25-07-2022, 03:01 PM
मैं एक किनारे लेट गया था और अपने मोबाईल में सेक्स वीडियो देखने लगा। सर्दी का टाईम था तो सभी ने अपने ऊपर रजाई डाल रखी थी। मैं अपनी रजाई में मोबाइल की आवाज बंद कर सेक्स वीडियो देखने लगा जिससे मुझे सेक्स करने का मन करने लगा।
कमरे में पूरा अंधेरा था। मैंने मोबाईल बंद किया और संगीता की तरफ खिसक कर अपना एक हाथ संगीता की तरफ डाल दिया। मैं अपने हाथ को हल्के से आगे ले जाने लगा। मेरा हाथ संगीता की गांड से जा लगा।
मैंने अपने हाथ को और आगे बढ़ाया तो मेरा पूरा हाथ उसकी गांड पर आ गया। मैं अपनी एक उंगली उसकी गांड की दरार में फेरने लगा। उसके चूतड़ बहुत छोटे थे जिस कारण मेरी उंगली उसकी गांड के छेद तक आराम से चली गई।
अब मुझसे रुका ना गया और मैंने अपनी उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी। इससे वो एकदम से उचक गई और जाग गई। वो मेरी तरफ पलट गई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी रजाई से बाहर निकाल दिया, पर कुछ बोली नहीं।
मैंने फिर से अपना हाथ उसकी रजाई में डाल दिया तो उसने मेरे हाथ में अपने नाखून गड़ा दिए पर मैंने हाथ बाहर नहीं निकाला। वो नाखूनों से मेरे हाथ को नौंचने लगी, तो मैंने उसकी कमर पर हाथ डाल कर अपनी तरफ खींच लिया।
अब वो एकदम शांत हो गई। मैंने भी सीधे उसकी सलवार में हाथ डाल दिया। वो अभी भी कुछ नहीं बोली तो मैं उसकी गांड में उंगली करने लगा। वो चुप पड़ी रही और कुछ नहीं बोल रही थी। मैं उसकी गांड में उंगली अन्दर बाहर करता रहा।
फिर उंगली उसकी चूत में लगाई तो उसने हटा दी। मैं उसकी चूत के बजाये गांड में उंगली करने लगा और मेरी उंगली उसकी गांड में काफी अन्दर तक जा रही थी। मुझे लगा कि इसका भी चुदवाने का मन हो रहा है।
कमरे में पूरा अंधेरा था। मैंने मोबाईल बंद किया और संगीता की तरफ खिसक कर अपना एक हाथ संगीता की तरफ डाल दिया। मैं अपने हाथ को हल्के से आगे ले जाने लगा। मेरा हाथ संगीता की गांड से जा लगा।
मैंने अपने हाथ को और आगे बढ़ाया तो मेरा पूरा हाथ उसकी गांड पर आ गया। मैं अपनी एक उंगली उसकी गांड की दरार में फेरने लगा। उसके चूतड़ बहुत छोटे थे जिस कारण मेरी उंगली उसकी गांड के छेद तक आराम से चली गई।
अब मुझसे रुका ना गया और मैंने अपनी उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी। इससे वो एकदम से उचक गई और जाग गई। वो मेरी तरफ पलट गई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी रजाई से बाहर निकाल दिया, पर कुछ बोली नहीं।
मैंने फिर से अपना हाथ उसकी रजाई में डाल दिया तो उसने मेरे हाथ में अपने नाखून गड़ा दिए पर मैंने हाथ बाहर नहीं निकाला। वो नाखूनों से मेरे हाथ को नौंचने लगी, तो मैंने उसकी कमर पर हाथ डाल कर अपनी तरफ खींच लिया।
अब वो एकदम शांत हो गई। मैंने भी सीधे उसकी सलवार में हाथ डाल दिया। वो अभी भी कुछ नहीं बोली तो मैं उसकी गांड में उंगली करने लगा। वो चुप पड़ी रही और कुछ नहीं बोल रही थी। मैं उसकी गांड में उंगली अन्दर बाहर करता रहा।
फिर उंगली उसकी चूत में लगाई तो उसने हटा दी। मैं उसकी चूत के बजाये गांड में उंगली करने लगा और मेरी उंगली उसकी गांड में काफी अन्दर तक जा रही थी। मुझे लगा कि इसका भी चुदवाने का मन हो रहा है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.