26-07-2022, 04:30 PM
भैया के मुहं से चूत शब्द सुनकर में शरमा गयी फिर मुझे गोद मे लेकर फिर से पलंग पर पटक दिया और मुझ पर चड़ कर मेरे निप्पल को अपने मुहं मे लेकर चूसने लगे बीच बीच मे वो अपने दातों से निप्पल को काट देते थे जिससे मैं चीख जाती थी अब भैया ने निप्पल चूसते हुए अपना एक हाथ मेरी चूत मे ले जाकर अपनी एक उंगली घुसा दी मैं भी चूतड़ उछालकर साथ देने लगी फिर भैया ने निप्पल को छोड़कर अपना मुहं मेरी चूत की तरफ लेकर गये और अपने दोनो हाथों से मेरी चूत के होठों को फैलाकर उसमे अपनी जीभ डाल दी। मेरे सारे शरीर पर मानो हज़ारों चीटियाँ दौड़ने लगी मैं उहाहहाहह ऊ मर गयी भैया और अंदर से जैसे शब्द निकालने लगी कुछ ही देर मे मेरा शरीर अकड़ने लगा मैं खत्म होने के कगार पर थी। भैया ने शायद इस बात को समझ लिया और मेरी चूत को चाटना छोड़ दिया फिर भैया ने अपने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा इसे मुहं मे लो ना।
मैने कहा भैया बहुत बड़ा है मुहं दर्द करेगा भैया ने कहा जब मुहं दर्द करेगा तो निकाल लेना। मैने मजबूरी मे हाँ कर दी, फिर भैया ने अपना लंड मेरे होठ पर रख दिए और मैं उसे मुहं मे लेकर चूसने लगी। उनका लंड बड़ी मुश्किल से मेरे मुहं मे आ रहा था। कुछ देर मे भैया गरम हो गये और मेरे सर को पकड़कर मुख चुदाई (ओरल सेक्स) करने लगे, जिससे मेरी साँस अटकने लगी और मुझे खाँसी आने लगी मैं छुड़ाने की कोशिश करने लगी, पर भैया अपना लंड निकालने को तैयार ही नहीं थे।
बड़ी मुश्किल से मैने उनके लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और राहत की साँस ली फिर मैने भैया से कहा की भैया अब देर मत करो मुझसे रहा नहीं जा रहा है। ये सुनकर भैया तेल की शीशी ले आए और मेरे पैरो को फैलाकर उनके बीच बैठ गये और मेरी चूत को फैलाकर उसमे ढेर सारा तेल डाल दिया और तेल की शीशी को किनारे रखकर अपना लंड मेरी चूत मे सटा दिया और अपने दोनो हाथ मेरे कंधे पर रखकर एक झटका दिया जिससे मैं उछल गयी और उनका लंड फिसल गया। भैया ने फिर से अपना लंड चूत पर टिकाया और झटका मारा इस बार तेल के कारण लंड सरसरता हुआ चूत के पर्दे को फड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया और में दर्द के मारे में चिल्ला उठी उईईईई माआ म्माआरररर दद्दला रे मेरे आँखो से आँसू आने लगे भैया ने मेरे बालों को अपने हाथों से प्यार से सहलाते हुए मेरे आँसू पोंछे और कहा बस एक बार और फिर तुम्हे भरपूर मज़ा मिलेगा पर मैं उनकी बात नहीं सुनना चाहती थी। मैं तो बस यही चाहती रही भैया प्लीज़ नहीं सहा जा रहा है, प्लीज़ उठ जाओ, इस बार भैया ने जैसे मेरी बात अनसुना करते हुए बिना किसी चेतावनी के एक और ज़ोर का झटका दिया ये हमला मेरे लिए खतरनाक था। इस बार पूरा लंड गंगनता हुआ चूत को फाड़कर पूरा अंदर चला गया। मुझे तो लगा कि मेरी साँस ही उखड़ गयी है। मुझे असहाय पीड़ा होने लगी थी।
