25-07-2022, 02:45 PM
फिर मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाला तो वो पूरी गीली हो चुकी थी और रह-रह कर पानी निकाल रही थी। मैंने देर ना करते हुए अपने कपड़े भी उतार दिए और 69 की पोजिशन में आ गया और उसकी पैन्टी को उतार दिया और उसकी गुलाबी चूत पर अपने होंठों को रख दिया और उसकी चूत का रसपान करने लगा। निशा पागल हुए जा रही थी- आह्ह उह्ह, पी लेएए मेरी जान्न्न, जी भर केएए पी आज्ज, साली बोहोत्त तड़पाती है…!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.