21-07-2022, 05:10 PM
जिस घड़ी का उसे बेसब्री से इंतजार था वो बस आने ही वाली थी...
वो आकर अपनी चेयर पर बैठा और फिर से बियर पीने लगा, करीब 5 मिनट बाद उसके मोबाइल पर पूजा की कॉल आ गयी. वो पास की ही मार्केट में बने एक रेस्टोरेंट में बैठ कर कुछ स्नेक्स खा रहे थे..
पूजा : "जीजू....मुझसे तो अब ये आधा घंटा भी बर्दाश्त नही हो रहा....''
अजय मुस्कुरा दिया और बोला : "तो सीधा यहीं आ जाती ना....ऐसे जाने की ज़रूरत क्या थी...''
पूजा : "यही तो आपका प्लान था जीजू...और अच्छा हुआ हमने ऐसा प्लान बनाया, क्योंकि जब तक मैं और रिया यहाँ से निकल नही गये, मम्मी और प्राची दीदी बाल्कनी पर ही खड़े होकर हमें देख रहे थे...मुझे तो बड़ा अजीब सा लग रहा था की वो ऐसे क्यो देख रहे है...कही उन्हे शक़ तो नही हो गया...और उपर से रिया की बच्ची ने भी नीचे आने मे इतना टाइम लगा दिया...''
ये बात सुनकर उसकी बगल में बैठी रिया खिलखिलाकर हंस दी....
पूजा : "और जब ये नीचे आई तो मैं तो इसके लाल चेहरे को देखकर ही समझ गयी थी की आपने इसे ऐसे ही नही आने दिया होगा...''
अब अजय बोला : "तो क्या करता मैं ....जैसे तुमसे ये टाइम नही कट रहा, मेरा भी तो यही हाल है...सुबह से एक -2 मिनट काटना मुश्किल हो रहा है...बस अब तो तुम आ जाओ...फिर देखना...''
अजय अपने लंड को सहला कर उसे ये बात बोल रहा था...और अजय की ये बात सुनकर पूजा की साँसे भी तेज हो उठी...वो हकलाती हुई सी आवाज़ मे बोली : "क...क्या...क्या करोगे आज मेरे साथ....''
अजय ने अपनी केप्री घुटनो से नीचे खिसका दी...और अपना लंड बाहर निकाल कर उपर से नीचे तक रगड़ डाला.. और बोला : "तुम आओ तो सही...ऐसे फोन पर बताने का क्या फायदा ...और वैसे भी तुम्हारी सब बाते वो रिया भी तो सुन रही होगी ना...''
पूजा : "नही....मुझे अभी सुनना है....प्लीज़ बताओ ना....और इसकी तो फ़िक्र छोड़ ही दो आप....इसके होने या ना होने से अब मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...''
अजय समझ गया की उन दोनों बहनो के बीच की सब दीवारे अब गिर चुकी है...इसलिए पूजा ऐसा बोल रही है...और पूजा अपनी होने वाली चुदाई की बाते सुनने के लिए जब खुद ही इतनी लालायित हो रही थी तो वो कौन था जो ऐसे चुपचाप बैठता...वैसे भी अगले 20 मिनट तो उन्हे टाइम पास करना ही था ना...
अजय : "चलो , जब तुम नही मानती तो मैं कौन होता हूँ ...लेकिन मेरी भी एक शर्त है...मैं आज के बाद तुम्हे जो भी कहूँगा, तुम बिना किसी आर्गुमेंट के वो बात मान लिया करोगी...और ये शर्त अभी से लागू होगी...''
पूजा को भला इसमे क्या आपत्ति हो सकती थी...उसने अपने जीजू की ये बात झट से मान ली..
अजय : "अच्छा , पहले बताओ...इस वक़्त मेरे हाथ में क्या है...''
पूजा : "आपके हाथ में ....ये मुझे कैसे पता...शायद.....बियर का ग्लास....''
उसे रिया ने बता दिया था की जीजू उपर बैठकर बियर पी रहे है...और ये भी बताया था की उनके बियर से भीगे होंठों को किस्स करके बड़ा मज़ा आया...उसे बियर की महक भी बहुत पसंद आई..
"नही....कुछ और है...जिसके लिए तुम मेरे पास आ रही हो...'' अजय अपने लंड पर हाथ फेरता हुआ बड़ी शान से बोला...
अब तो पूजा एक झटके में समझ गयी....और शरमाते हुए बोली : "ओहोओओओओ....अच्छा ....तो आप उसकी बात कर रहे है...ही ही...आप उसे इस वक़्त हाथ में लेकर बैठे हो...''
