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Incest मुंबई की बारिश और .......................
#9
रवि आँखे फाडे अपनी माँ को अपने लंड से मुँह हटाते हुए देखता है. वो आँखे उठाकर उसे देखती है और अपना मुँह खोलती है और अपने मुँह में भरा वीर्य उसको दिखाती है. और उसी तरह मुँह खुला रखकर वो सिर थोड़ा पीछे की ओर झुकाती है और उसका सारा वीर्य निगल जाती है.

रश्मि द्वारा लंड की जबरदस्त चुसाइ के पश्चाताप रवि अपना रस अपनी मम्मी के मुँह में छोड़ देता है

"एम्म्म....बहुत ही स्वादिष्ट था" रश्मि अपने बेटे की आँखों में बेलगाम कामवासना देखते हुए उत्तेजक स्वर में बोलती है. राजिंदर के मरने के बाद आज उसने पहली बार वीर्य का स्वाद चखा था और राजिंदर के अलावा यह एकमात्र लंड था जिसे उसने देखा था, छुआ था, अपने मुँह में लेकर उसे चूसा और चाटा तभी था.

"ओह मम्मी! आप तो कमाल का लॉडा चुस्ती हो. आज तक किसी ने भी मेरा लॉडा इतने जबरदस्त तरीके से नही चूसा था. मुझे इतना मज़ा आया कि मैं बता नही सकता. आप तो लाजवाब हो!" रवि अत्यधिक उत्तेजित स्वार में बोलता है. यह जानकर के उसके बेटे का लंड किसी ने पहले भी चूसा है, रश्मि का दिल जल उठता है. मगर वो उसकी ओर देखकर मुस्कराती है.

"तो अब तैयार हो मेरी चूत मारने के लिए. अपनी सग़ी माँ की चूत में अपना लंड डालकर उसे ठोकने के लिए" रश्मि बड़े ही नखरीले अंदाज़ में रवि से पूछती है. रवि का लंड झड़ने के बाद कुछ छोटा ज़रूर हो गया था मगर अभी भी पूरी तरह से कठोर था. उसे सेक्स करते हुए गंदे लफ़्ज बोलने में बहुत मज़ा आता था और यह राजिंदर को भी बहुत पसंद था. बेड पर चुदाई के समय वो बहुत सेक्सी अश्लील बातें बोलती थी जिससे चुदाई का मज़ा और भी बढ़ जाता था. वो जानने को उत्सक थी कि क्या उसका बेटा भी अपने बाप की तेरह उसकी इन अश्लील गंदी बातों से उत्तेजित होता है?

रश्मि अपनी टांगे उँची उठाती है और रवि के सामने पूरा नज़ारा पेश करती है अपनी कच्छि उतारने का. वो कच्छि को धीरे धीरे अपनी गान्ड से नीचे खिसकाती है और फिर अपनी गान्ड उपर उठाकर धीरे धीरे टाँगो से नीचे करती जाती है. अब उसकी कच्छि उसके पावं के अंगूठे में झूल रही थी. रवि आगे झुकते हुए उसकी कच्छि उसके पावं से खींच लेता है और उसे अपनी नाक से लगा कर गहरी साँस लेते हुए उसकी खुसबु सूँघता है. अपने बेटे द्वारा अपनी गंदी कच्छि को सूँघते हुए देखकर रश्मि के अंदर का कामवासना का तूफान और भी तेज़ हो जाता है.

"उन्हे फेंक दो रवि और इधर आकर इसे चखो और बताओ इसका स्वाद कैसा है" रश्मि सीसियाते हुए बोलती है.

रवि उसकी टाँगो के बीच में देखता है . उसकी माँ की चूत पर गहरे काले रंग के छोटे छोटे बाल थे. उसकी चूत के होंठ मोटे और सूजे हुए नज़र आ रहे थे और रवि अब और इंतज़ार नही कर सकता था. उसका लॉडा अब बुरी तरह से झटके मार रहा था और अब वो बस उसकी गीली चूत में अपना लॉडा घुसेड देना चाहता था.

अपनी माँ की फैली टाँगो को पकड़ कर वो उसे बेड के किनारे की ओर खींचता है और फिर उन्हे पूरी तरह से फैला देता है. अब रवि अपनी माँ की चूत के अंदर का गुलाबीपन देख रहा था, उसकी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी. वो अपना लॉडा चूत के मुहाने पर टिकाटा है और उसे अंदर की ओर घुसेड़ता है. उसकी चूत काफ़ी संकरी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मुंबई की बारिश और ....................... - by neerathemall - 26-07-2022, 04:20 PM



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