25-07-2022, 11:31 AM
(This post was last modified: 25-07-2022, 11:58 AM by Lingaaa. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
हेलो दोस्तों
यह स्टोरी मैं लीखने जाह रहा हूं यह एक ऐसी औरत की है,वह दुर्भाग्य बस एक ऐसे आदमी से प्यार कर बैठति, जिसने उसकी जिंदगी बर्बाद कर उसकी मान सम्मान इज्जत कै लूट के उसको समाज और उसकी परिवार लोगों की मुंह दिखाने के लायक नहीं रखा.लेकिन वक्त बदलने में समय नहीं लगता है, औरत का प्यार, मोहब्बत, सादगी ने उस आदमी में ऐसा बदलाव लाया कि उसके आदमी ने अपनी जिंदगी वोः औरत के नाम कर दिया.
दोस्तों प्यार एक नाम या किताब में पढ़ने वाली चीज नहीं है. उसमे जो गिरता है या वह बहुत दर्द में रहता है नहीं तो आत्माखुस करने वाली सुकून में रहता है. अगर आप कभी अच्छे मूड में है तो आपको गर्मी के मौसम में भी ठंडी हवाओं का आनंद मिलता है . सुकून मिलने वाली गाने कान में सुनाई देता और उनको गुनगुना ने लगते हो.जबकि उस गाने ना . रियल में दूर-दूर तक बज रहा होता है . यह प्यार भी ऐसे ही खुशी का एहसास है. चलो दोस्त तो वह औरत क्या क्या कहानी है उसका प्यार नफरत उसकी उलझन भरी जिंदगी के रास्ते में कितनि दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बिहार में रामगढ बोल के गाँव था ,उस गाओं के मुखियाजी थे चौधारी ब्रिजमोहन मिश्रा . चौधारी जी देखने में बहुत ही हटते कट्टे और आकर्षित पुरुष है. भल्ले हि उमर 52 साल हो गया हो लेकिन शारीरिक पूर्ति अभी था. हररोज 2 लीटर दूध पीना, शुद्ध शाकाहारी थे.अखाड़े में अच्छे-अच्छे पहलवान उनके सामने धूल चाट लेते थे जैसा उनका तन था वैसा उनका मन भी था. वह बहुत ही शांत स्वभाव सत्यवान दयालु आदमी थे. उनके नाम का करीबन 200एकर जमीन के होते हुए भी उनके मन में अहंकार प्लपने नहीं दिया. सबके साथ उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा था. उनका एक ही दिक्कत था कि वह अपने दुश्मन को निस्तहो नाबूद कर देते थे.
उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी चौधराइन कामिनी देवी थी. जो एक बहुत ही सीधी की साधी संस्कारी और घरेलू महिला थी. उमर में 45 साल के होने के बाद भी शारीरिक तंदुरुस्ती और फुर्ती बहुत थी. क्यों ना हो घर के सारे छोटे से छोटा काम गाय,फसल, बच्चों को संभालना सब कुछ अकेले ही करती थी. हर रोज सुबह 5:00 बजे से लेकर रात को घर का हर सदस्य, यहां तक कि गाय बकरी को दाना देना, सबका ख्याल रखती थी. पूजा पाठ में हमेशा खुद को निच्छावरकर देती थी. पारिवारिक सुख और समृद्धि के लिए कई कई दिनों तक नरजल उपवास भी करती थी. जिसके कारण हमेशा खुशी उन के मुख पर रहता था. उनके सौंदर्य की चर्चा कई कई गांव तक फैला हुआ था. भरा हुआ गोदराई जिस्म की मालकिन थी, उबरी हुई स्तन गुलाब की पकौड़ी सेक्सी हॉट और काले बादल से गिहरा नैयन नक्श, माथे पे बड़ा सा लाल रंग की बिंदी, और सर पर सिंदूर, एक पति बरता पत्नी होने का हर चीज उन में दिखाई देता था. उन के सुंदरिया को देखे कोई बोल नहीं सकता था कि वह दो बच्चों की मां है.
उनकी पहला बच्चा सरिता, जिसकी उम्र 26 साल थी और वह शादी करके दूसरी गांव में अपने घर संसार में व्यस्त थी.
और उनकी दूसरा बच्चा अजय,जो 24 साल का एक लौंडा था, उसने भी अभी 1 साल पहले ही शादी किया था. जो अपने पिता के जैसा जोशीला था मगर वह बहुत ही गुस्से वाला लड़का था. उसकी बीवी रेणुका जो कि 18 साल की एक कच्ची उम्र वाली लड़की थी. जिससे अजय बहुत प्यार करता था,और उसने इतनी कम उम्र में उससे शादी कर लिया था