अजय : "हाँ ....अब समझ गयी ना...तो बताओ....क्या है ये...''
पूजा की हालत खराब हो रही थी...
एक भीड़भाड़ वाले रेस्टोरेंट में बैठकर उसकी चूत के पसीने निकल गये अपने जीजू की ये बात सुनकर..
और सामने बैठी रिया तो उसके चेहरे को देखकर यही समझने की कोशिश कर रही थी की दोनो के बीच क्या बात हो रही है..
पूजा : "नई जीजू....मैं नही जानती....मुझे शर्म आती है...''
अजय : "अभी तुमने कहा ना की मेरी किसी भी बात के लिए मना नही करोगी...बोलो....क्या नाम है इसका...''
पूजा भी समझ गयी की अजय ने उसे अपने खेल मे फँसा लिया है...इसलिए अब उसके मुताबिक ही बेशर्म बनकर ये खेल उसे खेलना होगा...और ऐसा करते हुए उसके बदन मे अजीब सी तरंगे उठ रही थी...वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोली : "ल..ल....लंड ....''
लंड पूजा ने बोला, लेकिंग मुँह रिया का खुला रह गया...अब तो रिया का सारा ध्यान उनकी बातों पर ही लग गया..
अजय : "शाबाश.....अब ये सोचो...की ये तुम्हारे बिल्कुल सामने है....लेकिन एकदम मुरझाया हुआ सा....सोया हुआ सा....और तुम्हे इसे खड़ा करना है...समझी....बोलो....कैसे करोगी ये...''
पूजा की तो आँखे बंद हो गयी ये सुनकर ....और उसकी नज़रों में अजय का लंड दिखाई देने लग गया...वो उसके सामने बैठी हुई अपनी उंगलियो से उसे सहला रही थी...
पूजा : "मैं .....इसको....अपने मुँह में ...मुँह में लेकर....प्यार करूँगी....''
अजय : "ओह...पूजा.....तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा मेरी जान....''
पूजा : "क्यो ....मैने कुछ ग़लत कहा क्या....??''
अजय : "और नही तो क्या....तुम्हे बोलना चाहिए था की मैं आपके लंड को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसूंगी की ये एक मिनट में खड़ा होकर मेरी चुदाई के लिए तैयार हो जाएगा....''
पूजा ये बात सुनकर शरमा गयी....और बोली : "इस्श्ह्ह्ह्ह्ह्ssssssssss .....जीजू...आप भी ना....कितने गंदे हो....''
अजय : "लंड वाले हमेशा गंदे ही होते है...''
पूजा उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी..
अजय : "अच्छा ..अब बोलो ना....''
पूजा ने देखा की उसके सामने बैठी रिया कान लगाकर उनकी बाते सुन रही है...वो शरमाते हुए बोली : "नही जीजू.... ऐसे नही....ये मैं आपको करके दिखौँउंगी ...''
अजय भी समझ गया की ऐसे ज़बरदस्ती करना भी ठीक नही है....वैसे भी ये अभी तक चुदी नही है...एक बार चुद जाए तो ये रही सही शर्म भी ख़त्म ही जाएगी.. इसलिए उसने बात बदल दी...और कुछ और बाते करने लगा... लेकिन वो अब भी सेक्स से जुड़ी बाते ही कर रहा था...ताकि पूजा की चूत की गर्मी बनी रहे..
और ऐसे करते-2 करीब 20 मिनट बीत गये....अजय ने उसे वहां से निकलने के लिए कहा...क्योंकि 10 मिनट तो उन्हे वापिस आने में भी लगते...अब करीब 10 बजने वाले थे...पूरे मोहल्ले में अंधेरा था...सब लोग अपने-2 घरों में सो रहे थे या सोने की तैयारी कर रहे थे..ऐसे में पूजा और रिया को वापिस आने में कोई मुश्किल नही होनी थी.
वो दोनो चुपचाप चलती हुई आई और जल्दी से अजय के घर की सीडिया चड गयी...उनका प्लान काम कर गया था..किसी ने भी उन्हे अंदर जाते हुए नही देखा था.
अजय ने तो पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा हुआ था...वो दोनो जब अंदर आई तो अजय ने दरवाजा बंद कर दिया...और जैसे ही वो पलटा, पूजा उससे पागलो की तरह लिपट गयी...और उसे बुरी तरहा से चूमने लगी.
उनके पीछे खड़ी रिया तो ऐसे उत्तेजित सीन को देखकर वहीँ जम कर रह गयी...
