा था और अपने सारे काम वो खुद ही करते थे।
मैं 6 फुट का हूँ और बहुत मोटा भी नहीं हूँ और बहुत दुबला भी नहीं हूँ। मैं अपनी पत्नी की तुलना धीरे से पानी में कूद गया और तैरते हुए रेनू के पास चला गया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया, हमारे गीले चेहरे धीरे धीरे करीब आये और मैंने मैं उसके होठो को अपने होठो से बंद कर दिया।
"मैं कल छुट्टी लूंगी" उसने किस तोड़ कर बोला। उसके सुंदर होंठ पानी की नाजुक बूंदों से ढके हुए बहुत खूबसूरत लग रहे थे। आज रविवार था और अब तक बहुत अच्छा बीता था लेकिन दोपहर ढल रही थी और जल्दी ही शाम होने वाली थी।
मैं उसे फिर से चूमा, "काम करने का तो मेरा भी मन नहीं है बेबी।"
"चलो दोनों कल छुट्टी लेते हैं, एक दिन अपने लिए निकालें, मस्ती करेंगे।"
मैं मुस्कुराया, "तुम्हें तो पता है की कल मुंबई से क्लाइंट आ रहे हैं तो मीटिंग के लिए जाना ही होगा। कल तो छुट्टी मुश्किल होगी..."
इससे पहले कि रेनू जिद करती बगल के यार्ड से एक आवाज आई।
"हेल्लो!"
ये हमारे पड़ोसी राजेश जी थे। वो एक सज्जन व्यक्ति थे जिनकी उम्र लगभग 48 वर्ष होगी। वो पेशे से एक वकील थे। लगभग 5'-8 " का कद और एक गठा हुआ शरीर। जिम वाला नहीं लेकिन निश्चित रूप से अपनी उम्र के हिसाब से वो काफी फिट थे। वह मिलनसार स्वभाव के थे और अक्सर हमसे बातें करने आ जाते थे। उनकी पत्नी दिव्या बैंगलोर में अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी के साथ रहती है और वह 3 साल से अधिक समय से यहाँ अकेले रह रहे थे। उनकी बेटी साल में एक बार दफ्तर से छुट्टी लेकर अपनी माँ के साथ उनसे मिलने आती थी और बीच बीच में राजेश भी उनसे मिल आते थे लेकिन ज्यादातर वह बगल के घर में अकेले रहते थे।
मैंने मैं उनसे एक बार पूछा की वो भी बंगलौर क्यों नहीं शिफ्ट हो जाते तो उन्होंनेन्हों कहा की काम धंधा तो यहाँ ह तो वहां क्या करेंगे और एक दो सालों में बेटी की शादी हो जाएगी तो दिव्या भी वापस आ जाएगी। हालाँकि वो बहुत कम ही ऑफिस या कोर्ट जाते थे और मैंने मैं उनको ज्यादातर घर पर ही देखा था। उन्होंनेन्हों कोई नौकर भी नहीं रखा था और अपने सारे काम वो खुद ही करते थे।