मैं भैया को पीछे धकेलने की पूरी कोशिश किए जा रही थी और रोए जा रही थी और भैया समझाए जा रहे थे, कि जो दर्द होना था हो गया अब मज़ा आएगा, ये कहकर वो मेरे बूब्स को दबाने लगे और धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगे। कुछ ही देर बाद चमत्कारिक रूप से दर्द गायब हो गया और दुख सुख मे बदल गया और मुझे स्वर्ग की अनुभूति होने लगी और मैं गांड उछालकर भैया का पूरा साथ देने लगी और साथ ही साथ आआअहह की आवाज़ निकालने लगी थी।
कुछ ही देर के बाद में झड़ गयी पर भैया रुकने को तैयार ही नहीं थे। में तीन बार झड़ गयी फिर अचानक भैया ने स्पीड बढ़ा दी और भैया का शरीर अकड़ गया और उनके लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, जिससे मेरी चूत भर गयी और दोनो निढाल हो गये कुछ देर बाद हम दोनो बिस्तर से उठे तो देखा बिस्तर मेरी चूत के खून से और भैया के वीर्य से सना हुआ था। मैने बिस्तर को बाथरूम में ले जाकर साफ किया और चूत पर लगे खून को साफ किया पीछे पीछे भैया आ गये तो मैने भैया के लंड को अपने हाथ से रगड़ कर धोया और भैया से कहा भैया तुमने वीर्य अंदर छोड़ दिया है अगर कुछ हो गया तो? तब भैया ने भाभी की एक टेबलेट लाकर दी और कहा इसे खा ले फिर कुछ नहीं होगा। मैंने टेबलेट खा ली और फिर बड़ी मुश्किल से लंगड़ाते हुए बेडरूम तक गयी। चुदाई से मेरा पूरा अंग अंग टूट रहा था। लेकिन मन मे एक सन्तुष्टि भी थी। मैने आज दुनिया की सारी खुशी कुछ ही समय मे पा ली थी और वो भी अपने सगे भाई से। में बेडरूम आकर मैं कपड़े पहनने लगी तो पीछे से भैया ने पकड़ लिया और कहा एक बार और हो जाए, तो मैने पलटकर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, अभी नहीं मेरे भैया पहले मुझे सम्भलने तो दो तुमने तो मेरी हालत ही खराब कर दी है। कहकर मैं कपड़े पहनकर पलंग पर लेट गयी पर भैया पर अभी भी खुमारी छाई हुई थी और वो नंगे थे मेरी बगल मे मुझे बाहों में लेकर लेट गये और में भी इस पर मैं भी उनसे लिपट गयी।
मैने कहा भैया बहुत बड़ा है मुहं दर्द करेगा भैया ने कहा जब मुहं दर्द करेगा तो निकाल लेना। मैने मजबूरी मे हाँ कर दी, फिर भैया ने अपना लंड मेरे होठ पर रख दिए और मैं उसे मुहं मे लेकर चूसने लगी। उनका लंड बड़ी मुश्किल से मेरे मुहं मे आ रहा था। कुछ देर मे भैया गरम हो गये और मेरे सर को पकड़कर मुख चुदाई (ओरल सेक्स) करने लगे, जिससे मेरी साँस अटकने लगी और मुझे खाँसी आने लगी मैं छुड़ाने की कोशिश करने लगी, पर भैया अपना लंड निकालने को तैयार ही नहीं थे।
बड़ी मुश्किल से मैने उनके लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और राहत की साँस ली फिर मैने भैया से कहा की भैया अब देर मत करो मुझसे रहा नहीं जा रहा है। ये सुनकर भैया तेल की शीशी ले आए और मेरे पैरो को फैलाकर उनके बीच बैठ गये और मेरी चूत को फैलाकर उसमे ढेर सारा तेल डाल दिया और तेल की शीशी को किनारे रखकर अपना लंड मेरी चूत मे सटा दिया और अपने दोनो हाथ मेरे कंधे पर रखकर एक झटका दिया जिससे मैं उछल