आज की रात इस घर में एक तूफान आने वाला था.
वो आकर अपनी चेयर पर बैठा और फिर से बियर पीने लगा, करीब 5 मिनट बाद उसके मोबाइल पर पूजा की कॉल आ गयी. वो पास की ही मार्केट में बने एक रेस्टोरेंट में बैठ कर कुछ स्नेक्स खा रहे थे..
पूजा : "जीजू....मुझसे तो अब ये आधा घंटा भी बर्दाश्त नही हो रहा....''
अजय मुस्कुरा दिया और बोला : "तो सीधा यहीं आ जाती ना....ऐसे जाने की ज़रूरत क्या थी...''
पूजा : "यही तो आपका प्लान था जीजू...और अच्छा हुआ हमने ऐसा प्लान बनाया, क्योंकि जब तक मैं और रिया यहाँ से निकल नही गये, मम्मी और प्राची दीदी बाल्कनी पर ही खड़े होकर हमें देख रहे थे...मुझे तो बड़ा अजीब सा लग रहा था की वो ऐसे क्यो देख रहे है...कही उन्हे शक़ तो नही हो गया...और उपर से रिया की बच्ची ने भी नीचे आने मे इतना टाइम लगा दिया...''
ये बात सुनकर उसकी बगल में बैठी रिया खिलखिलाकर हंस दी....
पूजा : "और जब ये नीचे आई तो मैं तो इसके लाल चेहरे को देखकर ही समझ गयी थी की आपने इसे ऐसे ही नही आने दिया होगा...''
अब अजय बोला : "तो क्या करता मैं ....जैसे तुमसे ये टाइम नही कट रहा, मेरा भी तो यही हाल है...सुबह से एक -2 मिनट काटना मुश्किल हो रहा है...बस अब तो तुम आ जाओ...फिर देखना...''
अजय अपने लंड को सहला कर उसे ये बात बोल रहा था...और अजय की ये बात सुनकर पूजा की साँसे भी तेज हो उठी...वो हकलाती हुई सी आवाज़ मे बोली : "क...क्या...क्या करोगे आज मेरे साथ....''
अजय ने अपनी केप्री घुटनो से नीचे खिसका दी...और अपना लंड बाहर निकाल कर उपर से नीचे तक रगड़ डाला.. और बोला : "तुम आओ तो सही...ऐसे फोन पर बताने का क्या फायदा ...और वैसे भी तुम्हारी सब बाते वो रिया भी तो सुन रही होगी ना...''
पूजा : "नही....मुझे अभी सुनना है....प्लीज़ बताओ ना....और इसकी तो फ़िक्र छोड़ ही दो आप....इसके होने या ना होने से अब मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता...''
अजय समझ गया की उन दोनों बहनो के बीच की सब दीवारे अब गिर चुकी है...इसलिए पूजा ऐसा बोल रही है...और पूजा अपनी होने वाली चुदाई की बाते सुनने के लिए जब खुद ही इतनी लालायित हो रही थी तो वो कौन था जो ऐसे चुपचाप बैठता...वैसे भी अगले 20 मिनट तो उन्हे टाइम पास करना ही था ना...
अजय : "चलो , जब तुम नही मानती तो मैं कौन होता हूँ ...लेकिन मेरी भी एक शर्त है...मैं आज के बाद तुम्हे जो भी कहूँगा, तुम बिना किसी आर्गुमेंट के वो बात मान लिया करोगी...और ये शर्त अभी से लागू होगी...''
पूजा को भला इसमे क्या आपत्ति हो सकती थी...उसने अपने जीजू की ये बात झट से मान ली..
अजय : "अच्छा , पहले बताओ...इस वक़्त मेरे हाथ में क्या है...''
पूजा : "आपके हाथ में ....ये मुझे कैसे पता...शायद.....बियर का ग्लास....''
उसे रिया ने बता दिया था की जीजू उपर बैठकर बियर पी रहे है...और ये भी बताया था की उनके बियर से भीगे होंठों को किस्स करके बड़ा मज़ा आया...उसे बियर की महक भी बहुत पसंद आई..
"नही....कुछ और है...जिसके लिए तुम मेरे पास आ रही हो...'' अजय अपने लंड पर हाथ फेरता हुआ बड़ी शान से बोला...
अब तो पूजा एक झटके में समझ गयी....और शरमाते हुए बोली : "ओहोओओओओ....अच्छा ....तो आप उसकी बात कर रहे है...ही ही...आप उसे इस वक़्त हाथ में लेकर बैठे हो...''
