25-07-2022, 03:04 PM
अब उसने अपना मुँह हल्का मेरी तरफ किया और धीमी आवाज में बोली- भैया, अगर करना ही है, तो पहले अमन को देख लो, कहीं वो जाग ना जाए। भैया में नहीं चाहती कि इस सबके कारण हमारी बदनामी हो।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा। ये सुनकर संगीता चुप तो हो गई मगर वो फिर से कराहने लगी। वो कराहती रही और मैं उसकी गांड में लंड अन्दर बाहर करता रहा पर वो मुझे अपनी चूत को हाथ नहीं लगाने दे रही थी और बिना हिले ही अपनी गांड की चुदाई करवा रही थी।
दस मिनट तक गांड चुदाई का मजा लेने के बाद अब मैं झड़ने के करीब था इसलिए मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले जाना चाहता था। पर उसने चूत को छूने तक नहीं दिया। मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया गांड पेलने लगा।
जब मेरा वीर्य निकलने को हुआ तो मैं उससे चिपक गया और पूरा लंड गांड की जड़ में पेल दिया। फिर मैं तेज तेज झटके मारने लगा और उसकी गांड में झड़ गया। वीर्य की गर्मी से उसने गांड को और सिकोड़ लिया और उसकी गांड ने झटके लेकर लंड का सारा वीर्य निचोड़ लिया।
झड़ने के बाद मैंने उसके कान में आई लव यू कहा, पर वह बस मीठी आह ले रही थी। मुझे अब नींद आ रही थी। मैं बिना लंड गांड से निकाले उससे चिपक कर सो गया। सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि अमन मेरे बाजू में सो रही थी।
मेरा लंड अब भी संगीता की गांड में था और पूरी तरह से तना हुआ था। मेरे हिलने से लंड में हलचल से संगीता जाग गई और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी। मैं उसे चुम्मी करने के लिए जैसे ही आगे हुआ, लंड उसकी गांड में पूरा अन्दर चला गया और किसी गुदगुदी चीज से टकरा गया।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा। ये सुनकर संगीता चुप तो हो गई मगर वो फिर से कराहने लगी। वो कराहती रही और मैं उसकी गांड में लंड अन्दर बाहर करता रहा पर वो मुझे अपनी चूत को हाथ नहीं लगाने दे रही थी और बिना हिले ही अपनी गांड की चुदाई करवा रही थी।
दस मिनट तक गांड चुदाई का मजा लेने के बाद अब मैं झड़ने के करीब था इसलिए मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले जाना चाहता था। पर उसने चूत को छूने तक नहीं दिया। मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया गांड पेलने लगा।
जब मेरा वीर्य निकलने को हुआ तो मैं उससे चिपक गया और पूरा लंड गांड की जड़ में पेल दिया। फिर मैं तेज तेज झटके मारने लगा और उसकी गांड में झड़ गया। वीर्य की गर्मी से उसने गांड को और सिकोड़ लिया और उसकी गांड ने झटके लेकर लंड का सारा वीर्य निचोड़ लिया।
झड़ने के बाद मैंने उसके कान में आई लव यू कहा, पर वह बस मीठी आह ले रही थी। मुझे अब नींद आ रही थी। मैं बिना लंड गांड से निकाले उससे चिपक कर सो गया। सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि अमन मेरे बाजू में सो रही थी।
मेरा लंड अब भी संगीता की गांड में था और पूरी तरह से तना हुआ था। मेरे हिलने से लंड में हलचल से संगीता जाग गई और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी। मैं उसे चुम्मी करने के लिए जैसे ही आगे हुआ, लंड उसकी गांड में पूरा अन्दर चला गया और किसी गुदगुदी चीज से टकरा गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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