गयी और उनका लंड फिसल गया। भैया ने फिर से अपना लंड चूत पर टिकाया और झटका मारा इस बार तेल के कारण लंड सरसरता हुआ चूत के पर्दे को फड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया और में दर्द के मारे में चिल्ला उठी उईईईई माआ म्माआरररर दद्दला रे मेरे आँखो से आँसू आने लगे भैया ने मेरे बालों को अपने हाथों से प्यार से सहलाते हुए मेरे आँसू पोंछे और कहा बस एक बार और फिर तुम्हे भरपूर मज़ा मिलेगा पर मैं उनकी बात नहीं सुनना चाहती थी। मैं तो बस यही चाहती रही भैया प्लीज़ नहीं सहा जा रहा है, प्लीज़ उठ जाओ, इस बार भैया ने जैसे मेरी बात अनसुना करते हुए बिना किसी चेतावनी के एक और ज़ोर का झटका दिया ये हमला मेरे लिए खतरनाक था। इस बार पूरा लंड गंगनता हुआ चूत को फाड़कर पूरा अंदर चला गया। मुझे तो लगा कि मेरी साँस ही उखड़ गयी है। मुझे असहाय पीड़ा होने लगी थी।
मैं भैया को पीछे धकेलने की पूरी कोशिश किए जा रही थी और रोए जा रही थी और भैया समझाए जा रहे थे, कि जो दर्द होना था हो गया अब मज़ा आएगा, ये कहकर वो मेरे बूब्स को दबाने लगे और धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगे। कुछ ही देर बाद चमत्कारिक रूप से दर्द गायब हो गया और दुख सुख मे बदल गया और मुझे स्वर्ग की अनुभूति होने लगी और मैं गांड उछालकर भैया का पूरा साथ देने लगी और साथ ही साथ आआअहह की आवाज़ निकालने लगी थी।
कुछ ही देर के बाद में झड़ गयी पर भैया रुकने को तैयार ही नहीं थे। में तीन बार झड़ गयी फिर अचानक भैया ने स्पीड बढ़ा दी और भैया का शरीर अकड़ गया और उनके लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, जिससे मेरी चूत भर गयी और दोनो निढाल हो गये कुछ देर बाद हम दोनो बिस्तर से उठे तो देखा बिस्तर मेरी चूत के खून से और भैया के वीर्य से सना हुआ था। मैने बिस्तर को बाथरूम में ले जाकर साफ किया और चूत पर लगे खून को साफ किया पीछे पीछे भैया आ गये तो मैने भैया के लंड को अपने हाथ से रगड़ कर धोया और भैया से कहा भैया तुमने वीर्य अंदर छोड़ दिया है अगर कुछ हो गया तो? तब भैया ने भाभी की एक टेबलेट लाकर दी और कहा इसे खा ले फिर कुछ नहीं होगा। मैंने टेबलेट खा ली और फिर बड़ी मुश्किल से लंगड़ाते हुए बेडरूम तक गयी। चुदाई से मेरा पूरा अंग अंग टूट रहा था। लेकिन मन मे एक सन्तुष्टि भी थी। मैने आज दुनिया की सारी खुशी कुछ ही समय मे पा ली थी और वो भी अपने सगे भाई से। में बेडरूम आकर मैं कपड़े पहनने लगी तो पीछे से भैया ने पकड़ लिया और कहा एक बार और हो जाए, तो मैने पलटकर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, अभी नहीं मेरे भैया पहले मुझे सम्भलने तो दो तुमने तो मेरी हालत ही खराब कर दी है। कहकर मैं कपड़े पहनकर पलंग पर लेट गयी पर भैया पर अभी भी खुमारी छाई हुई थी और वो नंगे थे मेरी बगल मे मुझे बाहों में लेकर लेट गये और में भी इस पर मैं भी उनसे लिपट गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.