अजय : "हाँ ....अब समझ गयी ना...तो बताओ....क्या है ये...''
पूजा की हालत खराब हो रही थी...
एक भीड़भाड़ वाले रेस्टोरेंट में बैठकर उसकी चूत के पसीने निकल गये अपने जीजू की ये बात सुनकर..
और सामने बैठी रिया तो उसके चेहरे को देखकर यही समझने की कोशिश कर रही थी की दोनो के बीच क्या बात हो रही है..
पूजा : "नई जीजू....मैं नही जानती....मुझे शर्म आती है...''
अजय : "अभी तुमने कहा ना की मेरी किसी भी बात के लिए मना नही करोगी...बोलो....क्या नाम है इसका...''
पूजा भी समझ गयी की अजय ने उसे अपने खेल मे फँसा लिया है...इसलिए अब उसके मुताबिक ही बेशर्म बनकर ये खेल उसे खेलना होगा...और ऐसा करते हुए उसके बदन मे अजीब सी तरंगे उठ रही थी...वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोली : "ल..ल....लंड ....''
लंड पूजा ने बोला, लेकिंग मुँह रिया का खुला रह गया...अब तो रिया का सारा ध्यान उनकी बातों पर ही लग गया..
अजय : "शाबाश.....अब ये सोचो...की ये तुम्हारे बिल्कुल सामने है....लेकिन एकदम मुरझाया हुआ सा....सोया हुआ सा....और तुम्हे इसे खड़ा करना है...समझी....बोलो....कैसे करोगी ये...''
पूजा की तो आँखे बंद हो गयी ये सुनकर ....और उसकी नज़रों में अजय का लंड दिखाई देने लग गया...वो उसके सामने बैठी हुई अपनी उंगलियो से उसे सहला रही थी...
पूजा : "मैं .....इसको....अपने मुँह में ...मुँह में लेकर....प्यार करूँगी....''
अजय : "ओह...पूजा.....तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा मेरी जान....''
पूजा : "क्यो ....मैने कुछ ग़लत कहा क्या....??''
अजय : "और नही तो क्या....तुम्हे बोलना चाहिए था की मैं आपके लंड को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसूंगी की ये एक मिनट में खड़ा होकर मेरी चुदाई के लिए तैयार हो जाएगा....''
पूजा ये बात सुनकर शरमा गयी....और बोली : "इस्श्ह्ह्ह्ह्ह्ssssssssss .....जीजू...आप भी ना....कितने गंदे हो....''
अजय : "लंड वाले हमेशा गंदे ही होते है...''
पूजा उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी..
अजय : "अच्छा ..अब बोलो ना....''
पूजा ने देखा की उसके सामने बैठी रिया कान लगाकर उनकी बाते सुन रही है...वो शरमाते हुए बोली : "नही जीजू.... ऐसे नही....ये मैं आपको करके दिखौँउंगी ...''
अजय भी समझ गया की ऐसे ज़बरदस्ती करना भी ठीक नही है....वैसे भी ये अभी तक चुदी नही है...एक बार चुद जाए तो ये रही सही शर्म भी ख़त्म ही जाएगी.. इसलिए उसने बात बदल दी...और कुछ और बाते करने लगा... लेकिन वो अब भी सेक्स से जुड़ी बाते ही कर रहा था...ताकि पूजा की चूत की गर्मी बनी रहे..
और ऐसे करते-2 करीब 20 मिनट बीत गये....अजय ने उसे वहां से निकलने के लिए कहा...क्योंकि 10 मिनट तो उन्हे वापिस आने में भी लगते...अब करीब 10 बजने वाले थे...पूरे मोहल्ले में अंधेरा था...सब लोग अपने-2 घरों में सो रहे थे या सोने की तैयारी कर रहे थे..ऐसे में पूजा और रिया को वापिस आने में कोई मुश्किल नही होनी थी.
वो दोनो चुपचाप चलती हुई आई और जल्दी से अजय के घर की सीडिया चड गयी...उनका प्लान काम कर गया था..किसी ने भी उन्हे अंदर जाते हुए नही देखा था.
अजय ने तो पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा हुआ था...वो दोनो जब अंदर आई तो अजय ने दरवाजा बंद कर दिया...और जैसे ही वो पलटा, पूजा उससे पागलो की तरह लिपट गयी...और उसे बुरी तरहा से चूमने लगी.
उनके पीछे खड़ी रिया तो ऐसे उत्तेजित सीन को देखकर वहीँ जम कर रह गयी...
आज की रात इस घर में एक तूफान आने वाला था.